मनीष कश्यप की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में गिरफ्तार किए गए मनीष कश्यप को तमिलनाडु की मुदैरा कोर्ट ने 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। साथ ही मनीष के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बता दें कि 5 अप्रैल बुधवार को आरोपी मनीष कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसने सुप्रीम कोर्ट में सुनावाई के लिए याचिका दायर की थी।

साथ ही मनीष कश्यप ने अर्जी दाखिल कर अंतरिम जमानत के साथ अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर को भी एक साथ जोड़ने की मांग की है।

NSA के तहत मामला दर्ज

तमिलनाडु पुलिस ने कोर्ट से सात दिन की रिमांड की मांगी थी। कोर्ट ने बुधवार को इस पर हुई सुनवाई के बाद मनीष को 19 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

हालांकि, इससे पहले कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड दी थी। वहीं, अब उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम  के तहत मामला दर्ज किया गया है।

क्या है NSA कानून?

मनीष कश्यप के खिलाफ NSA के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) कानून के तहत यदि सरकार को यह लगे कि कोई व्यक्ति देश में कानून का राज्य चलाने में बाधा डाल रहा है तो उसकी गिरफ्तारी का आदेश सरकार दे सकती है।

यह एक्ट 1980 में इंदिरा गाधी के शासनकाल में बना था। वहीं, इस एक्ट के जरिए किसी संदिग्ध नागरिक या बिना किसी मतलब के देश में रह रहे नागरिक को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

इस कानून का इस्तेमाल पुलिस कमिश्नर, डीएम या राज्य सरकार कर सकती है।

Source : Dainik Jagran

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