बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड की जमीन पर जहां भी अतिक्रमण है, उसे मुक्त कराएं। अगर उसकी अवैध रूप से खरीद-बिक्री की गई है तो केवाला रद किए जाएंगे। गलत हस्तांतरण पर उसके दस्तावेज रद होंगे। राज्य के गन्ना उद्योग एवं विधि विभाग मंत्री प्रमोद कुमार ने समाहरणालय सभाकक्ष में धार्मिक न्यास की परिसंपत्तियों से संबंधित समीक्षा बैठक में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, मठ, मंदिर, धर्मशाला समेत धार्मिक न्यास की जमीन का सर्वे होगा। इसके लिए नोडल पदाधिकारी निर्धारित अवधि में ऐसी सभी भूमि को चिह्नित करेंगे। चिह्नित कर दर्शाना है कि उसकी वर्तमान स्थिति क्या है। अतिक्रमण, वाद का मामला, कब्जा आदि विषयों को इसमें निर्धारित किया जाएगा। धार्मिक न्यास बोर्ड पोर्टल बनाकर इन भूमि को उसमें अंकित करेगा। जिलों में अपर समाहर्ता (राजस्व) को धार्मिक न्यास बोर्ड की परिसंपत्तियों की जांच-पड़ताल के लिए नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।

लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं होने से बढ़ रहा विवाद

मंत्री ने कहा, धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन 1950 में हुआ था। मंदिर, मठ व धर्मशाला से संबंधित भूमि का लिखित लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं होने से विवादों एवं कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर और मठ राष्ट्र की संपत्ति है। इसका संरक्षण और संवद्र्धन सरकार का दायित्व है। सभी अंचलाधिकारी और राजस्व पदाधिकारी दायित्वों का निर्वहन गंभीरता से करें। उन्होंने निर्देश दिया कि मठ, मंदिर एवं धर्मशाला की संख्या, उसकी अद्यतन स्थिति, परिसंपत्तियों के अधीन भूमि के वास्तविक आंकड़े की विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों में उपलब्ध कराएं। बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त मिहिर कुमार ङ्क्षसह, डीएम प्रणव कुमार, शिवहर के अपर समाहर्ता, डीसीएलआर, एसडीओ, विधि विभाग के विशेष सचिव, धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्य, बाबा गरीबनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी विनय पाठक, सभी सीओ एवं राजस्व पदाधिकारी मौजूद थे।

जिले में न्यास से जुड़े 187 ट्रस्ट

अपर समाहर्ता (राजस्व) राजेश कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर में 111 मंदिर एवं ठाकुरबाड़ी, 64 मठ और 12 धर्मशाला (ट्रस्ट) हैं। कुल मिलाकर इसकी संख्या 187 है। इसमें से 125 का ब्योरा उपलब्ध हो गया है। शेष 62 की मांग की गई है। उन्होंने सभी की परिसंपत्तियों का भी विवरण दिया। चारदीवारी निर्माण की स्थिति के बारे में कहा गया कि नौ में इसे पूर्ण कर लिया गया है। दो में निर्माण कार्य चल रहा है। 176 की चहारदीवारी को लेकर प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। मंत्री ने निर्देश दिया गया कि मुजफ्फरपुर और शिवहर से संबंधित मंदिर, मठ और धर्मशाला की परिसंपत्तियों की विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।

Source : Dainik Jagran

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