MUZAFFARPUR
1800 करोड़ के टर्न ओवर वाले मुजफ्फरपुर के सूतापट्टी पर लटक रहा ताला, 15 हजार कामगारों की रोजी पर आफत

मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध कपड़ा मंडी सुतापट्टी में इन दिनों वीरानगी का नजारा है. करीब डेढ सौ साल के इस ऐतिहासिक कपड़ा मंडी की पहचान कभी एशिया स्तर पर थी. आज भी बिहार के हर जिले में यहां से माल जाता है. लग्न शुरु हो जाने के बाद यहां जाम का नजारा रहता था लेकिन कोरोना काल की वीरानगी इसकी कड़वी हकीकत बन गयी है. यहां एक हजार से ज्यादा थोक कपड़ा दुकानें हैं जहां औसतन सौ करोड़ का मासिक कारोबार है लेकिन आज सभी दुकानों पर ताला लटका है और सेठ से लेकर मजदूर तक दुकानों के बाहर बैठकर मातम मना रहे हैं.
लग्न की तैयारी कर बैठे थे कारोबारी
कारोबारी सुनील बंका बताते हैं कि भारत का एकमात्र कपड़ा मंडी सूतापट्टी है जहां कोई उत्पादन नहीं होता लेकिन हजारों परिवार यहां के कारोबार से चलता है. कोरोना काल में उन सभी परिवारों का चूल्हा बुझने के कगार पर है. उन्होंने बताया कि व्यापारियों के घर की माली हालत भी खस्ता हो रही है. उनके सामने मजबूरी है कि वो राहत भी नहीं मांग सकते. थोक वस्त्र कारोबारी ऋषि अग्रवाल उर्फ छोटू बताते हैं कि स्टॉक में लग्न शुरू होने के पहले ही माल भर दिया गया था क्योंकि सुतापट्टी मंडी से पूरे बिहार में सप्लाई जाती है. मार्केट में कपड़े की क्राइसिस नहीं हो इसकी पूरी तैयारी हो गई थी लेकिन कोरोना बंदी में पूरी पूंजी ठप्प हो गई है.
दो महीने तक दिया स्टाफ का पेमेंट लेकिन अब उस पर भी आफत
स्टाफ़ पेमेंट के लाखों का खर्चा भी घर से देना पड़ रहा है. मार्च-अप्रैल में तो उनका भुगतान हुआ है लेकिन मई महीने में स्टाफ पेमेंट में भी दिक्कत आ रही है. रेडीमेड कारोबारी सह वार्ड पार्षद संजय केजरीवाल का कहना है कि कपड़े के कारोबार से सरकार को टैक्स की बड़ी राशि का भुगतान होता है. मुजफ्फरपुर नगर निगम को भी सुतापट्टी से भारी टैक्स मिलता है लेकिन अब अपने घर में भी लाले पड़ रहे हैं. प्रतिमाह किराया स्टाफ और बिजली बिल का खर्च लगभग 5.50 लाख है. गृह खर्च भी लगभग 50,000 है ऐसे में हर माह 6 लाख की राशि जुटाना नामुमकिन हो गया है.
15 हजार लोगों के रोजगार पर आफत
सुतापट्टी सिर्फ धन्ना सेठों का हीं चमन नही है बल्कि 15 हजार मजदूर परिवारों के लिए रोटी का आसरा भी है जो इन दुकानों में काम करते हैं या इनके माल लाते ले जाते हैं. सेठों नें मजदूरों को मई माह का वेतन देने से हाथ खड़े कर दिए हैं. एक होलसेल की दुकान में काम करने वाले राजवीर ने बताया कि सेठ जी ने मई महीने में पेमेंट देने से इंकार कर दिया है. पल्लेदार दीनानाथ महतो तो कहते हैं कि जब से बंदी हुई है तब से घर का चूल्हा चलाना मुश्किल हो गया है.
दुकानें खोली तो कार्रवाई का डर
इधर शासन प्रशासन नें कई व्यवसाय को गाईडलाइन के अनुसार चलाने की अनुमति दी है लेकिन कपड़ा कारोबार को लेकर रवैया बिल्कुल सख्त है. उपर से चेतावनी भी है कि नियम का उल्लंघन कर कोई दुकान खुली तो कार्रवाई तय है. एसडीएम पूर्वी डॉ कुंदन कुमार ने बताया कि कपड़ा दुकान खोलने को लेकर सरकार से अभी तक कोई अनुमति प्राप्त नहीं है.
Input : News18 Sudhir Kumar
MUZAFFARPUR
साहेबगंज विधायक राजू सिंह की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट में दाखिल

राजद नेता तुलसी प्रसाद यादव के अपहरण व मारपीट के मामले में नामजद साहेबगंज विधायक राजू कुमार सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में दाखिल की गई है। उनके अधिवक्ता की ओर से जमानत अर्जी पर कोर्ट सुनवाई करेगी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में एक जून को सुनवाई निर्धारित की गई है।
दूसरी ओर पुलिस ने न्यायालय में अर्जी देकर विधायक के वारंट के साथ कुर्की जब्ती का आदेश मांगा था। अर्जी पर सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित है। इस पर सुनवाई के दौरान विधायक के अधिवक्ता विनोद कुमार ने पुरजोर विरोध किया। इस वजह से पुलिस को वारंट नहीं मिला। अब फिर से बुधवार को पुलिस न्यायालय पहुंचेगी। एसडीपीओ सरैया कुमार चंदन ने बताया कि उनके नेतृत्व में विधायक समेत छह आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए 28 जगहों पर छापेमारी की गई। छपरा से लेकर मुजफ्फरपुर तक छापेमारी की गई। सरैया एसडीपीओ दो दिन से कुर्की का आदेश लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं। इसमें भी कामयाबी नहीं मिल पा रही है। इधर, पटना मुख्यालय से हर दिन की कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी जा रही है जिसमें हर दिन अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जा रही है। एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि बुधवार को तीसरे दिन भी पुलिस टीम कुर्की और वारंट लेने के लिए कोर्ट जाएगी। इसके साथ आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अब सख्त कदम उठाएगी।
साहेबगंज विधायक पर राइफल जब्ती के लिए दर्ज की गई एफआईआर के खिलाफ अब राइफल के मालिक सामने आ गए हैं। पारू थाना के बड़ा दाउद गांव स्थित विधायक के घर से जब्त राइफल को पट्टीदारी के बाबा अनुप कुमार सिंह की है। उनके अधिवक्ता विनोद कुमार ने बताया कि अनुप कुमार जहां सोते व रहते हैं वहां पर अपनी राइफल भी रखते हैं। मुजफ्फरपुर से उनका शस्त्रत्त् का लाइसेंस मिला है। बुधवार को लाइसेंसी राइफल वापस लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी जाएगी। अधिवक्ता ने बताया कि बहुत जल्द जब्त गाड़ियों के ऑनर भी सामने आकर अपना पक्ष रखेंगे।
Source : Hindustan
MUZAFFARPUR
इंद्रप्रस्थ स्कूल में समर कैंप तथा अंतरराष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम का आयोजन

इंद्रप्रस्थ स्कूल में दिनांक 29 मई से 4 जून तक बच्चों के लिए “समर कैंप “तथा “अंतर्राष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम”का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बच्चों के लिए तरह-तरह के पाठ सहगामी गतिविधियों का समावेश किया जाएगा जिसमें आर्ट एंड क्राफ्ट, गायन, नृत्य, इंग्लिश स्पोकन, पर्सनालिटी डेवलपमेंट ,सेल्फ डिफेंस, मोटिवेशनल एंड इंस्पिरेशनल टूर जैसी क्रियाएं शामिल होंगी। समर कैंप का उद्देश्य बच्चों के कलात्मक पक्ष को निखारना है । “अंतर्राष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम ” के अंतर्गत विदेशी विशेषज्ञ होंगे जो बच्चों की पर्सनालिटी डेवलपमेंट तथा लैंग्वेज डेवलपमेंट जैसे क्रियाओं पर काम करेंगे। यह सेमिनार मुख्यतः कक्षा तीन से कक्षा 12 तक के बच्चों के लिए होंगी। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विद्यालय की चेयरपर्सन श्रीमती दिव्या तथा” हबरी सॉफ्टवेयर” की मुख्य श्रीमती प्रज्ञा होंगी।
BIHAR
अब सिग्नल तोड़ने पर ई-चालान के साथ जाएगी वाहन की तस्वीर

MUZAFFARPUR : रेड सिग्नल पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को अब ई-चालान के साथ गाड़ी की तस्वीर भी भेजी जाएगी। शनिवार से यह व्यवस्था शुरू कर दी गई है। नई बाजार के एक व्यवसायी को उनकी कार की तस्वीर भेजी गई। पटना में यह पहले से लागू है।
ट्रैफिक थानेदार धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि ट्रैफिक सिग्नल व नियम तोड़ने वाले वाहन मालिकों को ई-चालान का मैसेज भेजा जा रहा था। ऑनलाइन चालान जमा कराने के लिए लिंक भी दिया जा रहा था। चालान मिलने पर कई लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। दावा किया कि उनकी गाड़ी ने ट्रैफिक सिग्नल या अन्य नियम नहीं तोड़ी। आपत्तियों की संख्या अधिक देखते हुए ई-चालान के साथ तस्वीर भेजने का निर्णय लिया गया।
चार माह में 1.96 करोड़ का जुर्माना ट्रैफिक थानेदार ने बतया कि जनवरी से अप्रैल तक में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर 1.96 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। 21 लाख आठ हजार रुपये नगद वसूल किए गए। एक करोड़ 74 लाख 67 हजार रुपये का ई-चालान वाहन मालिकों के मोबाइल व ई-मेल पर भेजा गया है। हाईवे पर कांटी से मोतीपुर के बीच जनवरी में ओवरस्पीडिंग के लिए 17 लाख 41 हजार 500 रुपये का ई-चालान भेजा गया। फरवरी में ओवर स्पीडिंग के मामले बढ़ गए। इसमें 28 लाख 82 हजार रुपये का ई-चालान काटा गया। मार्च में शहरी इलाके में ट्रैफिक सिग्नल शुरू हो गया। मार्च में हाईवे व शहरी इलाके में सिग्नल तोड़ने व ओवरस्पीडिंग के लिए 53 लाख 34 हजार का चालान कटा। अप्रैल में 75 लाख 45 हजार का ई-चालान कटा।
ट्रैफिक थानेदार ने बताया कि बीते 17 मई को नई बाजार के व्यवसायी रवि मोटानी की कार पक्कीसराय में सिग्नल को गलत दिशा से पार करते हुए कैमरे में दिखी। उनका पांच हजार रुपये का ई-चालान कटा। मैसेज मिलने के बाद व्यवसायी की ओर से आपत्ति की गई। आपत्ति में बताया गया था कि उनकी कार घर से बाहर नहीं निकली थी। ट्रैफिक नियम तोड़ते हुए उनकी कार की तस्वीर व्यवसायी को भेजी गई है।
Source : Hindustan
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