नए वित्तीय वर्ष 2023-24 की वार्षिक कार्ययोजना में आधा दर्जन से अधिक जिलों के लिए नए बाइपास निर्माण के प्रस्ताव को शामिल किया गया है। कुछ जिलों में बाइपास निर्माण को ले फिजिबिलिटी स्टडी के लिए राशि की मांग की गई है। जिन जगहों पर नए बाइपास के निर्माण को वार्षिक कार्ययोजना में डाला गया है उनमें एक है जहानाबाद बाइपास। इसकी लंबाई सात किमी है। इसके लिए 105 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने का सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से अनुरोध किया गया है। मधेपुरा के सिंहेंश्वर में पांच किमी का नया बाइपास बनना है। इसके लिए 75 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। अरवल बाइपास के लिए 165 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। अरवल में 11 किमी लंबा बाइपास बनाया जाना है। दरभंगा में दरभंगा पश्चिम बाइपास बनना है। इसकी लंबाई भी 11 किमी है। इसके लिए 165 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। दरभंगा के इस बाइपास का एक स्पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को दो जगह सड़क के एलायनमेंट को नए सिरे से तय किए जाने का भी प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव में एक है वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व सड़क के 20 किमी का हिस्सा। इसके लिए 300 करोड़ रुपये की मांग की गई है। इसी तरह लखीसराय के गंगटा में 50 किमी लंबी सड़क के नए सिरे से एलायनमेंट तय किए जाने को ले 750 करोड़ रुपये की मांग की गई है।

बहेड़ी में निकलना है। इसकी लंबाई सात किमी है। इसके लिए 50 करोड़ रुपये की मांग की गई है। समस्तीपुर में नौ किमी लंबा बाइपास बनना है। इसके लिए 300 करोड़ रुपये की मांग की गई है। डुमरांव में पांच किमी लंबा बाइपास बनना है। इसके लिए 150 करोड़ रुपये की मांग की गई है।

Source : Dainik Jagran

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