मुजफ्फरपुर, पटना और गया में प्रदूषण से निपटने के लिए नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने वाले 22 तरह के उद्योगों की स्थापना पर रोक लगा दी है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने जिन नए उद्योगों की स्थापना पर रोक लगाई है उनमें थर्मल पावर प्लांट, सीमेंट फैक्ट्री, सीमेंट ग्राइंडिंग, स्टोन क्रशर, लाइम मैन्युफैक्चरिंग, बोन मिल, ऑयल रिफाइनरी, रबर फैक्ट्री, स्लाटर हाउस, एस्बेस्टस उद्योग, कोयला आधारित उद्योग, शीशा, एसिड, बैट्री रिसाइक्लिंग, ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग यूनिट, पेपर, ईंट निर्माण, सेरामिक, विस्फोटक, कार्बन ब्लॉक आदि शामिल हैं। पर्षद ने इन तीनों शहरों के मास्टर प्लान सीमांकन और योजना क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाले इन 22 उद्योगों को लगाने पर रोक लगाई है।

Annual overhaul of Iran's thermal power plants completed - Tehran Times

मुजफ्फरपुर समेत कई शहरों में प्रदूषण ज्यादा

पुराने उद्योगों के नवीकरण के लिए भी कठोर नियम बनाए हैं। जरूरत पड़ने पर इनके स्थान परिवर्तन का आदेश बोर्ड दे सकता है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार घोष का कहना है कि प्रदूषण पर रोक लगाना बहुत जरूरी हो गया है। इस मामले में मुजफ्फरपुर, पटना समेत कई शहरों की स्थिति काफी खराब है। राजधानी में मानक से पांच गुना ज्यादा धूलकण हैं। यह स्थिति श्वांस मरीजों के लिए परेशानी पैदा कर रही है। उन्होंने बताया कि पर्षद के तत्वावधान में जल्द ही प्रदूषण नियंत्रण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

05 गुना मानक से अधिक धूलकण हैं राजधानी में, प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने उठाए सख्त कदम

एनजीटी का पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध का निर्देश

नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। टिब्यूनल ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान एनसीआर और देश के ऐसे सभी शहरों, कस्बों में जहां की हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ और इससे भी ज्यादा की श्रेणी में है वहां रोक लगाई जा सकती है। एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने निर्देश में उन शहरों, कस्बों में जहां हवा की गुणवत्ता सामान्य या ग्रीन पटाखे तक न्यून है वहां पटाखों का इस्तेमाल नियंत्रित करने और जलाने की अवधि दो घंटे तक सीमित रखने को कहा है। क्रिसमस और नये साल पर केवल रात 11:55 से 12:30 तक ही ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

Source : Dainik Jagran

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