सकरा थाने के रैनी गांव के मछुआरे को बूढ़ी गंडक से मछली पकड़ने के दौरान रविवार रात एक अष्टधातु की मूर्ति मिली। मूर्ति माता सीता की बतायी जा रही है। उसका मुकुट कटा हुआ है।

सोमवार सुबह बूढ़ी गंडक से अष्टधातु की मूर्ति मिलने की खबर आग की तरह फैल गई। मछुआरा महादेव सहनी के दरवाजे पर मूर्ति देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। कुछ लोग उसकी पूजा-अर्चना भी करने लगे। मूर्ति लेने पहुंची पुलिस को ग्रामीणों ने वापस लौट दिया। हालांकि वह मूर्ति कथैया थाने के राम जानकी मठ की होने की बात कही गई है।मछुआरा महादेव सहनी ने बताया कि रविवार को बूढ़ी गंडक नदी में मछली पकड़ने के दौरान वह मुशहरी थाने के बुधनगरा तक गया। उसने नदी में जाल डाला, तभी मछलियों के साथ एक मूर्ति भी जाल में फंस गयी। मूर्ति लाकर उसकी साफ-सफाई की। उसने माता सीता की मूर्ति होने की बात कही। मूर्ति मिलने की खबर के बाद उसे देखने के लिए घर पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। इसके बाद पूजा-पाठ शुरू हो गया। मूर्ति लेने पहुंचे दारोगा एसएन प्रसाद को लोगों ने कागजी कार्रवाई के बाद मूर्ति देने की बात कही। इस पर पुलिस वहां से लौट गई।

कथैया के राम जानकी मठ के महंथ ने मूर्ति पर किया दावा: दारोगा एसएन प्रसाद ने बताया कि कथैया थाने के नवलपुर गांव स्थित राम जानकी मठ के महंथ ने मूर्ति पर दावा किया है। उनका कहना है कि जनवरी में मठ से सीताराम व लक्ष्मण की अष्टधातु की मूर्ति चोरी हुई थी। ये उन्हीं मूर्तियों में से एक है।

Input : Hindustan

 

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