एक इंसान तो चाहे क्या कुछ नहीं कर सकता है. आज हम ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने दम पर वो मुकाम हासिल किया है, जिसे पाने का सपना आज के युवा देख रहे हैं. ये कहानी है बिहार के IPS विकास वैभव की, जो इन दिनों अपने ब्लॉग को लेकर चर्चा में है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

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IPS विकास वैभव को संवेदनशील छवि के साथ तेज तर्रार पुलिस पदाधिकारी के रूप में जाना जाता है. देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर उनके द्वारा लिखे जाने वाले ब्लॉग ‘Silent Pages : Travels in the Historical Land of India’ के कारण वह चर्चा में बने हुए हैं. इसकी शुरुआत उन्होंने साल 2013 में की थी.

इस ब्लॉग में वह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के बारे में वह विस्तार से लिखते हैं, जिसका फायदा खास रूप से उन छात्रों को हो रहा है जो इन विषयों पर रिसर्च कर रहे हैं. पटना विश्वविद्यालय में इतिहास के छात्र संजीव कुमार ने बताया, ऐतिहासिक स्थलों के बारे में लिखते समय अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के लिए हम हमेशा ‘साइलेंट पेज’ का ही इस्तेमाल करते हैं.

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खुद का यूट्यूब चैनल

वैभव का खुद का एक यूट्यूब चैनल भी है, जो आज उन उम्मीदवारों के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम कर रहा है जो सिविल सर्विसेज में अपना करियर बनाना चाहते हैं. उम्मीदवारों ने उन्हें “गुरु कॉप” यानी गुरुजी का नाम दिया है. बता दें, ‘ Vikas Vaibhav, IPS’ नाम के इस चैनल पर उनके 2 लाख के करीब सब्सक्राइबर्स हैं.

विकास वैभव ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानुपर (IIT) से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी. वह 2003 बैच के बिहार के आईपीएस ऑफिसर हैं. वर्तमान में वह पुलिस हेडक्वार्टर, बिहार की ATS यूनिट में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) के पद पर कार्यरत हैं. वह हमेशा से ही एक सख्त पुलिस वाले के रूप में जाने जाते हैं. इससे पहले वह पटना के SSP के रह चुके हैं.

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अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया डॉन, नेता अनंत सिंह समेत कई हाई प्रोफाइल गिरफ्तारियां की हैं. इसी के साथ उन्होंने मुश्किल से मुश्किल केस को सुलझाया है. बता दें, वह नेशनल इन्वेस्ट‍िगेशन एजेंसी (NIA) में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

IPS वैभव का पर्यावरण और ऐतिहासिक धरोहरों से शुरू से ही विशेष प्रेम रहा है. साथ ही वह फोटोग्राफी का भी शौक रखते हैं.

IPS वैभव ने कहा, “पुलिस का मतलब केवल बंदूक चलाना या लाठी-पकड़ करना नहीं है, बल्कि मानव हित और बुद्धिमत्ता की रक्षा करना और बढ़ावा देना भी है. उनका कहना है पुलिस का पद एक प्रकार से मानवीय मूल्यों पर आधारित है जिस पर लोग भरोसा करते हैं.

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IPS वैभव ने बताया, ‘मैं जहां भी तैनात रहा, मैंने कभी भी अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को काम के बोझ तले मरने नहीं दिया. मैं हमेशा से सीखने के लिए इच्छुक रहा हूं, वहीं अक्सर आतंकवाद और विरासत पर आधारित लेक्चर को सुनने के लिए CNLU और अन्य शैक्षणिक संस्थानों का दौरा करता हूं.

साल 2007 में उनकी नियुक्ति बिहार के पश्चिम चंबल के बगहा में हुई थी. जहां कभी सबसे अधिक अपराध हुआ करते थे. उन्होंने वहां न केवल वन दस्यु डाकू (forest bandits, एक प्रकार के डाकू जो जंंगलों में घूमते रहते हैं) से क्षेत्र को मुक्त कराया, बल्कि सैकड़ों स्थानीय युवाओं को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित भी किया था.

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पुलिस, ब्लॉगर और एक मार्गदर्शक की भूमिका एक साथ निभाने वाले IPS वैभव ने बताया, उन्हें कई प्रकार के काम करने में खुशी मिलती है.

उन्होंने कहा, ‘मैं अपने प्रोफेशन से थोड़ा समय निकालकर युवाओं के साथ वक्त बिताना पसंद करता हूं. इसी के साथ जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को न्याय और समानता के साथ विकास समय की आवश्यकता है. इस पर निष्पक्ष रूप से कार्य करना चाहिए.’

Input : Aaj Tak

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