सोमवार के दिन रक्षा बंधन है. इस बार 3 अगस्त को भाई-बहन का प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन पड़ रहा है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण भाई-बहन दूर रहेंगे. वो जल्दबाजी न करें, जहां हैं वहीं से रक्षाबंधन मनाएं. वीडियो कॉल, ऑडियो कॉल के जरिए एक दूसरे को देखें, दुआएं करें, लम्बी उम्र की मनोकामना करें. भाई-बहन के प्रेम उत्सव का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन का पर्व इस बार तीन अगस्त को कई शुभ संयोग में मनाया जाएगा, इस बार श्रावणी पूर्णिमा (Sawan purnima 2020) के साथ महीने का श्रावण नक्षत्र भी पड़ रहा है, इसलिए पर्व का महत्व और बढ़ जाता है. श्रावणी नक्षत्र का संयोग पूरे दिन रहेगा…

29 साल बाद बन रहा है रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग
इस साल सावन के आखिरी सोमवार 3 अगस्त को पड़ रहा है. इसी दिन रक्षाबंधन का त्योहार भी पड़ रहा है. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन इस बार बेहद खास होगा, क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है. रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया है. साथ ही इस साल भद्रा और ग्रहण का साया भी रक्षाबंधन पर नहीं पड़ रहा है.

रक्षाबंधन पर बन रहे शुभ योग
इस साल रक्षाबंधन पर विशेष योग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा श्रवण नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और प्रीति योग बन रहा है, इसके पहले यह संयोग साल 1991 में बना था. इस संयोग को कृषि क्षेत्र के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है. रक्षाबंधन से पहले 2 अगस्त को रात्रि 8 बजकर 43 मिनट से 3 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट तक भद्रा रहेगी, इसके साथ ही शाम 7 बजकर 49 मिनट से दीर्घायु कारक आयुष्मान योग भी लग जाएगा.

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
भद्रा का समय रक्षा बन्धन के लिये निषिद्ध माना जाता है. हिन्दु मान्यताओं अनुसार भद्रा के समय किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते. इस बार भद्रा 03 अगस्त की सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर ही समाप्त हो जा रहा है, जिस कारण बहनें अपने भाईयों को पूरे दिन राखी बांध सकेंगी. वैसे राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से शाम 04 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. दूसरा शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 10 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक का है. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 2 अगस्त को 09 बजकर 28 मिनट से हो जाएगी और इसकी समाप्ति 3 अगस्त को 09 बजकर 28 मिनट पर ही होगी.

अटूट रिश्ते का इतिहास
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिशुपाल राजा का वध करते समय भगवान श्री कृष्ण के बाएं हाथ से खून बहने लगा, तो उस समय द्रोपदी ने तत्काल अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनके हाथ की अंगुली पर बांध दिया. कहा जाता है कि तभी से भगवान कृष्ण द्रोपदी को अपनी बहन मानने लगे और सालों के बाद जब पांडवों ने द्रोपदी को जुए में हरा दिया और भरी सभा में जब दुशासन द्रोपदी का चीरहरण करने लगा तो भगवान कृष्ण ने भाई का फर्ज निभाते हुए उसकी लाज बचाई थी.

मान्यता है कि तभी से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाने लगा, जो आज भी जारी है. श्रावण मास की पूर्णिमा को भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण की बहन ने भद्रा में उसे रक्षा सूत्र बांधा था, जिससे रावण का सर्वनाश हो गया था.

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