राज्य सरकार के विभिन्न निगमों में कार्यरत कर्मियों की मृत्यु होने पर भी आश्रितों को सरकार सहायता देगी।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में इस तरह के आये एक मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने अपने प्रधान सचिव और राज्य के मुख्य सचिव को दिया। सुपौल जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके पिताजी बियाडा में कार्यरत थे, उनकी नौकरी के दरम्यान मौत हो गई थी, लेकिन उसके बाद भी आश्रित को नौकरी नहीं मिली। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से जानकारी मांगी तो उनलोगों ने बताया कि निगम में (कॉरपोरेशन) ऐसा प्रावधान नहीं है। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉरपोरेशन भी तो राज्य सरकार ही बनाता है। ऐसे में यहां पर भी प्रावधान होना चाहिए।

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सोमवार को 40 लोगों ने मुख्यमंत्री को अपनी समस्याएं बतायी और उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई का निर्देश दिया। किशनगंज जिले से आए एक युवक ने कहा कि 20 हजार की आबादी का गांव बाढ़ से प्रभावित हो रहा है, उसके लिए उचित उपाय किए जाएं। अरवल जिले से आयी एक महिला ने कहा कि आठ फीट चौड़ी सड़क होने के बाद भी हर घर तक पक्की गली-नाली का निर्माण नहीं हो रहा है। मुजफ्फरपुर जिले से आयी एक महिला ने शिकायत की कि प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति के बाद भी उन्हें अपना घर नसीब नहीं हुआ है, इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिम चंपारण जिले से आये एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगायी कि जनवरी 2021 से ही उनके ट्रैक्टर को वन विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया है। लाख गुहार लगाने के बावजूद उन्हें ट्रैक्टर वापस नहीं मिला है। भोजपुर जिले से आए एक युवक ने कहा कि जनवितरण प्रणाली दुकान में दो लोगों का चयन नियमानुकूल नहीं किया गया, स्थानीय जनप्रतिनिधि की उदासीनता की वजह से शिक्षित बेरोजगार होने के बाद भी उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

Source : Hindustan

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