भारत-चीन सीमा पर लद्दाख स्थित गलवन घाटी में मंगलवार को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में समस्तीपुर के अमन कुमार सिंह शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार की सुबह पैतृक गांव मोहिउद्दीनगर के सुल्तानपुर लाया गया। दानापुर से सैन्य अधिकारियों के नेतृत्व में निकले काफिले के गांव की सीमा में प्रवेश करते ही कोहराम मच गया।

जो जहां था, वहीं से दौड़ा। कोई पीछे-पीछे तो कोई छत पर चढ़ आया। सभी अपने लाल को एक बार देख लेना चाहते थे। कोई फूल बरसा रहा था तो कोई वीर जवान को सैल्यूट कर रहा था। अन्य गांवों के लोग बारिश में भीगते अमन के घर की ओर चल पड़े थे। यहां उनके घर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

अपने लाल को तिरंगे में लिपटा देख गांव व घरवाले गम के अथाह सागर में डूब गए। पिता सुधीर सिंह, मां रेणु देवी, पत्नी मीनू देवी और बहन मौसम के चीत्कार से पूरा गांव रो पड़ा। बेटे के पार्थिव शरीर को देखते ही मां बेहोश होकर गिर पड़ीं। आसपास की महिलाओं ने उन्हें सहारा दिया। दानापुर से आए सैन्य अधिकारियों ने पिता से बातकर पूरी जानकारी दी और यहां की तैयारियों का हाल जाना।

पार्थिव शरीर लाने एक दिन पहले पटना गए दोस्त परिवार का सहारा बन रहे थे। गांव के युवा सुल्तानपुर के लाल…मिट्टी करे सलाम…, ये धरती है अमन की…, अमन अमर रहे….मां भारती का लाल, अमन है उसका नाम…आदि नारे लगाते रहे। वे रोते रहे और अमने के घरवालों को संभालते रहे। इधर, गांव में पहले से ही जिले जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, एसपी विकास बर्मन पहुंच चुके थे।

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