राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू और टेलकम पाउडर में हानिकारण तत्व होने के कारण सभी राज्यों से इनकी बिक्री रोकने एवं संबंधित उत्पादों को बाजार से हटाने को कहा है। अमेरिका में पूर्व में इस कंपनी के उत्पाद पर रोक लग चुकी है। भारत में पहली बार प्रतिबंध लगाया गया है।

सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी किए गए निर्देश 

सूत्रों ने शनिवार को बताया कि आयोग ने जॉनसन एंड जॉनसन बेबी टेलकम पाउडर एवं शैम्पू में एस्बेस्टस के तत्व पाये जाने के खबरों के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। पत्र में अफसरों को अपने-अपने क्षेत्रों से इन उत्पादों की बिक्री रोकने के निर्देश दिये हैं। आयोग ने बाजार में उपलब्ध जॉनसन एंड जॉनसन बेबी टेलकम पाउडर और शैम्पू को भी दुकानों से हटाने को कहा है।

राजस्थान में कैंसरकारी तत्व मिलने पर हुई कार्रवाई

खबरों के अनुसार राजस्थान में एक बाजार से जॉनसन एंड जॉनसन बेबी शैम्पू एवं टेलकम पाउडर में एस्बेस्टस और कैंसरकारी तत्व मिले हैं।  आयोग ने आंध्रप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, मध्यप्रदेश और असम के मुख्य सचिवों से इन उत्पादों के नमूने बाजार से लेने और कार्रवाई रिपोर्ट भेजने को भी कहा है।

विदेशों में लग चुका है करोड़ों रुपए का जुर्माना

पहले भी जॉनसन एंड जॉनसन के कई प्रोडक्ट्स पर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कैंसरकारी तत्वों के होने की बात सामने आई हैं। विदेशो में इसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई भी हुई हैं और कंपनी को करोड़ों का जुर्माना भी देना पड़ा हैं। । इसका खुलासा रूटर्स की इन्वेस्टीगेशन से हुआ जिसे करने की वजह थी 9000 से अधिक पीड़ितों द्वारा किये गए जॉनसन कंपनी पर केस है। इन लोगों ने इलज़ाम लगाया है की इस  एस्बेस्टस होता है जिससे ओवेरियन एवम दूसरी तरह के कैंसर को बढ़ावा मिलता है। कोर्ट ने पीड़ित परिवारों एवं महिलाओं को नुक्सान की भरपाई के लिए करीब 4.7 अरब डॉलर दिलवाए जिन लोगों ने पाउडर में एस्बेस्टस होने एवं कैंसर का आरोप लगाया था।

क्या है एस्बेस्टस ?

एस्बेस्टस एक बुत ही खतरनाक अवयव है। अगर हम इसे स्वांस के साथ अपने अन्दर लेते है तो यह कई तरह की खतरनाक बिमारी जैसे फेफड़ों की घटक बिमारी अस्बेस्तोसिस, फेफड़े का कैंसर तथा ओवेरियन कैंसर को जन्म दे सकता है। हम यह भी जानते हैं की बेबी पाउडर उसे करने से सिर्फ शिशु को ही नहीं बल्कि उसकी माँ को भी ख़तरा होता है क्योंकि उसके संपर्क में दोनों होते हैं। तो यह सिर्फ शिशु को ही नहीं बल्कि उसकी माँ को भी बीमारियाँ दे सकता है।

Input : Dainik Bhaskar

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