पिछले लोकसभा चुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबला देख चुकी वैशाली सीट पर इस बार लड़ाई आमने-सामने की है। वैसे तो यहां से 22 उम्मीदवार हैं।

लेकिन, पांच बार यहां से सांसद रहे राजद के डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह व लोकसभा चुनाव में पहली बार किस्मत आजमा रहीं लोजपा की वीणा देवी के बीच मुकाबला है।

2014 में जीत हासिल करनेवाले रामा किशोर सिंह की जगह लोजपा ने वीणा को उम्मीदवार बनाया है। पिछले चुनाव में जदयू के विजय कुमार सहनी और निर्दलीय अनु शुक्ला ने मिलकर 27 फीसद (लगभग ढाई लाख) वोट अपने हिस्से में किया था। जबकि, जीत का अंतर करीब 10 फीसद (99267) था।

पीएम मोदी भी आए प्रचार में

वीणा देवी के समर्थन में एनडीए के घटक दलों के सभी बड़े नेताओं ने चुनावी सभाएं कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पताही हवाई अड्डे पर चुनावी सभा को संबोधित किया। उनके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई सभाएं कीं। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, रामविलास पासवान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मंच पर आए।

वहीं, डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कई सभाएं कीं। शत्रुघ्न सिन्हा भी पहुंचे। इनके अलावा हम के जीतन राम मांझी, वीआइपी के मुकेश सहनी आदि नेताओं ने सभाएं कीं। अनंत सिंह ने भी रोड शो किया।

छह विधानसभा हैं इस लोकसभा क्षेत्र में
लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीट हैं। इनमें से साहेबगंज, बरूराज व मीनापुर पर राजद का कब्जा है। पारू में भाजपा व वैशाली में जदयू के राजकिशोर सिंह विधायक हैं। जबकि, कांटी में निर्दलीय अशोक चौधरी का कब्जा है। वैशाली संसदीय सीट पर सभी के दलीय और जातीय समीकरण हैं।

तरक्की, पिछड़ापन, अपेक्षा और उपेक्षा की भी बातें हैं। प्रचार और दौरों में अपनी-अपनी बातें होती रहीं। लोग अपने मुद्दे तलाश रहे। इलाके में जातीय हमदर्दी और मोदी फैक्टर हैं। ऐसे में तस्वीर धुंधली ही नजर आती है कि 12 मई को ईवीएम का बटन किसके पक्ष में दबेगा।

Input : Dainik Jagran

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