बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सियासत बेहद गर्म है. अब जातिगत जनगणना के साथ-साथ जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग भी तेजी से उठने लगी है. दरअसल जैसे ही गुरुवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में यह तय हो गया कि अगले 6 महीने के अंदर जातिगत गणना करा लिया जाएगा वैसे ही कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद नीतीश कैबिनेट के ही मंत्री नीरज कुमार बबलू ने यह मांग उठा दी कि बिहार में जातिगत जनगणना के साथ साथ-जनसंख्या नियंत्रण क़ानून भी लागू कर देना चाहिए.
वन पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू ने न्यूज 18 से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में जातिगत जनगणना कराने के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियां एक जुट हैं और अब तो कैबिनेट से भी फैसला हो गया है कि छह महीने के अंदर इसे करा लेना है. लेकिन, अब इसके साथ ही बिहार में जिस तरह से एक धर्म विशेष की आबादी सीमांचल, मिथिलांचल, और क़ोशी इलाक़े में तेज़ी से बढ़ रही है वह बेहद खतरनाक और चिंताजनक है. अगर जल्द से जल्द जनसंख्या नियंत्रण क़ानून लागू नहीं होगा तो हालात बेहद विस्फोटक हो जाएगा जो बिहार के साथ-साथ देश के लिए भी परेशानी का सबब बन जाएगा.
‘सच सामने आना बेहद जरूरी’
नीरज कुमार बबलू ने कहा कि एक धर्म विशेष के लोग एक से ज्यादा शादी कर लेते हैं और उनके दस- पंद्रह बच्चे हो जाते जिसकी जानकरी तक वो छिपा लेते हैं. ऐसे लोगों की भी गणना जब हो जाएगी तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी कि कैसे एक धर्म विशेष की आबादी तेज़ी से बढ़ रही है. ये सच्चाई सामने आना बेहद ज़रूरी है. इसे रोकने का एक ही रास्ता है और वह है जनसंख्या नियंत्रण क़ानून जो लागू करना ही होगा.
JDU ने दिया BJP नेता को जवाब
वहीं भाजपा नेता और मंत्री नीरज कुमार बबलू की इस मांग पर JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा कहते हैं कि कौन क्या मांग करते हैं यह नहीं पता, लेकिन जातिगत जनगणना कराना हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक थी और अब वह हो रही है. जहां तक बात है जनसंख्या नियंत्रण क़ानून की तो हमारी सरकार लड़कियों के शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है और जब लड़कियां शिक्षित हो जाएंगी तो जनसंख्या खुद नियंत्रित होने लगेगी.