अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के साथ ही सीतामढ़ी में जानकी जन्मभूमि के विकास की मांग जोर पकडऩे लगी है। इसे लेकर मां जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को ई-मेल भेजा है। इसमें कहा गया है कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। मां जानकी जन्मभूमि को भी अगर अयोध्या की तरह सजाया-संवारा गया तो पर्यटन और भारत की आर्थिक समृद्धि में बहुत योगदान मिल सकता है।

क्षेत्र का विकास जरूरी

मां जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति के सदस्य और भाजपा सीतामढ़ी विधानसभा के प्रभारी विशाल कुमार ने ई-मेल में कहा है कि भगवान राम की अयोध्या का दर्शन का पूरा सुफल तभी मिल पाएगा जब मां सीता की जन्मभूमि का भी दर्शन हो। जिले की कुल आबादी 34 लाख है। नेपाल सीमा से सटे होने के कारण यहां सड़क, रोजगार व पर्यटन सुविधा का घोर अभाव है। इसलिए इसका विकास जरूरी है।

जन्मभूमि का विकास पर्यटन के दृष्टिकोण से भी बेहतर

आयोजन समिति के दूसरे सदस्य नीरज गोयनका का कहना है कि मां जानकी की जन्मभूमि का विकास पर्यटन के दृष्टिकोण से होना चाहिए। नेपाल के बदलते रवैये से पूरा सीमा क्षेत्र अस्त-व्यस्त है। इसलिए भी सीतामढ़ी को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। जिले को अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने की दिशा में सरकार को तुरंत पहल करनी चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी भी अपने संबोधन में कह चुके हैं कि जय श्रीराम नहीं, अब जय सियाराम कहने का वक्त है। इसलिए उनसे आग्रह है कि यहां मूलभूत सुविधाओं के बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। एयरपोर्ट बनाया जाए। ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए। उससे भी पहले इन स्थलों को सड़क से जोड़ा जाए। जिससे श्रद्धालुओं को यहां तक पहुंचने में किसी तरह की परेशानी न हो। वे अपने परिवार के साथ यहां पहुंच सकें। यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी मदद करेगा। रोजगार का एक विकल्प विकसित होगा।

Input : Live Hindustan

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