EDUCATION
शिक्षा मानव में पहले से ही विद्यमान की अभिव्यक्ति है : स्वामी विवेकानंद

…….और एक शिक्षक और शैक्षणिक संस्थानों का कर्त्तव्य उसको प्रकाशित करना हैं ! हम कक्षा में जो सीखते हैं, वह समाज में हमारे व्यवहार से परिलक्षित होना चाहिए। शैक्षणिक संस्थानों द्वारा छात्रों के बीच मूल्यों का विकास करने के कुछ तरीको को प्रकाशित करते हैं:
नैतिक दर्शन का पाठ्यचर्या और अनुशासन – स्कूल के पाठ्यक्रम में नैतिक मुद्दों और नैतिक दर्शन के विषय पर पाठ होना चाहिए। यह छात्रों को नैतिक दर्शन पर सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करेगा ताकि वे व्यक्तिगत जीवन में उनका अभ्यास कर सकें। उदाहरण के लिए, गांधी सात पाप, भारतीय और पश्चिमी दार्शनिक परंपराओं पर पाठ छात्रों के नैतिक संकाय को मुक्त करने में सहायक होंगे।
ऑब्जर्वेसन लर्निंग और साथियों का प्रभाव – विद्यार्थी आमतौर पर स्कूल में अपने साथियों के समूह, शिक्षकों आदि को देखता है और उनके व्यवहार से सीखता है। उदाहरण के लिए, जो बुरे लड़कों की संगति में आता है, वह उचित व्यवहार में सीखना शुरू कर सकता है।
विजुयल धारणा – विजुयल धारणा विभिन्न सूचनाओं जैसे प्रतीकों, छवियों, रेखाचित्रों, चार्ट आदि को संसाधित करके आसपास के वातावरण की व्याख्या करने की क्षमता है। यह छात्रों के बीच दृष्टिकोण और मूल्यों के संचार के लिए भी शक्तिशाली उपकरण है।
उपाख्यान (एक छोटी सी सच्ची कहानी) – उपाख्यान वास्तविक जीवन के अनुभव हैं जो वास्तविक मानवीय भावनाओं और अभिव्यक्तियों को चित्रित करते हैं। यह एक छात्र के मन पर एक स्थायी प्रभाव पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए, गांधी, लिंकन आदि के जीवन के उपाख्यानों को साझा करना बच्चों को सदाचारी जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकता है।
समूह गतिविधि – समूह गतिविधि में भूमिका निभाना, खेल, समूह चर्चा, समूह परियोजना आदि शामिल हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से, छात्र टीम भावना, सहयोग आदि का मूल्य सीखते हैं।
द्वंद्वात्मक शैली – सुकरात इस शैली के संस्थापक थे जो नकारात्मक परिकल्पना उन्मूलन में मदद करता है। उदाहरण के लिए, सहकर्मी समूहों के बीच चर्चा और बहस छात्रों के नैतिक संकाय में सुधार करने में मदद करते हैं।
सामाजिक नियंत्रण – स्कूल अनुशासन, सम्मान, आज्ञाकारिता आदि जैसे मूल्यों को पढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। स्कूल युवाओं को अच्छे छात्र, मेहनती भविष्य के कार्यकर्ता और कानून का पालन करने वाले नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित करके अनुरूपता सिखाते हैं।
सांस्कृतिक नवाचार – शैक्षणिक संस्थान सांस्कृतिक मूल्यों का निर्माण और संचार करते हैं। शिक्षक समान ज्ञान का संचार नहीं करता बल्कि अपने अनुभव को जोड़कर अद्यतन मूल्यों को प्रसारित करता है।
सामाजिक एकता – शैक्षिक संस्थान विविध जनसंख्या को एक एकीकृत समाज में ढालता है। यह लोगों के दृष्टिकोण, विचारों, रीति-रिवाजों और भावनाओं के बीच सामंजस्य बिठाकर समाज में सामाजिक संगठन बनाता है जो भारत जैसे सामाजिक विविधता वाले देशों में काफी महत्वपूर्ण है।
सामाजिक नियोजन – शैक्षिक संस्थान सामाजिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना योग्यता और प्रयास को पुरस्कृत करके योग्यता को बढ़ाता है और सामाजिक गतिशीलता को ऊपर उठाने का मार्ग प्रदान करता है
प्रवर्तन तंत्र – स्कूल, समाजीकरण का औपचारिक स्थान होने के कारण मजबूत प्रवर्तन तंत्र है जिसमें छात्रों को नैतिक व्यवहार के लिए पुरस्कृत किया जाता है और अनैतिक व्यवहार के लिए सख्ती से दंडित किया जाता है। उदाहरण के लिए, परीक्षा में नकल करने पर स्कूलों द्वारा भारी सजा दी जाती है और परीक्षा में टॉप करने वालों को सबके सामने पुरस्कृत किया जाता है।
चुनौतियां/सीमाएं:
मूल्य शिक्षा का अभाव – अधिकांश स्कूली पाठ्यक्रम तकनीकी कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से हैं जबकि नैतिक शिक्षाओं की काफी हद तक अनदेखी की जाती है। उदाहरण के लिए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जेनेटिक एडिटिंग टेक्नोलॉजी आदि के शिक्षण अनुप्रयोगों पर अधिक ध्यान दिया जाता है, लेकिन इससे जुड़े नैतिक सरोकारों को काफी हद तक नजरअंदाज कर दिया जाता है।
शिक्षण की पद्धति – अवलोकन, गतिविधि और अनुभवों के माध्यम से सीखने की काफी हद तक अनदेखी की जाती है। इससे छात्रों का नैतिक और आध्यात्मिक विकास के बजाय केवल संज्ञानात्मक विकास होता है।
औद्योगिक केंद्र के रूप में शैक्षणिक संस्थान – जैसा कि माइकल सैंडल बताते हैं, बाजार समाज में बुनियादी जरूरतों को भी बड़े पैमाने पर रखा जाता है। यहां तक कि शिक्षा संस्थान भी औद्योगिक प्रतिष्ठानों के रूप में काम कर रहे हैं जो केवल पैसे की मानसिकता से काम कर रहे हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है, साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उपलब्धता और वहनीयता के मामले में असमानता बढ़ रही है।
परस्पर विरोधी मूल्य – परिवार और समाज जैसी संस्थाओं का एक बच्चा जो स्कूल में सीखता है, उसका एक अधिभावी प्रभाव हो सकता है। उदाहरण के लिए, बच्चों को स्कूलों में धर्मनिरपेक्षता का मूल्य सिखाया जाता है लेकिन घर पर उनके माता-पिता उन्हें सांप्रदायिक मूल्यों का प्रचार कर सकते हैं।
अतिथि संपादक : मनीष स्वरुप , कॉफ्रेट प्रो० मार्केटिंग के संस्थापक
इस संपादन में उल्लेखित दृष्टि कोण लेखक की हैं। जिसका हमारे पत्रकारिता से कोई सम्बन्ध नहीं हैं।
EDUCATION
CISCE 10वीं, 12वीं का रिजल्ट आज cisce.org पर करेगा जारी

इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ स्कूल एग्जामिनेशन (ICSE), या कक्षा 10वीं और इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (ISC) या कक्षा 12वीं का रिजल्ट (ICSE ISC Result 2023) आज दोपहर 3 बजे जारी किया जाएगा. छात्र जो भी इस परीक्षा के लिए शामिल हुए हैं, वे CISCE की आधिकारिक वेबसाइट cisce.org पर जाकर अपना रिजल्ट (CISCE ICSE ISC Result 2023) चेक कर सकते हैं. इसके अलावा छात्र SMS के जरिए भी ICSE और ISC परीक्षा का रिजल्ट (ICSE ISC Result 2023) चेक कर सकते हैं. स्कूल प्रिंसिपल के लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके परिषद के करियर पोर्टल पर लॉग इन करके रिजल्ट (ICSE ISC Result) चेक कर सकते हैं. ICSE 10th Result 2023 और ISC 12th Result 2023 में जिन बुनियादी विवरणों का उल्लेख किया जाएगा उनमें छात्र का नाम, स्कूल का नाम, माता-पिता का नाम, विषयवार अंक, ग्रेड और रिजल्ट का स्टेट्स शामिल होगा.
EDUCATION
CBSE रिजल्ट में इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल ने कायम किया कीर्तिमान, 60 से ज्यादा बच्चों ने पाए 90% से अधिक अंक

MUZAFFARPUR : इंद्रप्रस्थ विद्यालय के प्रांगण में उस समय खुशी की लहर बच्चों एवं शिक्षकों के बीच देखा गया जब सी बी एस सी नई दिल्ली के द्वारा10 वी मे और 12 वी का रिजल्ट प्रकाशित हुआ उसके बाद बच्चो की भीड़ उमर परी जिसके साथ सभी अभिवावको को ने विद्यालय प्रबंधन एवं शिक्षकों को धन्यवाद दिया कि इंद्रप्रस्थ मे पढ़कर बच्चे बहुत अच्छा किया आगे उम्मीद है कि विद्यालय के एक-एक शिक्षक विद्यालय के बच्चों पर पूरा पूरा ध्यान रखेंगे। विद्यालय के प्रबंधन ने बताए कि 10 वी मे 45 बच्चों ने नब्बे प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं। वही 12 में 23 बच्चों ने नब्बे प्रतिशत से सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं।
विद्यालय के निदेशक सुमन कुमार ने बताया कि जहां 12 वी मे तीनो संकाय में बच्चो का बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा है, 96 प्रतिशत सबसे ज्यादा दो बच्चो को आया है। जबकि 10 वी मे 97 प्रतिशत अंकों के साथ मोहित कुमार प्रथम स्थान पर रहे हैं। विद्यालय की पब्लिक रिलेशन ऑफिसर सुप्रिया ने बताया कि इस बार बच्चों का परिणाम अच्छा रहा है। और उम्मीद है कि अगली बार दसवीं और 12वी में हम दुगना बिधार्थी 90 प्रतिशत में आने की संभावना है। जिसकी लिए इंद्रप्रस्थ परिवार अपनी पूरी इमानदारी से मेहनत कर रहा है ।जिसके लिए इंद्रप्रस्थ में पढ़ रहे बच्चों के लिए विद्यालय के शिक्षकों पूरी मेहनत से लगे भी है।
विद्यालय के ऑफिस कोऑर्डिनेटर अनुपम ने बताया कि विद्यालय में खेलकूद, एक्टिविटी एवं पढ़ाई के लिए विद्यालय के पास अनेकों संसाधन है।विद्यालय प्रबंधन हमेशा बच्चों को अच्छी शिक्षा एवं अनुशासन में रखने का प्रयासरत रहता हैं जिसका परिणाम इस परीक्षा में दिख रहा है, और भविष्य में इस से भी अच्छे परिणाम इंद्रप्रस्थ के बच्चों को देने की कोशिश इंद्रप्रस्थ के शिक्षकों के द्वारा की जाएगी विद्यालय की वाइस प्रेसिडेंट अनन्या वर्मा ने विद्यालय के बच्चों के साथ साथ सभी अभिवावको को भी धन्यवाद एवं मुबारकबाद दिया। विद्यालय की चेयर पर्सन दिव्या ने बच्चों के अभिभावको को विद्यालय के ऊपर विश्वास रखने के लिए आभार प्रकट किया और विद्यालय के शिक्षकों से और मेहनत करके बच्चों का रिजल्ट इससे भी बेहतर करवाने के लिए आसवासन दिया।
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बीआरए बिहार विवि में सप्ताह भर में जारी होगा पार्ट-3 का रिजल्ट

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पार्ट-3 सत्र 2019-22 और पीजी फर्स्ट सेमेस्टर सत्र सत्र 2021-23 का रिजल्ट एक हफ्ते के भीतर जारी कर दिया जाएगा। विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. टीके डे मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि पार्ट-3 के रिजल्ट को तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण हैं। एक हफ्ते में रिजल्ट पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया जायेगा। पार्ट-3 के साथ-साथ पीजी फर्स्ट सेमेस्टर का रिजल्ट भी तैयार है। उर्दू और पर्शियन विषय से ऑनलाइन इंटरनल के अंक नहीं आने से उसे मैन्यूअल ही चढ़ाया जा रहा है, जिस वजह से थोड़ी देर हो रही है।
वहीं विवि के संबद्ध डिग्री कॉलेज संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. पीके शाही ने आरोप लगाते हुए कहा कि पार्ट-3 सत्र 2019-22 के मूल्यांकन में गड़बड़ी है। उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्होंने राज्यपाल को भी आवेदन दिया है। अपने आवेदन में उन्होंने कहा है कि एक-एक परीक्षक से 200 कॉपियों की जांच कराई गई है। मुख्य विषय का मूल्यांकन 12 से 13 दिनों में खत्म करा दिया गया। संगठन ने राज्यपाल से लापरवाही बरतने के लिए कार्रवाई की मांग की है।
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