हिट एंड रन केस (अज्ञात वाहन दुर्घटना) मामले में पीड़ित व्यक्ति-परिवार को तय मुआवजा के लिए एसडीओ (अनुमंडल पदाधिकारी) के पास आवेदन जमा करना होगा। एसडीओ के स्तर से आवेदन की जांच कर जिलाधिकारी के पास स्वीकृति के लिए अनुशंसा भेजी जाएगी। जिलाधिकारी की स्वीकृति मिलने के बाद राशि के भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इसको लेकर परिवहन विभाग ने सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया है।

विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि वैसी सड़क दुर्घटनाएं, जिसमें जिम्मेदार वाहन के बारे में जानकारी नहीं होती है, वैसे मामलों में मृतक के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार की राशि देने का प्रावधान है।

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पदाधिकारी बताते हैं कि जिस दुर्घटना में वाहन की पहचान होती है, उन मामलों में मुआवजे के भुगतान के लिए जिलों में ट्रिब्यूनल का गठन किया जा रहा है। ट्रिब्यूनल के आदेश पर बीमा कंपनी द्वारा मुआवजे का भुगतान होता है। पर, हिट एंड रन केस में राशि भुगतान में दिक्कत नहीं हो, इसी को देखते हुए नया प्रावधान किया गया है।

जिलाधिकारी के स्तर पर मुआवजे की स्वीकृति मिलने के बाद इसका प्रस्ताव भारतीय सामान्य बीमा परिषद में भेजा जाता है, जिसका मुख्यालय मुंबई में है। परिषद द्वारा 15 दिनों में राशि संबंधित व्यक्ति के खाते में भुगतान किये जाने का प्रावधान है। मालूम हो कि पूर्व में सोलेशियम योजना के तहत हिट एंड रन केस में मृतक के परिजन को 25 हजार और घायल को 12,500 का देने का प्रावधान था।

Source : Hindustan

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