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अकाउंट में एक भी रुपया नहीं फिर भी आपको लग सकता है लाखों का चूना…

कस्टमर केयर फ्रॉड… शायद आपने कई बार इससे जुड़े किस्से सुने होंगे. फला आदमी को कस्टमर केयर से फोन आया और उनके अकाउंट से कई लाख रुपये कट गए. आपके आसपास भी इस तरह के फ्रॉड के शिकार हुए लोग हो सकते हैं. सवाल आता है कि कस्टमर केयर के नाम पर ये फ्रॉड हो कैसे रहा है और आप इससे बच कैसे सकते हैं.
हाल में ही एक महिला के साथ ऐसा ही फ्रॉड हुआ है. स्कैमर्स के जाल में फंसने के साथ वो इतनी डर चुकी हैं कि अपनी सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर परेशान हैं. ये पूरा स्कैम एक लिंक से शुरू हुआ, जो फ्रॉडस्टर ने उन्हें भेजा था. दरअसल, महिला ने ट्रेन टिकट बुक की थी, लेकिन किन्हीं कारणों से उन्होंने उसे कैंसल कर दिया.
टिकट कैसिंलेशन के बाद उनके अकाउंट में रिफंड अमाउंट जीरो दिखा रहा था. ऐसे में उन्होंने कस्टमर केयर से बात करने का फैसला किया. इसके लिए महिला ने गूगल पर Ticket Cancellation Refund सर्च किया. उन्हें सर्च रिजल्ट में सबसे ऊपर कस्टमर केयर का नंबर मिला, जो असल में फ्रॉडस्टर का था.
आजतक डिजिटल से बातचीत में महिला ने बताया कि ये नंबर उन्हें IRCTC की वेबसाइट से भी ऊपर दिख रहा था. जब उन्होंने इस नंबर पर कॉल किया, तो उनके साथ लाखों का फ्रॉड हो गया.
कैसे हुआ फ्रॉड?
महिला ने बताया कि बातचीत में कॉलर इतना कन्वेंसिंग था कि, उन्हें एक बार भी स्कैम का ख्याल तक नहीं आया. स्कैमर ने उन्हें एक लिंक भेजा और उस पर अपनी कंप्लेंट रजिस्टर करने के लिए कहा. यहां जब उन्होंने लिंक को लेकर संदेह जाहिर किया, तो कॉलर ने बताया कि वो OTP तो मांग नहीं रहा है.
ऐसा करके फ्रॉडस्टर ने महिला को अपनी बातों में उलझाए रखा और उनके फोन में संदिग्ध ऐप प्लांट कर दिया. इस ऐप की मदद से उसे महिला के फोन का फुल कंट्रोल मिल गया. पीड़िता की मानें तो स्कैमर उनकी फोटोज और दूसरी डिटेल्स तक एक्सेस कर पा रहा था.
उन्हें अपनी बातों में फंसाए रखने के लिए वो थोड़े-थोड़े देर में ट्रेन से जुड़ी जानकारियां भी शेयर करता रहता, जो वास्तव में पहले से ही महिला के फोन में मौजूद थी. इसके बाद फ्रॉडस्टर ने Net Banking लॉगइन के जरिए महिला के अकाउंट से ट्रांजैक्शन किया.
पहले तो उसने खुद को Payee ऐड किया और फिर 3 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन कर लिया. इसके बाद फ्रॉडस्टर ने महिला के नाम पर 2.96 लाख रुपये का पर्सनल लोन भी लिया. इस वक्त तक महिला को अपने साथ हो रहे फ्रॉड का अंदाजा हो गया था और उन्होंने इसके लिए शिकायत भी करनी शुरू की.
सबसे पहले उन्होंने बैंक में फोन किया और अपने अकाउंट को ब्लॉक कराया, लेकिन तब तक स्कैमर ने कुल 5 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन कर लिया था. पहले 3 लाख सेविंग से निकालने के बाद उसने महिला के क्रेडिट कार्ड से 2 लाख रुपये ट्रांसफर किए. गनीमत ये रही कि लोन अमाउंट को वो ट्रांसफर नहीं कर पाया.
किन दिक्कतों का करना पड़ा सामना?
सब कुछ ब्लॉक करने के बाद महिला ने 1930 पर कॉल किया. पुलिस ने बताया कि उनकी लोकेशन फिलहाल हरियाणा है और वो दिल्ली एनसीआर की रहने वाली हैं, तो उन्हें दिल्ली में शिकायत करानी होगी. चूंकि इस हादसे के वक्त ट्रेन में थी, तो दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने कमला मार्केट साइबर सेल में अपनी शिकायत दर्ज कराई.
इसके बाद उन्हें नोएडा सेक्टर 142 के पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करानी पड़ी. इतना ही नहीं उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर ट्वीट भी किए. पीड़िता ने बातचीत में बताया कि उनके घर तीन बार पुलिस बयान और जांच से जुड़ी पूछताछ के लिए आई, लेकिन उनके पैसे कब तक मिलेंगे, इसकी कोई तारीख नहीं मालूम है.
ये पैसे उनकी सैलरी अकाउंट में थे और लगभग यही उनकी कुल सेविंग भी थी. उनके पास दूसरे अकाउंट्स भी हैं, लेकिन उनमें कुछ ही रुपये हैं. ऐसे में उन्होंने रोजमर्रा के खर्च के लिए भी जूझना पड़ रहा है.
वो कहती हैं, ‘मुझे हर वक्त ये डर सता रहा है कि उसने (स्कैमर) मेरी फोटोज और दूसरी डिटेल्स को भी एक्सेस किया. कहीं वो इनका गलत इस्तेमाल ना करें. किसी भी नए नंबर से कॉल आती है, तो लगता है कि कहीं कोई स्कैमर तो नहीं है.’
कैसे होता है कस्टमर केयर स्कैम?
इस तरह के स्कैम के शिकार हुए ज्यादातर लोग ऑनलाइन कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर रहे होते हैं. स्कैमर्स कई तरह से अपने नंबर को ऑनलाइन रजिस्टर रखते हैं. इसके लिए फेक वेबसाइट्स तक क्रिएट की जाती हैं. जैसे ही कोई यूजर उनके जाल में फंसता है, स्कैमर्स अपना खेल शुरू कर देते हैं.
पहले तो ट्रांजैक्शन के लिए स्कैमर्स OTP मांगते थे, लेकिन पिछले कुछ वक्त में उन्होंने स्कैम का पूरा तरीका बदल दिया है. सबसे पहले वो एक लिंक भेजते हैं और फिर यूजर के फोन में एक ऐप इम्प्लॉन्ट करते हैं. इसकी मदद से वे यूजर की तमाम डिटेल्स को एक्सेस कर लेते हैं. बल्कि उनके पास आपके फोन का एक्सेस ही पहुंच जाता है. इसके बाद उन्हें आपसे OTP पूछने की जरूरत नहीं पड़ती है.
कैसे बच सकते हैं आप?
इंटरनेट की इस दुनिया में सावधानी और सतर्कता ही आपका बचाव कर सकती है. किसी भी वेबसाइट को सर्च करते हुए ध्यान रखें कि कोई उस नाम से फर्जी वेबसाइट भी क्रिएट कर सकता है. स्कैमर्स इस तरह की वेबसाइट को असली जैसा डिजाइन करते हैं, जिससे लोग उनके जाल में फंस जाएं.
इससे बचने के लिए आप हमेशा भरोसेमंद सोर्स से ही कस्टमर केयर का नंबर सर्च करें. बल्कि आधिकारिक वेबसाइट से ही कस्टमर केयर का नंबर लें. आपको कंप्लेंट रजिस्टर करने के लिए किसी लिंक पर क्लिक करने की जरूरत नहीं होती है. अगर कोई आपको ऐसा करने के लिए कहता है, तो सावधान हो जाएं.
कभी भी अपने फोन में कोई अनजान ऐप डाउनलोड नहीं करें. अगर कोई आपको लिंक भेज कर ऐप डाउनलोड करने के लिए कहता भी है, तो उस पर क्लिक ना करें. किसी भी ऐप को अपने फोन की परमिशन देने से पहले रिव्यू करें उसे इसकी जरूरत क्यों है.
अगर आपको लगता है कि आपका डेटा भी लीक हुआ है, तो आप इसे आसानी से चेक कर सकते हैं. इसके लिए आपको https://haveibeenpwned.com/ पर जाना होगा. इसे एक स्वतंत्र सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ऑपरेट करती है. इस वेबसाइट पर जाकर आपको अपनी ईमेल आईडी एंटर करनी होगी. इसके बाद आपको पता चलेगा कि आपका कौन सा डेटा लीक हुआ है.
Source : Aaj Tak
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स्मार्टफोन चोरों की शामत! सरकार लॉन्च करेगी नया मोबाइल ट्रैकिंग सिस्टम CEIR

सरकार 17 मई से नया ट्रैकिंग सिस्टम केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर (CEIR) लॉन्च करने जा रही है. इस ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए लोग अपने गायब या चोरी हो चुके मोबाइल फोन का पता लगा सकेंगे, या उसे ब्लॉक कर सकेंगे.
CEIR को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन CDoT द्वारा तैयार किया गया है. यह देशभर में 17 मई से शुरू हो जाएगा. सीईआईआर की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, इस साल मार्च में सिस्टम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ट्रायल बेस पर शुरू किया गया था. लेकिन बुधवार से इसे पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा.
CEIR के जरिए नागरिकों को चोरी के मामले में अपने स्मार्टफोन को ब्लॉक करने की सुविधा मिलती है. जब कोई नागरिक अपना मोबाइल ब्लॉक करा देता है, तो फिर सरकार फोन को ट्रैक करती है और इसे खोजने की कोशिश करती है. स्मार्टफोन यूजर CEIR वेबसाइट या KYM (नो योर मोबाइल) ऐप के माध्यम से अपना खोया हुआ फोन ब्लॉक कर सकते हैं.
सीडॉट के चेयरमैन राजकुमार उपाध्याय ने बताया, प्रणाली तैयार है और अब इसे इसी तिमाही में पूरे भारत में तैनात किया जाएगा. इससे लोग अपने खोए हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक और ट्रैक कर सकेंगे. भारत सरकार पहले ही इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) का खुलासा करना अनिवार्य कर चुकी है. ऐसे में मोबाइल नेटवर्क के पास पहले से आईएमईआई नंबरों की सूची होगी. अगर कोई अनधिकृत मोबाइल फोन (कोई IMEI बदलता है) तो उसके बारे में पता लग जाएगा.
Source : Aaj Tak
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गूगल अकाउंट के लिए पासवर्ड से जल्द मिलेगी मुक्ति; आ रहा पासकीज फीचर

गूगल अकाउंट के लिए पासवर्ड से मुक्ति मिल गई है. गूगल ने नया Passkeys फीचर रोल आउट किया है. इसके जरिए किसी भी वेबसाइट या मोबाइल ऐप्स में आसानी और सुरक्षित ढंग से साइन इन किया जा सकता है. गूगल ने अपने ब्लॉग में इसे बिना पासवर्ड के भविष्य की तरफ एक बड़ा कदम कहा है. पासकीज फीचर के आने के बाद कई अलग-अलग पासवर्ड को याद रखने के झंझट से मुक्ति मिलेगी.
साइन इन करने का नया तरीका
गूगल के ब्लॉग के मुताबिक पासकीज वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स में साइन इन करने का नया तरीका है. आप जिस पासकीज के जरिए अपना मोबाइल अनलॉक करते हैं उसी से आप अपने ऐप या वेबसाइट पर भी लॉग इन कर सकते हैं. इसमें, फिंगर प्रिंट, फेस स्कैन, पिन स्क्रीन लॉक आदि शामिल है. वहीं, पासकीज ऑनलाइन अटैक जैसे फिशिंग से सुरक्षित रहती है. इसके अलावा ये एसएमएस या फिर वन टाइम कोड से भी ज्यादा सुरक्षित है.
गूगल अकाउंट पर ऐसे सेट करें Passkeys
गूगल के ब्लॉग के मुताबिक गूगल अकाउंट में पासकीज की सुविधा उपलब्ध है. इसे सेट करने के लिए आपको g.co/passkeys पर जाना होगा. वहीं, गूगल वर्कस्पेस अकाउंट्स और एडमिनिस्ट्रेटर्स को साइन इन के दौरान एंड यूजर्स को पासकीज देने की सुविधा जल्द उपलब्ध होगी. हालांकि, पासकीज को पूरी तरह से रोल आउट करने में अभी वक्त लगेगा. इस कारण पासवर्ड और टू स्टेप वेरिफिकेशन की सुविधा फिलहाल उपलब्ध होगी.
गूगल के मुताबिक पिछले कुछ वक्त से गूगल ने अपनी सर्विस जैसे Docusign, Kayak, PayPal, शॉपिफाई और याहू में पासकीज फीचर को अपडेट किया था! जापान ने अपने यूजर्स के लिए पहले ही स्ट्रीमलाइन साइन इन फीचर का ऑप्शन दिया है. आज से गूगल अकाउंट यूजर्स भी पासकीज के फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Source : Zee Biz
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अब एक साथ चार मोबाइल पर चला सकेंगे एक ही व्हाट्सएप अकाउंट

WhatsApp दुनियाभर में सबसे ज्यादा यूज होने वाला इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप है. हालांकि, इसके एक फीचर का लोगों को लंबे वक्त से इंतजार था. हम बात कर रहे हैं मल्टीपल डिवाइस सपोर्ट की या फिर कम्पैनियन मोड की. वैसे तो आप WhatsApp Web की मदद से एक ही अकाउंट को फोन और PC दोनों में यूज कर सकते हैं, लेकिन अब ये फीचर फोन के लिए भी मिलेगा.
यानी आप एक ही WhatsApp अकाउंट को चार स्मार्टफोन तक में यूज कर सकते हैं. Meta CEO मार्क जकरबर्ग ने इस फीचर का ऐलान किया है. इस फीचर के बारे में उन्होंने फेसबुक और इंस्टाग्राम दोनों प्लेटफॉर्म्स पर जानकारी दी है.
क्या है WhatsApp का नया फीचर?
मार्क ने बताया, ‘आज से आप एक ही वॉट्सऐप अकाउंट को चार फोन्स तक में लॉगइन कर सकते हैं.’ कंपनी की मानें तो वॉट्सऐप का नया फीचर कुछ हफ्तों में सभी यूजर्स तक पहुंच जाएगा. यूजर्स को वॉट्सऐप के इस फीचर का लंबे वक्त से इंतजार था. कुछ दिनों पहले ही इस फीचर को WhatsApp Beta यूजर्स के लिए रिलीज किया गया था.
नए अपडेट की मदद से यूजर्स अपने मैसेज और चैट्स को सभी डिवाइसेस में सिंक कर सकेंगे. इसका मतलब है कि वॉट्सऐप यूजर्स को अपना अकाउंट एक्सेस करने के लिए अब हमेशा प्राइमरी डिवाइस को साथ रखने की जरूरत नहीं होगी. अच्छी बात ये है कि वॉट्सऐप का ये फीचर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ आता है.
🥁 Drumroll please…
Now you can use the same WhatsApp account on multiple phones 📱📞 ☎️ 📲
Link up to 4 other devices to your account so you can easily switch between phones without signing out and pick your chats up right where you left off. pic.twitter.com/Loqa30EgHk
— WhatsApp (@WhatsApp) April 25, 2023
यानी आप कई डिवाइस में अपने अकाउंट को यूज भी कर सकेंगे और एन्क्रिप्शन भी बना रहेगा. वैसे तो कंपनी इस फीचर को साल 2021 से ही WhatsApp Beta पर टेस्ट कर रही थी. कुछ दिनों पहले ही कंपनी ने इस फीचर को सभी बीटा यूजर्स के लिए रिलीज किया था.
कैसे काम करेगा ये फीचर?
इस फीचर को यूज करने के लिए आपको सबसे पहले सेकेंडरी फोन में वॉट्सऐप इंस्टॉल करना होगा.
वॉट्सऐप ओपन करने पर आपको ऊपर दिख रहे हैमबर्गर मेन्यू पर क्लिक करना होगा. यहां आपको Link to Existing Account का ऑप्शन मिलेगा.
इस पर क्लिक करते ही आपके सामने एक QR Code आ जाएगा. अब आपको अपने प्राइमरी फोन में वॉट्सऐप ओपन करना होगा और लिंक डिवाइसेस के ऑप्शन पर जाना होगा.
अब सेकेंडरी फोन पर दिख रहे QR Code को आपको प्राइमरी फोन से स्कैन करना होगा. इस तरह से आप दोनों ही स्मार्टफोन्स पर एक ही वॉट्सऐप अकाउंट को यूज कर सकेंगे.
Source : Aaj Tak
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