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डमी कैमरा, गले में आईडी और NCR News का माइक, पत्रकार बनकर पहुंचे थे अतीक के हत्यारे

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात साढ़े दस बजे के करीब हत्या हो गई. प्रयागराज के काल्विन हॉस्पिटल में पुलिस उन्हें मेडिकल के लिए लेकर आई थी. इसी दौरान जब वह मीडिया से मुखातिब हुए ये वारदात अंजाम दी गई. कुल मिलाकर 10 मिनट और समय को और बारीकी से देखें तो 40 सेकेंड में सबकुछ हो गया. इसे करीब से देखा आजतक के संवाददाता समर्थ और कैमरामैन नीरज ने. कैमरे के लेंस और उनकी आंखों के सामने ही क्या कुछ घटा, जानिए नीरज की कहानी, उनकी ही जुबानी…
वक्त 10 बजे से ऊपर का था. अस्पताल में मैं अपने साथी पत्रकार के साथ पहुंच चुका था. अन्य चैनलों के भी पत्रकार जुट रहे थे. वजह थी, कि पुलिस अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को इस अस्पताल में मेडिकल के लिए लाई थी. हम सभी तकरीबन आधे घंटे से उनके आने का इंतजार कर रहे थे. ये पहला मौका होता, जब अतीक अपने बेटे असद के एनकाउंटर के बाद पहली बार कुछ बोलने वाला था और मीडिया उससे सवाल करती.
पटाखे जैसी आवाज, धुंआ और सब समझ के बाहर
जब पुलिस अंदर आई तो हम लोग कैजुअली साथ आ रहे थे. इसी दौरान अतीक और अशरफ मीडिया से मुखातिब होते हैं. इस दौरान उससे सवाल होता है, जिसका जवाब देना वह शुरू करता है. अभी उसने कुछ शब्द बोले ही थे कि इतनी तेज बिल्कुल पटाखे जैसे आवाज आती है. अचानक कुछ समझ ही नहीं आता है कि क्या हुआ है? अगल-बगल कोई जान ही नहीं पाया. सब कुछ बहुत तेजी से हुआ, और धुंध जैसी छा गई. पांच-छह सेकेंड में ये समझ आया कि ये फायरिंग हो गई औऱ फिर कुछ कदम पीछे लिए तो देखा कि ताबड़तोड़ फायरिंग हो रही है.
‘6 कदम पीछे हटे तो कुछ नजर आया’
फायरिंग होते ही मेरे हाथ में कुछ बर्न सा हुआ और मैंने देखा भी. इसके बाद धुंआ सा दिखा, एकदम से फायर की आवाज आई और सब तितिर-बितर हो गया. पुलिस खुद कुछ समझ नहीं आई. मैंने भी अपनी स्थिति से 6 कदम पीछे लिए और फिर सामने देखने की कोशिश की. अब जो नजर आया तो देखा कि अतीक और अशरफ नीचे पड़े हैं और तीन लोग उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे हैं.
ऐसी थी हमलावरों की स्थिति
35-40 सेकेंड का ये घटनाक्रम बहुत तेजी से हुआ. आंखों ने देख तो सब कुछ लिया, लेकिन दिमाग सोच नहीं पाया. हुआ कुछ यूं था कि अतीक से बेटे के जनाजे में न जाने को लेकर सवाल पूछा गया था. वह और अशरफ इसका जवाब देते हुए कुछ शब्द ही बोल पाए थे कि तभी अतीक के सिर पर फायर हुआ. पहला फायर होते ही सब किनारे हो गए. अतीक और अशरफ सामने थे. एक हमलावर दाईं ओर, दूसरा बाईं ओर तीसरा हमलावर पीछे थे. अतीक और अशरफ दोनों ही तीन ओर से घिरे हुए थे.
हमलावरों ने सरेंडर-सरेंडर चिल्लाकर छोड़ दी बंदूक
बेतहाशा फायरिंग के बाद हमलावरों ने हाथ खड़े कर दिए. उन्होंने पुलिस को देखा और सरेंडर-सरेंडर चिल्लाए. इसके साथ ही उन्होंने पिस्टल छोड़ दी. थाना इंजार्ज ने उन्हें काबू करके जीप में डाला. तीसरा हमलावर जमीन में गिरा दिखा, जिसे पुलिस ने लेटे-लेटे ही कब्जे में लिया. इससे पहले पुलिस किसी भी सीन या फ्रेम में नहीं थी. जब हाथ में फायर बर्न होने के बाद मैं पीछे हटा था, तब मैंने एक प्वाइंट पर खुद पर कंट्रोल करते हुए इस पूरे सीन को बहुत बारीकी से देखा. मैंने कैमरे का वाइड फ्रेम बनाया, जिसमें तीनों हमलावर साफ-साफ नजर आ रहे थे. दिमागी तौर पर 30-35 सेकेंड मेरे लिए बिल्कुल निशब्द हैं. अगले ही पल अतीक और उनका भाई जमीन पर खून से लथपथ जमीन पर नजर आ रहे थे. पुलिस नदारद थी, आसपास भी नहीं थी. मेरे वाइड एंगल फ्रेम में कोई नहीं दिख रहा है. हमलावरों ने जब पिस्टल छोड़ी तभी पुलिस ने उन्हें काबू किया.
मौके पर मिले डमी कैमरे और आईकार्ड
मौके पर कैमरे और आइकार्ड भी पड़ा दिखा, जिस पर किसी पत्रकार ने कोई क्लेम नहीं किया. पुलिस कह रही है कि हत्यारे पत्रकार बनकर आए थे. हो सकता है कि वह कैमरा-आईकार्ड लेकर आए थे. वैसे मैं जबसे चैनल के लिए यहां कवर कर रहा हूं तो लगभग सभी साथियों को जानता हूं. शुरुआत में इस पर ध्यान नहीं दिया कि हम पत्रकारों के बीच कोई ऐसा था.
Source : Aaj Tak
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साक्षी को 34 चाकू मारने वाले साहिल को नहीं पछतावा, बोला- सिखाया सबक

दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में 16 साल की लड़की साक्षी को 34 बार चाकू मारकर पत्थर से कुचलने वाले हैवान साहिल खान को अपनी करतूत पर कोई पछतावा नहीं है। साहिल का कहना है कि उसने साक्षी को सबक सिखा दिया है। पूछताछ में साहिल ने कुछ वेबसीरीज का भी नाम लिया है। जिसके बाद सवाल उठ रहा है कि क्या उसने किसी साइको किलर वाली वेबसीरीज को देखने के बाद इस तरह के खौफनाक वारदात को अंजाम दिया।
साक्षी की हत्या के बाद बुलंदशहर से गिरफ्तार किए गए साहिल से दिल्ली पुलिस ककी एक टीम लगातार पूछताछ कर रही है। 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे गए साहिल से हत्या का हर राज उगलवाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस उससे ऑन कैमरा पूछताछ कर रही है। साहिल से राज उगलवाने के लिए पुलिस ने एक स्पेशल टीम बनाई है जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा कुछ मनोवैज्ञानिक भी शामिल किए गए हैं। साहिल जितना क्रूर है उतना ही शातिर भी है। वह बार-बार पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता है। हालांकि, अब तक की पूछताछ में पुलिस ने घटना से जुड़े कई अहम सवाल के जवाब उससे उगलवाए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, साहिल ने पूछताछ में कुछ वेबसीरीज का भी नाम लिया है। बताया जा रहा है कि उसने कुछ वेबसीरीज को देखकर इस तरह से वारदात को अंजाम देने का आइडिया लिया। पुलिस इस हत्या के ओटीटी कनेक्शन की भी पड़ताल कर रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने जब उससे यह पूछा कि उसने लड़की को क्यों मारा तो उसने दो टूक जवाब दिया, ‘मैंने साक्षी को सबक सिखा दिया। मुझे कोई पछतावा नहीं है।’
पुलिस ने जब उससे पूछा कि उसने इतनी बेरहमी से क्यों मारा तो बोला- मैं बता नहीं सकता। क्या साक्षी से झगड़ा हुआ था? इसके जवाब में साहिल ने कहा- मुझे कुछ नहीं बोलना। क्या साक्षी को पहले से जानते थे? इस सवाल का जवाब साहिल ने हां में दिया। कत्ल का आइडिया कहां से आया? इसके जवाब में कातिल ने कहा, ‘बस मारना था और मैंने मार दिया।’ साहिल ने अभी तक यह नहीं बताया है कि हत्या में इस्तेमाल चाकू उसने कहां फेंका है।
Source : Hindustan
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नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-1 का प्रक्षेपण सफल, अब सेना होगी और सशक्त

धरती से लेकर अंतरिक्ष तक भारत की उपलब्धियों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। सोमवार को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी ISRO ने सफलतापूर्वक नेविगेशन सैटेलाइट NVS-1 को लॉन्च कर दिया है। खास बात है कि यह अंतरिक्ष यान नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NavIC) सीरीज का हिस्सा है। इसरो इसके जरिए मॉनिटरिंग और नेविगेशन के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाना चाहता है।
https://twitter.com/ANI/status/1663052195343007744
अंतरिक्ष एजेंसी ने दूसरी पीढ़ी की नौवहन उपग्रह श्रृंखला के प्रक्षेपण की योजना बनाई है जो नाविक (जीपीएस की तरह भारत की स्वदेशी नौवहन प्रणाली) सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करेगी। यह उपग्रह भारत और मुख्य भूमि के आसपास लगभग 1,500 किलोमीटर के क्षेत्र में तात्कालिक स्थिति और समय से जुड़ी सेवाएं देगा।
इसरो के सूत्रों ने बताया कि प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती रविवार को सुबह सात बजकर 12 मिनट पर शुरू हो गई थी। खबर है कि 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी अपनी 15वीं उड़ान में 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लेकर रवाना हो गया।
इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद, रॉकेट लगभग 251 किमी की ऊंचाई पर भू-स्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में उपग्रह को स्थापित करेगा।
एनवीएस-01 अपने साथ एल1, एल5 और एस बैंड उपकरण ले जाएगा। पूर्ववर्ती की तुलना में, दूसरी पीढ़ी के उपग्रह में स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी भी होगी। इसरो ने कहा कि यह पहली बार है जब स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी का सोमवार के प्रक्षेपण में इस्तेमाल किया जाएगा।
NavIC एक रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है, जिसे ISRO ने तैयार किया है। यह सात सैटेलाइट्स का एक समूह है, जो ग्राउंड स्टेशन्स के साथ मिलकर काम करता है। यह नेटवर्क नेविगेशन से जुड़ी सेवाएं देता है। कहा जा रहा है कि नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं देने के लिए इस सिस्टम को तैयार किया गया है। यह भारतीय सीमा से आगे तक 1500 किमी के क्षेत्र का नेटवर्क कवर करता है।
खबर है कि 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भारत को जब मदद की जरूरत पड़ी, तो अमेरिका के हाथों निराशा मिली। GPS मदद से इनकार किए जाने के बाद भारत अपना नेविगेशन सिस्टम तैयार करने लगा था। इसे 2006 में अप्रूव किया गया और माना जा रहा था कि इसे 2011 तक इसे तैयार कर लिया जाएगा। हालांकि, यह पूरी तरह तैयार 2018 तक हो सका।
इस तकनीक का इस्तेमाल जमीन, हवा और पानी में होने वाले परिवहन पर हो सकता है। साथ ही यह लोकेशन आधारित सेवाओं के लिहाज से भी काफी अहम है। ISRO का मानना है कि दूसरी पीढ़ी की नेविगेशन सैटेलाइट सीरीज में NVS-1 पहला है। यह नाविक की विरासत को बनाए रखेगा और Li बैंड में नई सेवाए देगा।
Source : Hindustan
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हिरासत में लिए गए पहलवान, जंतर-मंतर से दिल्ली पुलिस ने उखाड़े तंबू

भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक महीने से अधिक लंबे पहलवानों के धरने को लेकर दिल्ली पुलिस ने सख्त रुख अपना लिया है. दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे पहलवानों को हिरासत में ले लिया. दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से पहलवानों का तंबू भी हटा दिया है.
बताया जाता है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने नए संसद भवन तक शांतिपूर्ण मार्च का ऐलान किया था. पहलवान पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 11 बजकर 30 मिनट पर नए संसद भवन के लिए निकले. दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर रखी थी.
नए संसद भवन तक जाने के लिए निकले पहलवानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी. पुलिस ने साक्षी मलिक समेत कुछ पहलवानों को हिरासत में ले लिया. पहलवान नए संसद भवन तक शांतिपूर्ण मार्च निकालने पर अड़े रहे. पहलवानों ने शांतिपूर्ण मार्च निकालने को अपना अधिकार बताया और दिल्ली पुलिस पर देश विरोधी कहने का भी आरोप लगाया.
https://twitter.com/SwatiJaiHind/status/1662728873476526080
पुलिस ने जब बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक को हिरासत में ले लिया तो वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. इससे पहले विनेश फोगाट ने वीडियो जारी कर आरोप लगाए थे कि महिला महापंचायत में शामिल होने आ रहे सभी लीडर्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
फोगाट बहनों की फोटो ट्वीट कर DCW चीफ ने किया तंज
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने फोगाट बहनों की एक तस्वीर ट्वीट किया है. इस तस्वीर में दोनों बहनें एक-दूसरे से लिपटकर रोड पर लेटी नजर आ रही हैं. कहा जा रहा है कि पुलिस ने जब पहलवानों का नए संसद भवन तक मार्च से रोका और उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की तब दोनों बहनें एक-दूसरे से लिपटकर रोड पर ही लेट गईं.
https://twitter.com/SwatiJaiHind/status/1662722160413278212
इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए स्वाति मालिवाल ने दिल्ली पुलिस को घेरा. दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख ने अपने ट्वीट में कहा है कि इन लड़कियों ने विदेशी सरजमीं पर तिरंगा ऊंचा किया था. आज इन बेटियों को ऐसे घसीटा जा रहा है और तिरंगा ऐसे सड़क पर अपमानित हो रहा है.
पहलवान बजरंग पूनिया ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम 11:30 बजे नई संसद की ओर कूच करेंगे. मैं पुलिस प्रशासन से अपील करूंगा कि हम शांतिपूर्वक जाएंगे, हमें परेशान न किया जाए. सभी से अनुरोध है कि शांति बनाए रखें. पूनिया ने आरोप लगाया था कि पुलिस के अधिकारी बदतमीजी कर रहे हैं. परिवारों को भी अंदर नहीं आने दिया जा रहा है. आज महा पंचायत होगी. हमने इसकी अनुमति के लिए कल ही आवेदन दे दिया था. पुलिस हमारे लोगों को गुमराह कर रही है. हमसे कोई बातचीत नहीं हुई है.
सरकार समझौते का दवाब बना रही: विनेश फोगाट
इससे पहले मीडिया से बात करते हुए विनेश फोगाट ने आरोप लगाया था कि सरकार हम पर समझौते का दबाव बना रही है, लेकिन हम समझौते के लिए तैयार नहीं है क्योंकि जो शर्त रखी जा रही है वो बृजभूषण की गिरफ़्तारी की बिल्कुल नहीं है. नई संसद के सामने होने वाली महिला सम्मान महापंचायत होकर रहेगी.
दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त
पहलवानों के नई संसद कूच के ऐलान को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर दी गई थी. ईस्ट दिल्ली की डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने कहा कि दिल्ली पुलिस इस तरह के मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. हमारे पास अतिरिक्त मात्र में सुरक्षा बल है और सभी की तैनाती की गई है. वहीं टिकरी बॉर्डर पर भी पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी थी क्योंकि खाप पंचायत के नेताओं और किसानों ने नए संसद भवन की ओर प्रदर्शनकारी पहलवानों के मार्च में शामिल होने की घोषणा की थी.
बुलंदशहर में धरने पर बैठे किसान नेता
इधर, जंतर-मंतर जाने से पहलवानों पर हुई कार्रवाई पर भाकियू (टिकैत) कार्यकर्ता भड़क गए. NH-34 को जाम करके वे लोग नेशनल हाइवे पर ही धरने पर बैठ गए. सूचना मिलते ही एसपी सिटी और पुलिसवाले मौके पर पहुंच गए.
Source : Aaj Tak
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