पटना हाईकोर्ट ने डिप्लोमा इन एलिमेंटरी डिग्रीधारियों को ( NIOS D.El.Ed ) शिक्षक बहाली प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति देते हुए बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 30 दिनों के अंदर इन आवेदनपत्र स्वीकारने का निर्देश दिया है। 2.5 लाख डीएलएड डिग्रीधारकों को इसका फायदा मिलेगा। जस्टिस प्रभात कुमार झा ने इस मामले पर पहले ही सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। 18 माह के डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन डिग्रीधारी शिक्षकों को राज्य सरकार ने पंचायत शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी। हाईकोर्ट ने इनके पक्ष में निर्णय दिया है।

यह कोर्स सरकार द्वारा की जाने वाली प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली को अयोग्य करार दिया गया था। कारण बताया गया था कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के मुताबिक टीईटी को भी आवेदक के पास दो वर्षीय प्रशिक्षण की डिग्री होनी चाहिए।

मालूम हो कि 18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम को उन लाखों शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया था जो अप्रशिक्षित थे और शिक्षा के अधिकार कानून के चलते उनकी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था। एनआईओएस ने करीब 13-14 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था। इसके लिए संसद में कानून पारित कर विशेष रूप से मंजूरी ली गई थी। हालांकि, यह कोर्स करने के बाद जब बिहार के निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों ने सरकारी भर्ती के लिए आवेदन किया तो बिहार सरकार ने एनसीटीई से इस बारे में राय मांगी कि क्या ये शिक्षक भर्ती के लिए योग्य हैं? इसके जवाब में एनसीटीई ने 18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम को अमान्य करार दे दिया। एनसीटीई के इस फैसले से इन 13 लाख शिक्षकों पर तलवार लटक गई है।

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