भारत के सबसे बड़े एम्प्लॉयर (नौकरी देने वाला संस्थान) भारतीय रेलवे ने गैर-पारंपरिक माल यातायात को टैप करने के प्रयास में अपनी डोर-टू-डोर डिलीवरी योजना को लागू करने के लिए इंडिया पोस्ट (भारतीय डाक) के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है. भारतीय डाक और भारतीय रेलवे का एक ‘संयुक्त पार्सल उत्पाद’ विकसित कर रहे हैं, जिसमें डाक विभाग फर्स्ट-माइल और लास्ट-मील कनेक्टिविटी की पेशकश करेगा, जबकि स्टेशन से स्टेशन तक इंटरमीडिएट कनेक्टिविटी रेलवे के माध्यम से की जाएगी. रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि अब अपना सामान भेजने के लिए लोगों को रेलवे स्‍टेशन के पार्सल रूम में जाकर बुकिंग कराने की रूरत नहीं होगी. रेलवे अब भारतीय डाक विभाग के साथ मिलकर देशभर में डोर-टू-डोर पार्सल डिलीवरी की सुविधा उपलब्‍ध कराएगा. इस स्कीम के तहत पार्सल आपके घर से ही उठाया जाएगा, बुक करने के बाद रेलवे से उसका परिवहन होगा और फि‍र निधार्रित पते तक पहुंचाया जाएगा. पार्सल को आपके घर से उठाने, बुकिंग का काम भारतीय डाक करेगा. फिर उस पार्सल को रेलवे निर्धारित पते के नजदीकी रेलवे स्टेशन तक पहुंचाएगा. भारतीय डाक रेलवे स्टेशन से पार्सल पिक करेगा और उसके आखिरी गंतव्य तक पहुंचाएगा.

जेपीपी का पायलट प्रोजेक्ट 31 मार्च से शुरू

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ‘जॉइंट पार्सल प्रोडक्ट’ की पहली सेवा 31 मार्च, 2022 को सूरत से वाराणसी के लिए शुरू हो चुकी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जेपीपी का उद्देश्य संपूर्ण पार्सल हैंडलिंग समाधान प्रदान करके बिजनेस-टू-बिजनेस और बिजनेस-टू-कस्टमर मार्केट को टारगेट करना है, यानी भेजने वाले के परिसर से पार्सल उठाकर, बुकिंग करने और प्राप्त करने वाले के डोर-स्टेप तक डिलीवरी. इस योजना के बारे में जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने पहले बताया था कि प्रतिस्पर्धी दरों पर डिलीवरी सर्विस प्रदान करना जेपीपी का मकसद है, जिसकी लागत सड़क मार्ग से पार्सल डिलीवरी से काफी कम होगी.

आपके घर से पार्सल पिक-अप और डिलीवरी

डिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन (DFCC) के एक अधिकारी ने बताया, ”ग्राहकों के पास यह विकल्प भी होगा कि क्या वे चाहते हैं कि पार्सल की पैकेजिंग हमारे द्वारा की जाए. यह सेवा ट्रांसिट एश्योरेंस स्कीम पर आधारित होगी. ग्राहकों की आसानी के लिए, उन्हें यह विकल्प दिया जाएगा कि वे या तो अपने पार्सल को निर्धारित स्थान पर छोड़ दें या इसे अपने घरों या कार्यालयों से उठाने के लिए सहमति दें.” आपको बता दें कि पहले भी रेलवे के जरिए पार्सल एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजे जाते थे, लेकिन तब डाक विभाग ही इसके लिए जिम्मेदारी होता था. अब रेलवे भी इसमें शामिल हो गया है, जिससे पार्सल सर्विस और कंज्यूमर फ्रेंडली बनेगी.

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