बिहार के लोगों को निर्बाध चौबीस घंटे बिजली देने की योजना कंपनी ने बनाई है। इसके लिए बिजली फीडरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी बिहार में औसतन 30-30 किलोमीटर की दूरी पर 11केवीए के फीडर हैं। इसे कम कर 20 किलोमीटर की दूरी पर एक फीडर लगाया जाएगा। इससे निर्बाध बिजली देने के साथ ही कंपनी अपना तकनीकी नुकसान भी कम कर सकेगी। संचरण-वितरण व्यवस्था दुरुस्त करने के मद में कंपनी 5 हजार करोड़ से अधिक खर्च करेगी।
दरअसल बिजली कंपनी के स्तर पर कई वर्षों से राज्य में चौबीस घंटे निर्बाध बिजली देने की योजना पर काम चल रहा है। हालांकि साल 2020 की तुलना में 2021 में बिहार के ग्रामीण व शहरी इलाकों में की जा रही बिजली आपूर्ति के समय में वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में साऊथ बिहार में शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन औसतन 23.11 घंटे तो ग्रामीण क्षेत्रों में रोज औसतन 22.13 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। जबकि नॉर्थ बिहार में शहरी क्षेत्रों में औसतन 22.58 घंटे तो ग्रामीण इलाकों में 21.73 घंटे बिजली दी जा रही है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले बेहतर है। इस अवधि को बढ़ाकर कंपनी ने राज्य के सभी इलाकों में 24 घंटे निर्बाध बिजली देने की योजना बनाई है। इस योजना के लक्ष्य को मार्च 23 तक निश्चित तौर पर प्राप्त करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है।
ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग फीडर
अधिकारियों के मुताबिक बिजली आपूर्ति में सुधार को लेकर कृषि, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग फीडर किए जा रहे हैं। दक्षिण बिहार में 315 तो उत्तर बिहार में अब तक 615 कृषि फीडर बन चुके हैं। फीडर की अधिक दूरी होने के कारण बिजली गुल होने पर उसे दुरुस्त करने में लगने वाले समय को कम करने के लिए कंपनी ने साऊथ बिहार में ऐसे 208 तो नॉर्थ बिहार में 364 फीडर को बांटकर काम किया। नए 11 केवी लाइन में साऊथ बिहार ने 1278 तो नॉर्थ बिहार ने 2410 सर्किट किलोमीटर तार बिछाए। जबकि 33केवी लाइन में साऊथ बिहार ने 1153 तो उत्तर बिहार ने 1564 सर्किट किलोमीटर तार बिछाए।
Source : Hindustan