ओडिशा रेल हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश रेलवे ने कर दी है. ये जानकारी रविवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भुवनेश्वर में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी. उन्होंने बताया कि मेन लाइन पर मरम्मत का काम पूरा हो चुका है. विद्युतीकरण का काम अभी भी जारी है. रेलवे घायल और मृतकों के परिजनों के संपर्क में है. रेलवे ने सिफारिश की है कि जांच सीबीआई से कराई जाए. सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाएगा. इसकी सिफारिश रेलवे बोर्ड की तरफ से किया जा रहा है.

बता दें कि ओडिशा के बालासोर में जहां ट्रेन हादसा हुआ है, वहां चौबीसों घंटे काम युद्धस्तर पर चल रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लगातार घटनास्थल पर मौजूद हैं. सैकड़ों रेल कर्मी, राहत बचाव दल के जवान, टेक्नीशियन्स से लेकर इंजीनियर्स तक दिन रात काम कर रहे हैं. हादसे के बाद घटनास्थल पर जो हालात थे, वो तेजी से बदलते जा रहे हैं. पटरी पर बिखरी बोगियां अब हटाकर किनारे की जा चुकी हैं. हादसे के बाद दोनों एक्सप्रेस ट्रेन और मालगाड़ी के बचे हुए डिब्बे भी पटरी से हटाए जा चुके हैं. बोगियों में फंसे लोगों को पहले ही निकाला जा चुका है और अब ट्रैक के रिस्टोरेशन का काम तेजी से चल रहा है.

बताते चलें कि रेल मंत्री ने भले ही हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की हो, लेकिन साथ ही रेलवे सुरक्षा आयोग की जांच भी जारी रहेगी. रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सभी एंगल से जांच की जरूरत है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. यह पहली बार नहीं है जब किसी रेल हादसे की सीबीआई जांच शुरू की गई है.

टीएमसी ने रेल मंत्री के बयान को लेकर सवाल उठा हैं. पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि सीबीआई जांच का आदेश देना पूरी तरह से नौटंकी है. लोगों को गुमराह करना है. रेलवे की लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए कुछ लोगों की बलि चढ़ जाएगी. रेलवे विभाग जो कहना चाहता है, वह सीबीआई को बताया जाएगा. क्योंकि, रेलवे और सीबीआई, दोनों के शीर्षस्थों का नियंत्रण एक ही स्थान पर है. सीबीआई को मूल शिकायत तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच अपने हाथ में रखे. वहां कई कुशल अधिकारी हैं. लेकिन बीजेपी ऊपर से प्रभाव डालती है. क्या कुछ लोगों के कंधों पर जिम्मेदारी डालकर रेलवे विभाग की लापरवाही से बचने के लिए यह चालाकी भरा और प्रचार-प्रसार का कदम है? रेलवे और सीबीआई, दोनों का रिमोट कंट्रोल एक ही हाथ में है. इस जांच का उद्देश्य और निष्कर्ष जानने के लिए.

ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे को 2 दिन बीत चुके हैं. 2 दिनों से लगातार चौबीसों घंटे घटनास्थल पर राहत बचाव कार्य चल रहा है. दो दिनों के बाद ट्रेन की बोगियों में फंसे सारे शव निकाले जा चुके हैं. हादसे में 275 लोगों की मौत हुई है, जबकि घायलों की संख्या 1100 से अधिक है. अस्पतालों में लावारिस शवों के ढेर लगे हुए हैं. आलम ये है कि अस्पतालों के मुर्दाघरों में जगह नहीं बची है. शवों की संख्या को देखते हुए स्कूल और कोल्ड स्टोरेज को मुर्दाघर में तब्दील कर दिया गया है.

शुक्रवार शाम ऐसे हुआ हादसा

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे बालासोर के बहानगा रेलवे स्टेशन पर दो ट्रेन और एक मालगाड़ी की आपस में टक्कर हो गई थी. रेलवे की तरफ से कहा गया कि ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-मद्रास) मेन लाइन से गुजर रही थी, उसी वक्त अप लूप लाइन पर वो मालगाड़ी से टकरा गई. ट्रेन पूरी रफ्तार (फुल स्पीड) में थी और उसे स्टेशन पर रोकना संभव नहीं था. इसका परिणाम ये हुआ कि 21 कोच डीरेल हो गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए. हर स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है. बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं. किसी भी ट्रेन को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है, जब किसी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो.

इसी समय डाउन लाइन की ट्रेन 12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही थी और उसकी कोरोमंडल से टक्कर हो गई. इसके बाद हावड़ा एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतर गए. रेलवे की तरह से बताया गया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस में 1257 लोगों ने रिजर्वेशन कराया था जबकि हावड़ा यशवंत पुर एक्सप्रेस में 1039 लोगों ने रिजर्वेशन कराया था. बहानगा बाजार स्टेशन पर भी कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर खड़ा कराया गया था. कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी. उस समय डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजर रही थी.

Source: Aaj Tak

nps-builders

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD