राज्य की जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सूबे में 13 नई जेल बनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें एक मंडल स्तरीय कारा मधेपुरा तथा 12 अनुमंडलीय कारा भवन कहलगांव, निर्मली, नरकटियागंज, राजगीर, रजौली, मढ़ौरा, सीवान, गोपालगंज, चकिया, पकड़ीदयाल, महनार और सिमरी बख्तियारपुर में बनाने की योजना है। इनकी क्षमता एक हजार कैदियों की होगी। राज्य सरकार के स्तर से सहमति मिलने के बाद इन सभी जेलों के निर्माण से संबंधित कवायद जेल निदेशालय ने शुरू कर दी है। इसके अलावा मंडल कारा भभुआ, जमुई, औरंगाबाद, अरवल और उप-कारा पालीगंज में मौजूद जेलों में अतिरिक्त नए भवन का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें दो-तीन स्थानों पर नए भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और जल्द ही इन्हें शुरू भी कर दिया जाएगा। 15 काराओं में 33 अतिरिक्त बंदी कक्ष के निर्माण की भी स्वीकृति दी गई है।

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बढ़ जाएगी कैदियों को रखने की क्षमता मंडल और अनुमंडल स्तरीय 13 जेलों का निर्माण के बाद कैदियों की क्षमता करीब 13 हजार बढ़ जाएगी। इसके अलावा पांच जेलों में नए कारा भवन और 15 काराओं में 33 नए बंदी कक्ष का निर्माण होने से 9 हजार 819 अतिरिक्त कैदियों के रखने की क्षमता बढ़ जाएगी। इन सभी का निर्माण होने के बाद आने वाले समय में सूबे में करीब 23 हजार कैदियों को रखने की क्षमता बढ़ जाएगी।

राज्य की जेलों में अभिलेखागारों को डिजिटल बनाने की योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है। फुलवारीशरीफ जिला कारा में हाल में डिजिटल अभिलेखागार तैयार किया गया है। इससे सभी रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से व्यवस्थित रूप से संजोए कर रखा जा सकेगा। समय आने पर इन्हें खोजने में भी आसानी होगी।

अनुमंडल स्तरीय जेल यहां बनेगी

मधेपुरा में मंडल कारा के अलावा कहलगांव, निर्मली, नरकटियागंज, राजगीर, रजौली, मढ़ौरा, सीवान, गोपालगंज, चकिया, पकड़ीदयाल, महनार और सिमरी बख्तियारपुर में

शराबबंदी कानून में गिरफ्तारी से बढ़ रही बंदियों की संख्या

राज्य की जेलों में कैदियों की क्षमता बढ़ गई है। शराबबंदी कानून में लगातार हो रही कार्रवाई के कारण भी कैदियों की संख्या बढ़ी है। 12 जेल ऐसे हैं, जिनमें कैदियों की क्षमता निर्धारित संख्या से 200 फीसदी से भी ज्यादा हो गई है। 10 जेलों में कैदियों की संख्या 150 फीसदी से अधिक है। 8 जेलों में 125 से 150 फीसदी अधिक क्षमता में कैदी हैं। जिला कारा जमुई में 188 कैदियों की क्षमता है, लेकिन 822 कैदी बंद हैं, जो क्षमता से 437 फीसदी अधिक है। मधेपुरा जिला कारा में 408, पटना सिटी सब-जेल में 392, बाढ़ सब-जेल में 324, सीतामढ़ी जिला जेल में 314, औरंगाबाद जिला जेल में 278, बेऊर (पटना) केंद्रीय कारा में 248 फीसदी कैदी क्षमता से अधिक हैं। राज्य में मौजूद 59 जेलों में कैदियों की क्षमता 45 हजार 736 है, लेकिन 61 हजार 891 कैदी बंद हैं। जेलों में क्षमता से 16 हजार 155 कैदी अधिक बंद हैं। बंद कैदियों में पुरुष की संख्या 59 हजार 270 और महिला कैदियों की संख्या 2621 है।

Source : Hindustan

 

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