बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के सिकंदरपुर के रविंद्र कुमार गुप्ता उर्फ छोटू को पशु-पक्षियों से ऐसा प्रेम है कि उन्होंने अपने घर को ही चिडिय़ाघर (जू) बना दिया है। पशु-पक्षियों को प्राकृतिक माहौल मिल सके, इसके लिए रविंद्र गुप्‍ता ने पूरे घर में दर्जनों पेड़-पौधे लगा दिए। आंगन से लेकर घर की छत, हर ओर हरियाली है। वे दो कमरे के मकान में परिवार के साथ इन्हीं पशु-पक्षियों के बीच रहते हैं।

तो वहीं पेशे से कैटरर रविंद्र गुप्‍ता को बचपन से ही प्रकृति से लगाव और पशु-पक्षियों से प्रेम है। एक दशक पहले वे साहेबगंज प्रखंड से शहर आ गए। यहां पूर्व वार्ड पार्षद सुरेश कुमार चौधरी के यहां किराए पर मकान लेकर रहने लगे। उसी दौरान वर्ष 2012 में उन्होंने पशु-पक्षियों को पालना शुरू किया। उनके पास 70 से अधिक पशु-पक्षी हैं। इनमें कई नस्ल के कुत्तों के अलावा लालमुनिया, कॉकटेल और बजरी समेत कई प्रजातियों के तोते, कबूतर व अन्य पक्षी हैं। आधा दर्जन कछुए, 100 से अधिक मछलियां और खरगोश आदि भी हैं। घर में इन पशु-पक्षियों को देख आप हैरान रह जाएंगे। बाद में दूसरी जगह किराए पर मकान लिया। बाजार से तोते, कबूतर और अन्य चिडिय़ों को खरीदकर लाना शुरू किया। धीरे-धीरे उनका पूरा घर चिडिय़ाघर बन गया। अभी उनके पास 50 कबूतर, तीन तोता, 20 बजरी चिडिय़ा, 10 ललमुनिया, चार कॉकटेल, एक मैना हैं। पवेलियन, पब और जर्मन शेफर्ड नस्ल के छह कुत्ते भी हैं। वे उन्हें मित्रों की ओर से मिले हैं।

दरसल रविंद्र दो महीने पहले स्थानीय मछली मंडी गए थे। वहां एक कछुआ बिकते देख आश्चर्य में पड़ गए। पूछने पर पता चला कि इसे खाने के लिए लोग खरीदकर ले जाते हैं। उनका मन द्रवित हुआ तो उसे खरीदकर घर लाए। उन्होंने दर्जनों मछलियों और खरगोश को भी पाल रखा है। दो कमरे के घर के हर कोने में कोई न कोई पशु-पक्षी आपको मिल जाएगा। रविंद्र की पत्नी प्रतिमा गुप्ता, दो बेटे राज कुमार व प्रयाग कुमार तथा दो बेटियां प्रीति व प्रियंका भी पिता की राह पर हैं। वे भी पशु-पक्षियों की सेवा में लगे रहते हैं। पशुओं के साथ रहना, खाना और सोना उनकी आदत में शामिल है। रविंद्र कहते हैं, पशु-पक्षी परिवार का हिस्सा हैं। जो खाते हैं, उन्‍हें खिलाते हैं। बहुत अधिक खर्च नहीं होता। परिवार के सभी सदस्यों का साथ मिलता है। पूर्व वार्ड पार्षद सुरेश कुमार चौधरी कहते हैं कि रविंद्र कुमार का पशु-पक्षी प्रेम देखने लायक है। लोग उनके इस प्रेम के कायल हैं।

Input : Live Bihar

I just find myself happy with the simple things. Appreciating the blessings God gave me.