मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से पहली बार ओएमआर पैटर्न पर ली गई स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा में गड़बड़ियां बढ़ती जा रही हैं। परिणाम को सुधार कर जारी किया गया। इसके बाद चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। आरसी कालेज सकरा के छात्र आयुष कुमार ने परीक्षा में जूलाजी को मुख्य विषय और रसायनशास्त्र और भौतिकी को सब्सिडयरी के रूप में रखा था। इन्हीं पेपर की परीक्षा में वे शामिल भी हुए। जब रिजल्ट आया तो उसमें बाटनी का पेपर दिखा रहा। उस पेपर में अनुपस्थित बताकर छात्र का परिणाम प्रमोटेड कर दिया गया है। छात्र ने कहा कि जब परीक्षा भौतिकी की दी तो परिणाम बाटनी का कैसे आ गया। विवि के मार्किंग पैटर्न पर इससे सवाल उठ रहा है।

यह कैसा सुधार..विषम संख्या में रह गया परिणाम : विश्वविद्यालय की ओर से 15 दिसंबर को प्रथम वर्ष की परीक्षा समाप्त हुई। 25 दिसंबर को आनन-फानन में इसका परिणाम जारी किया गया। परिणाम वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया गया, लेकिन दो अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के बदले एक अंक मिलने की शिकायत जैसे ही विवि प्रशासन को मिली। रात में ही परिणाम को पोर्टल से हटा दिया गया। कहा गया कि साफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण अंक विषम संख्या में आ गए हैं। चार दिनों तक पोर्टल बंद रहा और इस बीच विद्यार्थी निरंतर परिणाम जानने को लेकर परेशान रहे। 30 दिसंबर को फिर से पोर्टल पर परिणाम दिखने लगा। जब विद्यार्थियों ने परिणाम देखा तो काफी विद्यार्थियों के सम अंक भी बदल गए। वहीं दर्जनों विद्यार्थियों ने फिर से विषम संख्या में ही अंक प्राप्त होने की शिकायत की। एसआरएपी कालेज बाराचकिया की रजनी कुमारी को मनोविज्ञान पेपर में 35 और भूगोल में 23 अंक प्राप्त हुए। वहीं प्रायोगिक परीक्षा में छात्र को अनुपस्थित बताया गया। वहीं सीएन कालेज साहेबगंज के छात्र शुभम कुमार को एक पेपर में 33 अंक मिले हैं।

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प्रायोगिक परीक्षा में काफी विद्यार्थियों को बताया गया अनुपस्थित : इस परीक्षा में करीब 23 हजार विद्यार्थियों का परिणाम प्रमोटेड हो गया है। इसमें से काफी विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्हें प्रायोगिक पेपर में अनुपस्थित बताया गया है। परीक्षा नियंत्रक डा.संजय कुमार ने बताया कि इसमें सुधार के लिए रविवार को भी कर्मी जुटे रहे। कहा कि वे स्वयं इसकी मानीटरिंग कर रहे हैं। चार दिनों के भीतर वेबसाइट पर ऐसे विद्यार्थियों का परिणाम दिखने की बात कही गई है। कहा कि कई कालेज के प्राचार्यों की ओर से प्रायोगिक परीक्षा का अंक भेजा गया था, लेकिन छात्र का रोल नंबर मैच नहीं कर रहा है। इस कारण परिणाम में सुधार करने में विलंब हो रहा है। 10 जनवरी तक हर हाल में परिणाम सुधर जाएगा।

परिणाम प्रमोटेड होने पर छात्र की बिगड़ी हालत

मुजफ्फरपुर : स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा में उपस्थित होने के बाद भी छात्र को अनुपस्थित बता दिया गया। इस कारण परिणाम जारी होने के बाद से ही एक छात्र ने खाना-पीना छोड़ दिया है। साथ ही परिणाम जारी होने के बाद से उसने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया है। रो-रोकर उसका बुरा हाल हो रहा है। बताया जाता है कि स्वजनों की ओर से अनुपस्थित रहने का कारण पूछे जाने के कारण छात्र परेशान हो गई। उसने कहा कि परीक्षा में उपस्थित हुई थी। इसके बाद भी इस प्रकार की गड़बड़ी हुई। छात्र मेधावी है और इंटर में उसे कई विषयों में बेहतर अंक मिले थे। देर शाम इंटरनेट मीडिया पर छात्र से जुड़ी यह जानकारी भारत भूषण ने साझा की। विवि के छात्रों की ओर से बनाए गए वाट्सएप ग्रुप में भी इसे शेयर किया गया।

Source : Dainik Jagran

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