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300 साल के इतिहास में सबसे अजीब इंश्योरेंस क्लेम, कस्टमर के दावे से हैरान रह गई बीमा कंपनी

लंदनः दुनिया की जानी-मानी इंश्योरेंस कंपनी ने अपने अब तक के सबसे अजीब इंश्योरेंस क्लेम्स के बारे में दिलचस्प वाकयों को याद किया है और इसे अपने ग्राहकों के साथ शेयर भी किया है. इसमें एक किस्सा ऐसा है कि आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे.. क्या वाकई में ऐसा भी हो सकता है?
शैंपेन की बोतल से लगी चोट, मांग लिया इंश्योरेंस क्लेम
‘द मिरर’ की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश इंश्योरेंस कंपनी ने कारोबार का 325 साल पूरा होने पर इन अजीब किस्सों के बारे में बताया है. इनमें से सबसे अजीब किस्सा शैंपेन की कॉर्क को लेकर है. यह बात है 1878 की.. लंदन के एक होटल में काम करने वाले शख्स ने खुद को शैंपेन की बोतल के कॉर्क से घायल कर लिया था. उसने शैंपेन की बोतल खोलते वक्त कॉर्क अपनी आंख में मार ली थी.
कंपनी ने क्लेम के तौर पर दिया ढाई महीने का वेतन
उस व्यक्ति को इंश्योरेंस कंपनी ने लगभग ढाई महीने के वेतन के बराबर £25 10s (करीब 2550 रुपये) राशि अदा की थी. दूसरे मामला साल 1960 का है, जिसमें भेंड़ द्वारा शो रूम की खिड़की तोड़ने पर शो रूम के मालिक ने इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम मांगा था. कंपनी ने इस मामले में भी ग्राहक को इंश्योरेंस क्लेम दिया था.
डेंटिस्ट का अजीब इंश्योरेंस क्लेम
क्लेम का एक और ऐसा ही मजेदार किस्सा कंपनी ने शेयर किया है. एक डेंटिस्ट अपने मरीज को एनेस्थीसिया देकर उसका इलाज कर रहा था. इस बीच मरीज को होश आ गया और उसने डेंटिस्ट से हाथापाई की और उसे खिड़की से बाहर फेंक दिया. इस मामले में भी कंपनी ने डेंटिस्ट को क्लेम दिया था. कंपनी ने बताया कि 325 साल पुराने इस कारोबार की अवधि में अब वे 11 अरब से भी ज्यादा राशि क्लेम के तौर पर अदा कर चुके हैं.
Source : Zee News
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देश के मुसलमानों की हालत दलितों जैसी, US में बोले राहुल गांधी; बयान पर फिर मचा बवाल

अमेरिका पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारतीय जनता पार्टी पर जमकर बरसे। उन्होंने सरकार पर मुसलमानों की हालत ‘दलितों जैसी’ करने के आरोप लगा दिए। सैन फ्रांसिस्को में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से यात्रा को रोकने की कोशिश की गई थी।
राहुल ने कहा कि आज भारत में जो मुसलमानों के साथ हो रहा है, वैसा दलितों के साथ 80 के दशक में होता था। उन्होंने कहा कि इस चुनौती से लड़ना होगा। खास बात है कि भारत में 80 के दशक में दिवंगत इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस की ही सरकार थी। वह चार जून तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे।
इससे पहले राहुल ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर संसाधनों पर नियंत्रण और केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के भी आरोप लगा दिए। खास बात है कि ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में भी इसी मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरा था।
भाजपा ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता राहुल के इस बयान पर अब भारत में राजनीति तेज हो गई है। भाजपा ने राहुल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपमान के आरोप लगाए हैं। हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा, ‘दुनिया भर के देशों के नेता हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते नहीं थकते और हमारे देश का एक अदना सा नेता राहुल गांधी विदेशी धरती पर जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपमानित करता है। ऐसे नेता का हर भारतवासी को बहिष्कार करना चाहिए।’
राहुल के समर्थन में विपक्ष
इधर, विपक्ष के नेता राहुल के समर्थन में आने लगे हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस नेता ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि राहुल ने देश के मुद्दे ही उठाए हैं। राउत ने कहा, ‘देश में राजनीति करना बहुत भयावह हो गया है।’
Source : Hindustan
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पीएम मोदी का दुनिया में डंका, पापुआ न्यू गिनी और फिजी ने अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा

भारत का डंका इन दिनों दुनिया में बज रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देश अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाज चुके हैं और यह सिलसिला आगे बढ़ता ही जा रहा है. पापुआ न्यू गिनी और फिजी दोनों देशों ने पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा है. फिजी ने पीएम मोदी को ‘कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से सम्मानित किया है तो वहीं मेजबान देश पापुआ न्यू गिनी ने अपने सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहु’ से पीएम मोदी को नवाजा है.
बता दें कि पीएम मोदी जापान से सीधे पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं. आज ही उन्होंने वहां तीसरे भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग (FIPIC) शिखर सम्मेलन में शिरकत की. पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ सम्मेलन की सह अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को वह (जेम्स मारापे) एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देख सकते हैं.
चीन को जवाब देने की रणनीति
पीएम मोदी ने मारापे को हरंसभव सहायता देने का भरोसा भी दिया. FIPIC की शुरूआत 2014 में मोदी की फिजी यात्रा के दौरान हुई थी. यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब चीन इस क्षेत्र में अपने सैन्य और राजनयिक प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास कर रहा है.
आप भारत पर विश्वास कर सकते हैं
पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के नाम पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत आपके डेवलेंपमेंट पार्टनर होने पर गर्व करता है. मानवीय सहायता हो या आपका विकास, भारत को आप भरोसेमंद पार्टनर के रूप में देख सकते हैं और उस पर विश्वास कर सकते हैं. हम बिना किसी संकोच के आपके साथ अपने अनुभव और क्षमताओं को साझा करने के लिए तैयार हैं. डिजिटल टेक्नोलॉजी हो या स्पेस टेक्नोलॉजी, हेल्थ सिक्योरिटी हो या फूड सिक्योरिटी, क्लाइमेट चेंज हो या अन्य, हम हर तरह से आपके साथ हैं.’
रूस-यूक्रेन जंग पर भी की थी बात
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान पहुंचे थे. यहां उन्होंने जी-7 शिखर सम्मेलन में शिरकत की थी. उन्होंने कहा था कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने में जी-7 और जी-20 देशों में सहयोग की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्होंने आगे कहा था कि जियोपॉलिटिकल टेंशन की वजह से खाद्य और ऊर्जा आपूर्ति चेन प्रभावित हुई है. पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर कहा था कि हम इंटरनेशनल ऑर्डर पर आधारित राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान का मजबूती से समर्थन करते हैं.
Source : Aaj Tak
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‘अमेरिका में आपकी बहुत लोकप्रियता, मुझे आपका ऑटोग्राफ लेना चाहिए’, जब PM मोदी से बोले बाइडेन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी शहर हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की. इसी दौरान पीएम मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज भी शामिल हुए.
The Biden Modi hug!
My PM My Pride🇮🇳 pic.twitter.com/SwSeeKlY4j
— Apurva Singh (@iSinghApurva) May 20, 2023
यहां एक बार फिर बाइडेन और पीएम मोदी के बीच मुलाकात में वहीं गर्मजोशी दिखी जो पिछली बार नजर आई थी. दोनों नेताओं ने एक दूसरे का अभिवादन किया और आपस में गले मिले. बाइडेन ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि अमेरिका में आपकी बहुत लोकप्रियता है. उन्होंने पीएम मोदी से कहा मुझे आपका ऑटोग्राफ चाहिए.
क्वाड सम्मेलन के दौरान एक मौका ऐसा भी आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस ने पीएम मोदी से उनकी अजब चुनौती को लेकर शिकायत की.
दरअसल, जब पीएम मोदी, बाइडेन और अल्बनीज एक साथ थे तो इसी दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन पीएम मोदी के पास आए और कहने लगे कि आजकल वे एक अलग तरह की चुनौती का सामना कर रहे हैं. बाइडेन ने कहा कि अमेरिका में आपकी बहुत लोकप्रियता है और आपके कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुझे कई दिग्गज हस्तियों का आमंत्रण मिला है.
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज ने कहा कि सिडनी में होने वाले पीएम मोदी के स्वागत कार्यक्रम स्थल की क्षमता 20 हजार लोगों की है और वो भी कम पड़ रही है, लेकिन उसके बावजूद भी उन्हें लगातार रिक्वेस्ट आ रही हैं, जिसे पूरा कर पाना उनके लिए मुमकिन नहीं है. प्रधानमंत्री अल्बनीज ने उस दौर को याद किया जब गुजरात में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 90 हजार से अधिक लोगों ने उनका स्वागत किया था. इस पर इस पर जो बाइडेन ने पीएम मोदी से कहा कि मैं आपका ऑटोग्राफ ले लूं.
इससे पहले शनिवार जी-7 की बैठक के दौरान एक ऐसा मौका आया जब बाइडेन पीएम मोदी को देखते हुए उनके पास जा पहुंचे और उन्हें गले लगा लिया. पीएम ने भी उन्हें उसी गर्मजोशी के साथ गले लगाया.
Source : Aaj Tak
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