लोकसभा चुनाव को लेकर लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं। जहानाबाद के मखदुमपुर हाई स्कूल के मैदान में गुरुवार को लालू-राबड़ी मोर्चा के प्रत्याशी चंद्र प्रकाश के समर्थन में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा कि आप ही लोगों की मांग पर मैंने इन्हें उम्मीदवार बनाया है। आपलोग इन्हें जीताएं। वे जहानाबाद में लगातार सभा कर अपने प्रत्याशी चंद्र प्रकाश यादव के लिए प्रचार-प्रसार में जुटे हैं।

बिहार के दूसरे लालू यादव हम ही हैं-तेजप्रताप

सभा को संबोधित करते हुए तेज प्रताप ने कहा कि वे बिहार के दूसरे लालू यादव है। तेज प्रताप ने कहा कि उन्होंने एक युवा और शिक्षित प्रत्याशी को चुनाव में खड़ा किया है, जो जहानाबाद का विकास करेगा। वहीं, उन्होंने राजद के प्रत्याशी सुरेंद्र यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सुरेंद्र यादव तिलकुट चुराते हैं, वह जहानाबाद का विकास क्या करेंगे?

उन्होंने कहा कि लंबे दिनों से यहां के लोग स्थानीय प्रत्याशी की मांग कर रहे थे। यहां के लोगों की मांग पर ही मैंने इन्हें प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने कहा कि चंद्र प्रकाश युवा हैं। वे विकास का काम करेंगे।

कहा-राजद ने गलत प्रत्याशी चुन लिया है

तेज का कहना था कि यहां वैसे व्यक्ति को राजद का प्रत्याशी बनाया गया है जो लगातार चुनाव हारते रहे हैं। उन्होंने एनडीए पर हमला बोलते हुए कहा कि लगातार समाज में नफरत पैदा करने की कोशिश की जा रही है। सामाजिक समरसता को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जब हम दोनों भाई  राज्य सरकार मेें मंत्री थे। बिहार में तेजी से विकास हो रहा था।

लालूजी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएंगे

उन्हेांने कहा कि अब बिहार का विकास पूरी तरह से ठप हो गया है। तेज ने कहा कि लालू प्रसाद के आदर्शों पर चलते हुए उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का मेरा प्रयास जारी रहेगा। गरीबों को सहारा देने के लिए हमारे पिता बिना किसी से समझौता किए लड़ाई लड़ते रहे उसी का परिणाम है कि उन्हें झूठे मुकदमे में जेल भेजा गया है।

तेजस्वी पर कसा तंज-दो-चार सभा करने में ही लोग लरूआ जाते हैं 

चुनावी सभा को संबोधित करते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा कि वो लालू के खून हैं।लालू जी के नहीं रहने से महागठबंधन उतना मजबूत नहीं है। बिना नाम लिए अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए तेज प्रताप ने कहा कि लालू जी तो एक दिन में 10 से 12 सभाएं करते थे लेकिन बहुत से लोग दो चार सभा करके ही लरूआ जाते हैं।

Input : Dainik Jagran

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