बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने सिविल सेवा की परीक्षा को लेकर सोमवार को बड़ा बदलाव किया। इसके तहत अब साक्षात्कार बोर्ड को साक्षात्कार में दिए गए अंकों के बारे में लिखित जानकारी देनी होगी। जिन अभ्यर्थियों को 30 प्रतिशत से कम या फिर 80 प्रतिशत से ज्यादा नंबर दिए जाएंगे, उसे देने का कारण भी बताना होगा। यह जानकारी सोमवार को प्रेस वार्ता में बीपीएससी के चेयरमैन अतुल प्रसाद ने दी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्थापना दिवस के मौके पर कहा था कि ऐसा भी देखने को मिला है कि किसी-किसी अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा में अच्छे अंक मिलते हैं पर साक्षात्कार में उन्हें कम अंक प्राप्त होते हैं। इसपर आयोग को सोचना चाहिए।

68वीं मेंस परीक्षा तिथि में बदलाव

चेयरमैन ने बताया कि ज्यादातर अभ्यर्थियों की यह परेशानी थी कि 68वीं मुख्य परीक्षा की तिथि और अन्य आयोग की परीक्षा तिथि मिल रही थी। इसलिए मुख्य परीक्षा तिथि में बदलाव किया गया है। 12 मई को जीएस-1 की परीक्षा होगी। फिर 17 मई को जीएस-2 पहली और दूसरी पाली में हिंदी की परीक्षा होगी। 18 को पहली में निबंध और दूसरी पाली में ऑप्शनल विषय की परीक्षा होगी। पहले बीपीएससी 68वीं की परीक्षा 12 से 15 मई तक होनी थी।

Source : Hindustan

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