Connect with us

BIHAR

IPS विकास वैभव की पहल : गौरवशाली अतीत को वापस लाने का प्रयास “Let’s Inspire Bihar”

Published

on

“Let’s Inspire Bihar !” या “आईए, मिलकर प्रेरित करें बिहार !” क्या है ?

“राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका” तथा “सफलता के सूत्रों” समेत अनेक विषयों पर भौतिक समेत डिजिटल माध्यमों से लंबे समय से बिहार के विभिन्न क्षेत्रों के युवाओं से वार्ता करता रहा हूँ जिसके विवरण सोशल मीडिया पर भी समय-समय पर साझा करता रहा हूँ। इस #बिहार_दिवस पर जब अपनी अवधारणा को और स्पष्ट करते हुए मैंने आह्वान स्वरूप “Let’s Inspire Bihar !” शीर्षक का प्रयोग एक हैशटैग #letsinspirebihar के साथ किया, तब से ही अनेक युवा साथी इसके संदर्भ में अपनी जिज्ञासाओं को व्यक्त करते रहे हैं । अतः आज इसके संदर्भ में आवश्यक विवरण आपके साथ साझा करना चाहता हूँ।

Advertisement

lets-inspire-bihar

#letsinspirebihar क्या है, यह जानने के पूर्व सर्वप्रथम आप स्वयं से यह प्रश्न करें कि क्या आप मानते हैं कि संपूर्ण भारतवर्ष के उज्ज्वलतम भविष्य की प्रबल संभावनाएं कहीं न कहीं उसी भूमि में समाहित हो सकती हैं जिसने इतिहास के एक कालखंड में संपूर्ण अखंड भारत के साम्राज्य का नेतृत्व किया था और वह भी तब जब न आज की भांति संचार के माध्यम थे, न विकसित मार्ग और न प्रौद्योगिकी !

IPS विकास वैभव

आप स्वयं से यह प्रश्न करें कि क्या हमें यह स्मरण नहीं है कि बिहार ही #ज्ञान की वह भूमि है जहाँ वेदों ने भी वेदांत रूपी उत्कर्ष को प्राप्त किया तथा ज्ञान के प्राचीन बौद्धिक परंपरा की जब अभिवृद्धि हुई तब इसी भूमि ने बौद्ध और जैन धर्मों के दर्शन सहित अनेक तत्वों एवं सिद्धांतों के जन्म के साथ नालंदा एवं विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों की स्थापना देखी। जहाँ ज्ञान की ऐसी अद्भुत प्रेरणा रही, वहाँ #शौर्य का परिलक्षित होना भी स्वाभाविक ही था और इसी कारण इतिहास स्वयं साक्षी है कि कभी बिहार से ही संपूर्ण अखंड भारत का शासन संचालित था और वह भी सशक्त एवं प्रबल रूप में। #उद्मिता की इस प्राचीन भूमि ने ही ऐतिहासिक काल में ऐसी प्रेरणा का संचार किया जिसके कारण दक्षिण पूर्वी ऐशिया के नगरों तथा यहाँ तक कि राष्ट्रों का भी नामकरण भी इसी भूमि के प्रेरणादायक नगरों के नामों पर होने लगे जिसका सबसे सशक्त उदाहरण वियतनाम है जो चंपा (वर्तमान भागलपुर, बिहार) के ही नाम से लगभग 1500 वर्षों तक संपूर्ण विश्व में जाना गया।

Advertisement

यदि ऐसे प्रश्नों का उत्तर स्वीकारोत्मक है, तो बस विचार कीजिए कि वैसे सामर्थ्यवान यशस्वी पूर्वजों के ही हम वंशज क्या वर्तमान में भारत के उज्ज्वलतम भविष्य के निमित्त अपना सर्वाधिक सकारात्मक योगदान समर्पित कर पा रहे हैं ?

Advertisement

लगभग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में भारत में रहे यूनानी राजदूत मेगास्थनीज ने अपने ग्रंथ इंडिका में तत्कालीन पाटलिपुत्र को उस समय के विश्व के सर्वश्रेष्ठ नगरों की श्रेणी में वर्णित किया था। आप कल्पना कीजिए कि यदि उस समय किसी पाटलिपुत्र निवासी से 2500 वर्ष पश्चात पाटलिपुत्र के स्वरूप के संबंध में पूछा जाता तो भला किस प्रकार के आशान्वित उत्तर मिले रहते और क्यों वह स्वाभाविक भी प्रतीत होते। परंतु वर्तमान परिदृश्य में जब भी भविष्यात्मक संभावनाओं के विषयों में बिहार के युवाओं से वार्ता होती है, जैसे मेरे साथ भी जब स्वामी विवेकानंद जयंती पर प्रज्ञा युवा प्रकोष्ठ में तथा अनेक अन्य अवसरों पर वार्ता हुई, तब ऐसी अनुभूति क्यों होती है कि कहीं न कहीं सर्वत्र एक प्रकार की निराशा व्याप्त हो रही है और वर्तमान एवं भविष्य के संबंध में नकारात्मक विचारों की स्थापना भी युवाओं के मध्य हो रही है जो भारत के उज्ज्वलतम भविष्य हेतु सर्वथा अनुचित है। जिस भूमि ने प्राचीनतम काल में ही ऐसे कीर्तिमानों को प्राप्त किया था, यदि उनकी स्वाभाविक प्राकृतिक अभिवृद्धि भी हुई रहती तो निश्चित ही वर्तमान का स्वरूप अत्यंत भिन्न रहता और निश्चित ही यदि भविष्य की संभावनाओं के संबंध में वर्तमान में प्रश्न किए जाते तो उनके उत्तरों में समाहित आशावादिता के भावों में कोई कमी नहीं रही होती। कालांतर में ऐसा क्या होता गया जिसके कारण जो आशावादिता उस काल में स्पष्टता के साथ परिलक्षित होती थी, वह आज के युवाओं से यत्न सहित प्रश्न करने पर भी दर्शित नहीं होती ? आखिर ऐसा क्यों है कि जिस क्षेत्र में कभी संपूर्ण विश्व के विद्वान अध्ययन हेतु दुर्गम मार्गों से सुदूर यात्राएं कर पहुँचने हेतु लालायित रहते थे, वहीं के विद्यार्थी आज परिश्रम एवं पुरुषार्थ के मार्गों से कई अवसरों पर विच्छिन्न प्रतीत होते दिखते हैं तथा अधिकांशतः अन्य क्षेत्रों में अध्ययन एवं जीवनयापन हेतु प्रयासरत रहते हैं ?

May be an image of 1 person, body of water and text that says "M Let's Inspire Bihar!"

व्याप्त हो रही संभावित निराशा के प्रतिकार हेतु यह चिंतन करना आवश्यक होगा कि स्वाभाविक उत्कर्ष की प्राकृतिक परंपरा किन कारणों से बाधित हुई और जैसी कल्पना कभी रही होगी, वैसा संभव क्यों नहीं हो सका ! ऐतिहासिक भूमि के स्वाभाविक प्राकृतिक विकास की परंपरा से अत्यंत भिन्न ऐसी अप्राकृतिक वर्तमान परिस्थितियों के प्रादुर्भाव के कारणों पर चिंतन करने से ही समाधान मिलेंगे चूंकि भूमि वही है, उर्जा भी वही है और इसमें भला कहाँ संदेह है कि हम उन्हीं यशस्वी पूर्वजों के वंशज हैं जिनकी प्रेरणा आज भी मन को उद्वेलित करती है और कहती है कि यदि संकल्प सुदृढ़ हो तो इच्छित परिवर्तन अपने माध्यम स्वतः तय कर लेते हैं।

Advertisement

यदि हम इतिहास में प्राप्त उत्कर्ष के कारणों पर चिंतन करेंगे तो पाएंगे कि हमारे पूर्वजों की सोच अत्यंत बृहत् थी जो लघुवादों से विभिन्न थी। उर्जा के साथ जिज्ञासा तो हमारे पूर्वजों की ऐसी थी जो सामान्य भौतिक ज्ञान से संतुष्ट होने वाली नहीं थी तथा सत्य के वास्तविक स्वरूप को जानना चाहती थी जिसके कारण ज्ञान परंपरा के उत्कर्ष को समाहित किए उपनिषदों की दृष्टि संभव हो सकी। यदि भूमि के ऐतिहासिक शौर्य के कारणों पर हम चिंतन करें तो वहाँ भी बृहत्ता के लक्षण तब स्पष्ट होते हैं जब हम महाजनपदों के उदय के क्रम में पाटलिपुत्र में महापद्मनंद के राज्यारोहण का स्मरण करते हैं चूंकि जिस काल में अन्य जनपदों में जहाँ पूर्व से स्थापित शाशक वर्ग के अतिरिक्त किसी अन्य वर्ग से सम्बद्ध शासक की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, मगध में केवल सामर्थ्य को ही कुशल शासकों हेतु उपयुक्त लक्षणों के रूप में स्वीकृति प्राप्त हुई थी। ऐसे चिंतन के कारण ही मगध का सबसे शक्तिशाली महाजनपद के रूप में उदय हुआ जिसने कालांतर में साम्राज्य का रूप ग्रहण कर लिया। उत्कृष्ट चिंतन के कारण जहाँ राजतंत्र के रूप में मगध का उदय हुआ, वहीं वैशाली में गणतंत्र की स्थापना भी हुई। यदि कालांतर में ऐसे शौर्य का क्षय हुआ तो उसके कारण शस्त्र और शास्त्र में समन्वय का अभाव ही रहा चूंकि इतिहास स्वयं साक्षी रहा है कि भले ही शास्त्रीय ज्ञान अपने चरम उत्कर्ष पर क्यों न हो, यदि शस्त्रों के सामर्थ्य में कमी आती है तो उत्कृष्ट शास्त्र भी नष्ट हो जाते हैं।

May be an image of 3 people, people standing and outdoors

यदि कालांतर में हमारा अपेक्षाकृत विकास नहीं हुआ और यदि हम पूर्व का स्मरण करते हुए वर्तमान में वैसा तारतम्य अनुभव नहीं करते तो इसका कारण कहीं न कहीं समय के साथ लघुवादों अथवा अतिवादों से ग्रसित होना ही रहा है अन्यथा जिस भूमि ने इतिहास के उस काल में कभी महापद्मनंद को शाशक के रूप में सहर्ष स्वीकार जन्म विशेष के लिए नहीं परंतु उनकी क्षमताओं पर विचारण के उपरांत किया था, उसके उज्ज्वलतम भविष्य में भला संदेह कहाँ था।

Advertisement

May be an image of 2 people, people standing, outdoors and text that says "Let's Inspire Bihar"

यदि वर्तमान में हम विकास में अन्य क्षेत्रों से कहीं पिछड़े हैं और अपने भविष्य को उज्ज्वलतम देखना चाहते हैं तो आवश्यकता केवल और केवल अपने उन यशस्वी पूर्वजों का स्मरण करते हुए लघुवादों यथा जातिवाद, संप्रदायवाद इत्यादि से उपर उठकर राज्य एवं राष्ट्रहित में बृहतर चिंतन के साथ भविष्यात्मक दृष्टिकोण को मन में स्थापित करते हुए निज सामर्थ्यानुसार आंशिक ही सही परंतु निस्वार्थ सामाजिक योगदान अवश्य समर्पित करना होगा। आवश्यकता एक वैचारिक क्रांति की है जो युवाओं के मध्य प्रसारित हो और जो भविष्य निर्माण के निमित्त संगठित रूप में संकल्पित करे। परिवर्तन ही ऋत है ! आवश्यकता आशावादिता के साथ आगे बढ़ने की है। जिस भूमि ने वैदिक काल से ही गार्गी वाचक्नवी एवं मैत्रेयी जैसी विदुषियों को नारी में भी समाहित विद्वता का प्रतिनिधित्व करते देखा हो, उसका भविष्य भला उज्ज्वलतम क्यों न हो।

अब यदि इस पर चर्चा करें कि “Let’s Inspire Bihar !” के अंतर्गत हम मिलकर किस प्रकार की गतिविधियां कर सकते हैं अथवा किन बिंदुओं पर चिंतन कर सकते हैं, तो इस संदर्भ में भी विचारों को और स्पष्ट करने का प्रयास करता हूँ। जो प्रेरित युवा इस अभियान से जुड़ना चाहते है, वह उपरोक्त बातों तथा निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार कर सकते हैं :-

Advertisement

May be an image of 1 person and standing

1. अपनी समृद्ध विरासत तथा स्वयं की क्षमता को जानिए एवं समझिए।

2. मानवीय क्षमता के चरमोत्कर्ष की चर्चा करते हुए मैंने उपनिषदों के अत्यंत प्रेरणादायक एवं महत्वपूर्ण श्लोक

Advertisement

“ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते ।

पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवा वसिष्यते ।।”

Advertisement

को अनेक अवसरों पर उद्धृत किया है जिसमें यह वर्णन मिलता है कि पूर्ण को खंडित करने पर भी हर खंड पूर्ण ही रहता है और पुनः पूर्ण में ही विलीन हो जाता है; अर्थात् हर आत्मा जो परमात्मा का ही अंशरूप है उसमें उसके सभी गुण समाहित हैं। ऐसे में युवा मन में अपने सामर्थ्य के प्रति किसी प्रकार का संदेह न हो इसके लिए यह अनुभूति आवश्यक है कि ईश्वर (पूर्ण) की वह असीम शक्ति सभी के अंदर पूर्णतः समाहित है और सदैव सही मार्गदर्शन हेतु तत्त्पर भी है। ऐसे में कहीं और न देखकर यदि हम एकाग्रचित्त होकर गहन आत्मचिंतन करेंगे तो सभी के लिए स्वयं मार्गदर्शक तथा इच्छित परिवर्तन के प्रबल वाहक बन जाऐंगे।

3. यह समझना होगा कि स्वयं के सामर्थ्य को जाने बिना जब कई बार दूसरों के अनुसरण के कारण हम अपने मूल्यों से दिग्भ्रमित हो जाते हैं, तब हमारा अपनी मूल क्षमताओं से विश्वास डिग जाता है, जो सर्वथा अनुचित है।

Advertisement

4. यह समझना होगा कि यदि हम प्रतिकूल परिस्थितियों के समक्ष निराश होते हैं तो हम युवावस्था में समाहित उस असीम उर्जा के स्रोत से संभवतः स्वतः विच्छिन्न होते जाते हैं जिसके मूल में आशावादिता एवं सकारात्मकता सन्निहित है।

5. यदि अपने पूर्वजों के कृतित्वों से आप प्रेरित हैं और स्वयं की असीमित क्षमताओं के विषय में स्पष्ट हैं तो केवल स्वयं तक सीमित मत रहिए, इस अद्भुत प्रेरणा का प्रसार कीजिए।

Advertisement

6. लघुवादों यथा जातिवाद, संप्रदायवाद, लिंगभेद आदि संकीर्णताओं से परे उठकर बिहार तथा भारत के उज्ज्वलतम भविष्य के निर्माण हेतु बृहत् चिंतन करें तथा दूसरों को भी प्रेरित करें।

7. प्रेरित युवा संगठित होने का प्रयास करें जिससे नकारात्मकता के विरुद्ध युद्ध हेतु संकल्पित सकारात्मक विचारों की शक्ति प्रबल हो उठे। संगठन को बृहत् स्वरूप प्रदान करने हेतु “Let’s Inspire Bihar” के जिलावार चैप्टरों से सोशल मीडिया एवं भौतिक माध्यमों से जुड़ें जिनकी स्थापना आपके जिले के प्रेरित युवा समन्वयकर्ताओं द्वारा की जा रही है। बिहार के सभी जिलों के युवाओं और अप्रवासी बिहारवासियों के लिए भी प्रारंभ में सोशल मीडिया के माध्यमों ही चैप्टरों को प्रारंभ किया जा रहा है जिनसे जुड़ने के लिए आप अपने जिले या नगर से संबंधित फेसबुक पेज से जुड़ सकते हैं अथवा letsinspirebihar@gmail.com पर अपने नाम, उम्र, जिला का नाम और दूरभाष संख्या के साथ इमेल कर सकते हैं ताकि आपके क्षेत्र से संबंधित समन्वयकर्ता आपसे संपर्क स्थापित कर सकें।

Advertisement

8. प्रेरित युवाओं के साथ अपने व्यस्त समय में से कुछ समय सकारात्मक सामाजिक गतिविधियों के निमित्त चिंतन एवं योगदान हेतु भी समर्पित करें। मुख्य उद्देश्य #3Es यथा #शिक्षा (#Education), #समता (#Egalitarianism) एवं #उद्यमिता (#Entrepreneurship) के ऐतिहासिक भावों को पुनः जागृत करने की है।

9. जो लघुवादों से ग्रसित हैं तथा दिग्भ्रमित हो रहे हैं उनके मार्गदर्शन हेतु अपने स्तर से भी प्रयास करें । उन्हें समझाने का प्रयास करें कि यदि व्यक्ति अपने वास्तविक सामर्थ्य को जान ले तथा सफलता प्राप्त करने के निमित्त अत्यंत परिश्रम करे तो कोई भी लक्ष्य असाध्य नहीं रह जाता। मिलकर, हम निश्चित ही राष्ट्रहित में अपने जीवन काल में कुछ उत्कृष्ट योगदान समर्पित कर सकते हैं।

Advertisement

10. सकारात्मकता विचारों एवं प्रेरणादायक उदाहरणों को सोशल मीडिया पर #letsinspirebihar हैशटैग के साथ साझा करें।

भविष्य परिवर्तन के निमित्त युवाओं द्वारा संकल्पित सकारात्मक चिंतन एवं योगदान ही उज्ज्वलतम भविष्य की दिशा स्थापित करने का एकमात्र विकल्प है। इतिहास की प्रेरणा में ऐसी अद्भुत शक्ति समाहित है जो बिहार समेत संपूर्ण भारतवर्ष के भविष्य को परिवर्तित करने की क्षमता रखती है। मन भविष्यात्मक दृष्टिकोण के निमित्त विशेषकर युवाओ से स्वरचित पंक्तियों के माध्यम से आह्वान करना चाहता है –

Advertisement

“पूर्व प्रेरणा करे पुकार, आओ मिलकर गढ़ें नव बिहार।

नव चिंतन नव हो व्यवहार, लघु वादों से मुक्त हो संसार।

Advertisement

ज्ञान परंपरा का विस्तार, दीर्घ प्रभाव का सतत् प्रसार।

बृहतर चिंतन सह मूल्यों पर, आधारित युवा करें विचार।”

Advertisement

(विकास वैभव)

मुजफ्फरपुर नाउ को टेलीग्राम पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Advertisement
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

BIHAR

वौष्णों देवी जा रही बस खाई में गिरी, बिहार के 10 लोगों की मौत, 56 घायल

Published

on

By

अमृतसर से माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जा रही बस खाई में गिर गई। जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई है जबकि लोग 56 घायल हैं। बता दें कि सभी मृतक बिहार के लखीसराय के रहने वाले थे।

SSP जम्मू चंदन कोहली ने बताया कि बस दुर्घटना में 10 लोगों की मृत्यु हो गई है और करीब 56 लोग घायल हुए हैं। सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग पूरा हो चुका है। SDRF की टीम भी मौके पर मौजूद है। दरअसल, बस में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे। घटना की जांच की जाएगी।

Advertisement

वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे CRPF अधिकारी अशोक चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही हमें सुबह दुर्घटना की जानकारी मिली। तुरंत हमारी टीम ने यहां पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। शवों को निकाला गया। घायलों को अस्पताल पहुंचाया है। पुलिस की टीम भी हमारे साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बताया जा रहा है कि बस में बिहार के लोग थे जो कटरा जा रहे थे।

nps-builders

Advertisement
Continue Reading

BIHAR

बिहार : घर के कुत्ते ने सुलझाया रेप-मर्डर का ब्लाइंड केस, फिर ऐसे क्रिमिनल तक पहुंची पुलिस

Published

on

By

बिहार के अररिया थाना क्षेत्र के कुसियारगांव में अपहरण करने के बाद 5 साल की बच्ची का बलात्कार कर हत्या कर दी गई। मासूम बच्ची की निर्मम हत्या करने के मामले में पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा आरोपी को मदद करने को लेकर उसकी मां को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी बच्ची के पड़ोस का रहने वाला अमित ऋषिदेव है। इस मामले में उसकी मां भी आरोपी हैं। बता दें कि पुलिस ने घटना के 24 घंटे के अंदर मामले का उद्भेदन कर दिया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

Advertisement

रविवार को पुलिस ऑफिस में एसपी अशोक सिंह ने जानकारी दी कि गिरफ्तार आरोपी अमित कुमार ऋषिदेव शादीशुदा है और उसके बच्चें भी है। वह नशा करने वाला व्यक्ति है। एसपी ने बताया कि रेप के बाद नाबालिग बच्ची की हत्या मामले में एसडीपीओ राम पुकार सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया।

बता दें कि शनिवार को 5 साल की एक बच्ची का घर के बगल के एक गढ्ढे में शव मिला था। जिसे घर के पालतू कुत्ते ने ढूंढा था। जिसके बाद परिजनों ने पुलिस को हत्या की सूचना दी थी। दरअसल शुक्रवार की रात बच्ची के माता-पिता घर के बगल में हो रहे शादी में गए हुए थे। घर के बरामदे पर बच्ची और दो अन्य बच्चे सो रहे थे। उसी समय बच्ची को अमित ऋषिदेव उठा कर ले गया और उसके साथ रेप किया। शादी में बज रहे डीजे की शोर में किसी को पता नहीं चल पाया। आरोपी ने पहले बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और उसे मार डाला।

Advertisement

बच्ची के परिजन जब शादी अटेंड कर घर पहुंचे तो बच्ची वहां नहीं थी। जिसके बाद सब उसे ढूंढने में लग गए। जिसके बाद घर का पालतू कुत्ता अपने मालिक को उस गड्ढे तक ले गया जहां आरोपी ने शव को गाड़ दिया था। इस दौरान मौके से बच्ची का खून से सना कपड़ा भी बरामद किया गया।

nps-builders

Advertisement
Continue Reading

BIHAR

राजद के बयान पर सुशील मोदी का पलटवार, बोले- 2024 में RJD-JDU के लिए ताबूत की एडवांस बुकिंग शुरू

Published

on

देश को आजाद भारत की सरकार द्वारा बनाया गया नया संसद भवन समर्पित कर दिया गया है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दलों के बीच जमकर विवाद- प्रतिवाद हुआ। विपक्षी आरजेडी ने संसद भवन की तुलना ताबूत से कर दी तो हंगामा मच गया। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी अपने सहयोगी राजद के इस स्टैंड पर किनारा कर लिया। बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू यादव की पार्टी राजद की टिप्पणी पर मुंहतोड़ जवाब दिया है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने 21वीं सदी के भारत को आधुनिक सुविधायुक्त भव्य संसद भवन समर्पित करने के लिए बिहार की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी और कहा कि राजद-जदयू सहित जिन दलों ने भी इस शुभ अवसर पर ईर्ष्या-द्वेष की नकारात्मकता दिखायी, उन्होंने 2024 में अपने लिए ताबूत की एडवांस बुकिंग कर ली।

Advertisement

बयान जारी कर सुशील कुमार मोदी कहा कि नया संसद भवन उदीयमान भारत का भविष्य है और जो आज इससे दूर रहे, वे भविष्य में लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर में प्रवेश के लिए भी तरस जाएंगे। लालू प्रसाद जन्म से हिंदू हैं, लेकिन उनकी पार्टी को अभी से ताबूत का ख्याल आ रहा है। नए संसद भवन में जहां सम्राट के राजचिह्न अशोक स्तम्भ का प्रतिरूप है, वहीं दक्षिण के चोल राजवंश का राजदंड सेंगोल स्थापित है। यह भवन भारत की विविधता, सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का संगम है।

इससे पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने ताबूत वाले ट्वीट को लेकर राजद पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश नया संसद भवन पाकर उत्सव मना रहा है तो राजद को इस शुभ अवसर पर ताबूत की याद आ रही है। 2024 में लोकसभा और 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव है। बिहार की जनता राजद को इसी ताबूत में बंद करके समाप्त कर देगी। बीजेपी के कई अन्य नेताओं ने भी आरजेडी की ईस टिप्पणी पर आलोचना की। एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने भी संसद को ताबूत बताने पर लालू और नीतीश दोनों को हड़काया। उन्होंने नये संसद भवन की आवश्यकता भी जताई।

Advertisement

Source : Hindustan

nps-builders

Advertisement
Continue Reading
VIRAL4 hours ago

पिता ने ज्यादा दहेज़ दिया तो महिला ने पति-सास के लिए खाना बनाने से किया इंकार, कहा- नौकरानी रख लो

BIHAR10 hours ago

वौष्णों देवी जा रही बस खाई में गिरी, बिहार के 10 लोगों की मौत, 56 घायल

INDIA1 day ago

नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-1 का प्रक्षेपण सफल, अब सेना होगी और सशक्त

BIHAR1 day ago

बिहार : घर के कुत्ते ने सुलझाया रेप-मर्डर का ब्लाइंड केस, फिर ऐसे क्रिमिनल तक पहुंची पुलिस

BIHAR1 day ago

राजद के बयान पर सुशील मोदी का पलटवार, बोले- 2024 में RJD-JDU के लिए ताबूत की एडवांस बुकिंग शुरू

SPORTS2 days ago

CSK और GT फैंस के लिए खुशखबरी, आज IPL Final में बारिश नहीं डालेगी खलल; जानें मौसम का हाल

MUZAFFARPUR2 days ago

इंद्रप्रस्थ स्कूल में समर कैंप तथा अंतरराष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम का आयोजन

INDIA2 days ago

हिरासत में लिए गए पहलवान, जंतर-मंतर से दिल्ली पुलिस ने उखाड़े तंबू

BIHAR3 days ago

अब सिग्नल तोड़ने पर ई-चालान के साथ जाएगी वाहन की तस्वीर

BIHAR3 days ago

अब मोबाइल पर मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी, सीएम नीतीश कुमार ने ‘मौसम बिहार’ मोबाइल ऐप किया लॉन्च

BOLLYWOOD5 days ago

60 साल की उम्र में दूसरी बार दूल्हा बने अभिनेता आशीष विद्यार्थी

MUZAFFARPUR2 weeks ago

बाबा गरीबनाथ की नगरी में दिव्य दरबार लगाएंगे बागेश्वर सरकार! स्थल निरिक्षण करने पहुंची टीम

BIHAR1 week ago

8 साल पहले सिर से उठा था पिता का साया, बेटी ने IAS टॉपर बन लौटाई मां की मुस्‍कान

INDIA2 weeks ago

बिना कोचिंग-ट्यूशन मजदूर की बेटी बनी टॉपर, 500 में पाए 496 नंबर, आईपीएस बनने का सपना

BIHAR3 weeks ago

वैशाली में NH-28 पर भीषण सड़क हादसा, ओवरटेक कर रही कार ट्रक से जा भिड़ी; एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत

SPORTS4 weeks ago

गौतम गंभीर से लड़ाई के बाद विराट कोहली का पहला बयान आया सामने

VIRAL2 weeks ago

हैवानियत : न कांपे हाथ न पसीजा कलेजा, इकलौते बेटे ने मां-बाप को तड़पा-तड़पाकर मारा

BIHAR1 week ago

UPSC में बिहार की बादशाहत कायम … बक्सर की बेटी गरिमा लोहिया को मिला दूसरा रैंक

AUTOMOBILES2 weeks ago

10 साल की वारंटी और कीमत बेहद कम! हौंडा ने इन राज्यों में स्पेशल प्राइस में लॉन्च की ये सस्ती बाइक

EDUCATION3 weeks ago

CBSE रिजल्ट में इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल ने कायम किया कीर्तिमान, 60 से ज्यादा बच्चों ने पाए 90% से अधिक अंक

Trending