प्रदूषण की आगोश में प्रकृति फिर समाती जा रही है। लॉकडाउन में प्रदूषण घटने और पर्यावरण साफ होने से सालों बाद सोनबरसा प्रखंड की सिंहवाहिनी से सैकड़ों किलोमीटर दूर नेपाल के हिमालय की चोटियां दिखने लगी थीं। छह मई को यह तस्वीर दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई थी। प्रकृति का वह खूबसूरत नजारा अब नहीं दिख रहा।

हिमालय की चोटियां सिंहवाहिनी से वायुमार्ग से लगभग 190 किलोमीटर और सड़क मार्ग से तकरीबन 425 किलोमीटर दूर हैं। यहां के लोग लॉकडाउन के दौरान आराम से हिमालय का दीदार कर ले रहे थे। लेकिन, अनलॉक के बाद सड़कों पर गाडिय़ों के बढऩे और कल-कारखानों की शुरुआत होने से प्रदूषण का स्तर बढऩे लगा है। साथ ही मानसून आने से पहले आसमान में उमड़ते-घुमड़ते बादल हिमालय को ढंकने लगे हैं। सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रीतू जायसवाल कहती हैं कि लॉकडाउन के दौरान दिखने वाला हिमालय, अब नहीं दिख रहा। ओझल हो गया है।

इस संबंध में पुरातत्ववेत्ता रामशरण अग्रवाल कहते हैं कि सीतामढ़ी से हिमालय की दो पर्वत श्रृंखलाएं गणेश पर्वत हिमालय व चोयू 1970-75 तक मानसून का सीजन सितंबर में समाप्त होने व आसमान साफ होने के बाद से अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक सुबह-शाम दिखाई देती थीं। जब मकान बेतरतीब बनने लगे तो हरेक की छत से देखना संभव नहीं रहा। अभी बढ़े प्रदूषण और प्री-मानसून के बादलों के छाने से इसमें बाधा आई है।

साइंस फॉर ऑल के महासचिव मो. जियाउल्लाह कहते हैं कि सीतामढ़ी शहर में ऊंचे मकानों की छतों से पिछले माह हिमालय दिखने लगा था। अब दिखना बंद हो गया है। बता दें कि लॉकडाउन के शुरुआती समय में जब हिमालय दिखने लगा था तो लोगों की खुशी की कोई सीमा नहीं थी। यहां तक कि केवल सिंहवाहिनी पंचायत ही नहीं, कई ऐसे स्‍पॉट बन गए थे, जहां से हिमालय दिख रहा था। खासकर युवा इससे इतने खुश थे कि मोबाइल में उसे कैद कर रहे थे।

Input : Dainik Jagran

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD