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Children’s Day: गुरुग्राम की दिव्यांशी सिंघल को इस तस्वीर के लिए Google देगा 7 लाख की स्कॉलरशिप

Google Doddle पर आज चिल्ड्रन्स डे (Children’s Day) मनाया जा रहा है. इस दिन पहले और पूर्व प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) का जन्म हुआ था. गूगल ने ये डूडल चाचा नेहरू (Chacha Nehru) को समर्पित किया है. आपको बता दें, ये गूगल डूडल गुरुग्राम की दूसरी क्लास में पढ़ने वाली सात साल की लड़की दिव्यांशी सिंघल ने बनाया है. दिव्यांशी ने इस तस्वीर में पेड़-पौधों को चलते हुए दिखाया है और नाम दिया है ‘वॉकिंग ट्री’ (Walking Tree).
साल 2009 से गूगल हर साल 14 नवंबर को ‘Doodle 4 Google’ नाम की एक प्रतियोगिता रखता है. इस साल इस कॉम्पिटिशन की थीम थी “When I grow up, I hope”. इस बाल दिवस (Children’s Day) की प्रतियोगिता में गूगल को 1.1 लाख एंट्रीज़ मिली, ये सभी चित्र 1 से 5 तक की कक्षा वाले बच्चों ने बनाए थे, जिसमें दिव्यांशी सिंघल की इस पेंटिंग को चुना गया.
बता दें, पहले बाल दिवस (Bal Diwas) हर साल 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन 1969 में जवाहर लाल नेहरू की मौत के बाद चिल्ड्रन्स डे (Happy Children’s Day) को चाचा नेहरू के जन्मदिन 14 नवंबर को मनाया जाने लगा.
Children’s Day पूरे भारत में मनाया जाता है. इस दिन बच्चे स्कूलों में नाच-गाने वाले प्रोग्राम करते हैं. चाचा नेहरू के जन्मदिन पर खास भाषण दिया जाता है. वहीं, बाल दिवस के मैसेजेस से एक-दूसरे को चिल्ड्रंस डे की बधाई दी जाती हैं.
गूगल देता है स्कॉलरशिप
हर साल गूगल भारत के 1 से 5 कक्षा तक के बच्चों के लिए गूगल 4 डूडल नाम की प्रतियोगिता रखता है. इसमें जीतने वाले बच्चे (नेशनल विनर) को 5 लाख की कॉलेज स्कॉलरशिप और 2 लाख टेक्नोलॉजी पैकेज दिया जाता है. ये पूरी स्कॉलरशिप बच्चे के स्कूल को दी जाती है. इसके साथ ही बच्चे को सर्टिफिकेट/ट्रोफी और गूगल ऑफिस में भी घुमाया जाता है.
नेशनल विनर के अलावा, रनर-अप रहे 4 बच्चों की तस्वीरों को चिल्ड्रन्स डे पर बनाई गई गूगल गैलरी (Google Gallery) में शोकेस किया जाता है. इन बच्चों को भी 2.5 लाख कॉलेज स्कॉलरशिप और 1 लाख टेक्नोलॉजी पैकेज दिया जाता है. साथ ही सर्टिफिकेट/ट्रोफी के अलावा गूगल इंडिया ऑफिस में घुमाया जाता है.
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ओडिशा रेल हादसे की जांच करेगी CBI, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान

ओडिशा रेल हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश रेलवे ने कर दी है. ये जानकारी रविवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भुवनेश्वर में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी. उन्होंने बताया कि मेन लाइन पर मरम्मत का काम पूरा हो चुका है. विद्युतीकरण का काम अभी भी जारी है. रेलवे घायल और मृतकों के परिजनों के संपर्क में है. रेलवे ने सिफारिश की है कि जांच सीबीआई से कराई जाए. सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाएगा. इसकी सिफारिश रेलवे बोर्ड की तरफ से किया जा रहा है.
बता दें कि ओडिशा के बालासोर में जहां ट्रेन हादसा हुआ है, वहां चौबीसों घंटे काम युद्धस्तर पर चल रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लगातार घटनास्थल पर मौजूद हैं. सैकड़ों रेल कर्मी, राहत बचाव दल के जवान, टेक्नीशियन्स से लेकर इंजीनियर्स तक दिन रात काम कर रहे हैं. हादसे के बाद घटनास्थल पर जो हालात थे, वो तेजी से बदलते जा रहे हैं. पटरी पर बिखरी बोगियां अब हटाकर किनारे की जा चुकी हैं. हादसे के बाद दोनों एक्सप्रेस ट्रेन और मालगाड़ी के बचे हुए डिब्बे भी पटरी से हटाए जा चुके हैं. बोगियों में फंसे लोगों को पहले ही निकाला जा चुका है और अब ट्रैक के रिस्टोरेशन का काम तेजी से चल रहा है.
बताते चलें कि रेल मंत्री ने भले ही हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की हो, लेकिन साथ ही रेलवे सुरक्षा आयोग की जांच भी जारी रहेगी. रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सभी एंगल से जांच की जरूरत है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. यह पहली बार नहीं है जब किसी रेल हादसे की सीबीआई जांच शुरू की गई है.
टीएमसी ने रेल मंत्री के बयान को लेकर सवाल उठा हैं. पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि सीबीआई जांच का आदेश देना पूरी तरह से नौटंकी है. लोगों को गुमराह करना है. रेलवे की लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए कुछ लोगों की बलि चढ़ जाएगी. रेलवे विभाग जो कहना चाहता है, वह सीबीआई को बताया जाएगा. क्योंकि, रेलवे और सीबीआई, दोनों के शीर्षस्थों का नियंत्रण एक ही स्थान पर है. सीबीआई को मूल शिकायत तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच अपने हाथ में रखे. वहां कई कुशल अधिकारी हैं. लेकिन बीजेपी ऊपर से प्रभाव डालती है. क्या कुछ लोगों के कंधों पर जिम्मेदारी डालकर रेलवे विभाग की लापरवाही से बचने के लिए यह चालाकी भरा और प्रचार-प्रसार का कदम है? रेलवे और सीबीआई, दोनों का रिमोट कंट्रोल एक ही हाथ में है. इस जांच का उद्देश्य और निष्कर्ष जानने के लिए.
ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे को 2 दिन बीत चुके हैं. 2 दिनों से लगातार चौबीसों घंटे घटनास्थल पर राहत बचाव कार्य चल रहा है. दो दिनों के बाद ट्रेन की बोगियों में फंसे सारे शव निकाले जा चुके हैं. हादसे में 275 लोगों की मौत हुई है, जबकि घायलों की संख्या 1100 से अधिक है. अस्पतालों में लावारिस शवों के ढेर लगे हुए हैं. आलम ये है कि अस्पतालों के मुर्दाघरों में जगह नहीं बची है. शवों की संख्या को देखते हुए स्कूल और कोल्ड स्टोरेज को मुर्दाघर में तब्दील कर दिया गया है.
शुक्रवार शाम ऐसे हुआ हादसा
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे बालासोर के बहानगा रेलवे स्टेशन पर दो ट्रेन और एक मालगाड़ी की आपस में टक्कर हो गई थी. रेलवे की तरफ से कहा गया कि ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-मद्रास) मेन लाइन से गुजर रही थी, उसी वक्त अप लूप लाइन पर वो मालगाड़ी से टकरा गई. ट्रेन पूरी रफ्तार (फुल स्पीड) में थी और उसे स्टेशन पर रोकना संभव नहीं था. इसका परिणाम ये हुआ कि 21 कोच डीरेल हो गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए. हर स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है. बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं. किसी भी ट्रेन को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है, जब किसी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो.
इसी समय डाउन लाइन की ट्रेन 12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही थी और उसकी कोरोमंडल से टक्कर हो गई. इसके बाद हावड़ा एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतर गए. रेलवे की तरह से बताया गया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस में 1257 लोगों ने रिजर्वेशन कराया था जबकि हावड़ा यशवंत पुर एक्सप्रेस में 1039 लोगों ने रिजर्वेशन कराया था. बहानगा बाजार स्टेशन पर भी कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर खड़ा कराया गया था. कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी. उस समय डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजर रही थी.
Source: Aaj Tak
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‘हादसा विचलित करने वाला, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा’, बालासोर में बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा हादसे के हालात की समीक्षा के लिए शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा भाजपा ने अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए। इनमें मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने से जुड़े कार्यक्रम भी शामिल रहे।
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा प्रधानमंत्री
बालासोर, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि ओडिशा रेल दुर्घटना के लिए दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मोदी घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ितों से अस्पताल में मुलाकात की। वहीं, दुर्घटनास्थल पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री ने अस्पताल का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम घायलों को सर्वश्रेष्ठ उपचार मुहैया कराएंगे। उन्होंने लोगों को बचाने में मदद के लिए स्थानीय लोगों का भी आभार व्यक्त किया, जिनमें से कई लोगों ने रातभर काम किया। हादसे के बारे में उन्होंने कहा, मेरे पास पीड़ा व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। ईश्वर हमें इस स्थिति से उबरने की शक्ति दे। पीएम ने घटनास्थल से कैबिनेट सचिव और स्वास्थ्य मंत्री से फोन पर बात की। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि एम्स भुवनेश्वर के डॉक्टर बालासोर और कटक भेजे गए हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा हादसे के हालात की समीक्षा के लिए शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा भाजपा ने अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए। इनमें मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने से जुड़े कार्यक्रम भी शामिल रहे।
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साक्षी को 34 चाकू मारने वाले साहिल को नहीं पछतावा, बोला- सिखाया सबक

दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में 16 साल की लड़की साक्षी को 34 बार चाकू मारकर पत्थर से कुचलने वाले हैवान साहिल खान को अपनी करतूत पर कोई पछतावा नहीं है। साहिल का कहना है कि उसने साक्षी को सबक सिखा दिया है। पूछताछ में साहिल ने कुछ वेबसीरीज का भी नाम लिया है। जिसके बाद सवाल उठ रहा है कि क्या उसने किसी साइको किलर वाली वेबसीरीज को देखने के बाद इस तरह के खौफनाक वारदात को अंजाम दिया।
साक्षी की हत्या के बाद बुलंदशहर से गिरफ्तार किए गए साहिल से दिल्ली पुलिस ककी एक टीम लगातार पूछताछ कर रही है। 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे गए साहिल से हत्या का हर राज उगलवाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस उससे ऑन कैमरा पूछताछ कर रही है। साहिल से राज उगलवाने के लिए पुलिस ने एक स्पेशल टीम बनाई है जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा कुछ मनोवैज्ञानिक भी शामिल किए गए हैं। साहिल जितना क्रूर है उतना ही शातिर भी है। वह बार-बार पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता है। हालांकि, अब तक की पूछताछ में पुलिस ने घटना से जुड़े कई अहम सवाल के जवाब उससे उगलवाए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, साहिल ने पूछताछ में कुछ वेबसीरीज का भी नाम लिया है। बताया जा रहा है कि उसने कुछ वेबसीरीज को देखकर इस तरह से वारदात को अंजाम देने का आइडिया लिया। पुलिस इस हत्या के ओटीटी कनेक्शन की भी पड़ताल कर रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने जब उससे यह पूछा कि उसने लड़की को क्यों मारा तो उसने दो टूक जवाब दिया, ‘मैंने साक्षी को सबक सिखा दिया। मुझे कोई पछतावा नहीं है।’
पुलिस ने जब उससे पूछा कि उसने इतनी बेरहमी से क्यों मारा तो बोला- मैं बता नहीं सकता। क्या साक्षी से झगड़ा हुआ था? इसके जवाब में साहिल ने कहा- मुझे कुछ नहीं बोलना। क्या साक्षी को पहले से जानते थे? इस सवाल का जवाब साहिल ने हां में दिया। कत्ल का आइडिया कहां से आया? इसके जवाब में कातिल ने कहा, ‘बस मारना था और मैंने मार दिया।’ साहिल ने अभी तक यह नहीं बताया है कि हत्या में इस्तेमाल चाकू उसने कहां फेंका है।
Source : Hindustan
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