फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर त्रिवेणी हनुमान मंदिर है। ये जगह अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित है। यहां बैठे हुए हनुमानजी की 111 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा बनकर तैयार हो गई है। त्रिवेणी हनुमान मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस मूर्ति का निर्माण 2011 में शुरू किया गया था। इस प्रतिमा को बनने में करीब 8 साल का समय लगा है। अब भक्त हनुमानजी के इस विशाल स्वरूप के दर्शन कर सकेंगे।

 2008 में बना मंदिर का ट्रस्ट

त्रिवेणी हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी खेमचंद के अनुसार बड़खल ग्राम पंचायत द्वारा स्व. तेजराम दास को मंदिर निर्माण के लिए जमीन दान में दी गई थी। 1976 में हनुमान मंदिर की नींव रखी गई और 2008 में त्रिवेणी हनुमान मंदिर ट्रस्ट बनाया गया। इस ट्रस्ट ने और हनुमानजी के अन्य भक्तों ने मिलकर इस विशाल प्रतिमा का निर्माण शुरू किया था। ट्रस्ट इस मूर्ति को लिम्का बुक में दर्ज करवाना चाहता है। उनके अनुसार बैठे हुए हनुमानजी की इतनी बड़ी मूर्ति कहीं और नहीं है।

ये हैं हनुमानजी की मूर्ति की खास बातें

इस प्रतिमा का मुकुट की ऊंचाई करीब 31 फीट है। हनुमानजी की गदा 71 फीट, छाती 41 फीट, मूर्ति का दुपट्टा करीब 100 फीट, बजरंग बली की पूंछ की लंबाई करीब 101 फीट है। कमर 31 फीट और कलाई की लंबाई 10 फीट है। हनुमान के हाथ में 11 फीट का कड़ा है। इनकी लंगोट 41 फीट की है। एड़ी की लंबाई 21 फीट है। हाथों की लंबाई करीब 21 फीट है। पैरों की उंगलियों की लंबाई करीब ढाई फीट है। हाथों के अंगूठों की लंबाई करीब 4 फीट है। हाथ की उंगलियों की लंबाई करीब 5 फीट है।

Input : Dainik Bhaskar

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