गोबरसही इलाके के मरीज को लेकर परिजन भटकते रहे। एक मेडिकल दलाल के माध्यम से पहुंचे माडीपुर ओवरब्रिज वाले इलाके में वहां कराया भर्ती, लेकिन जब उसको चार्ज सुनाया गया तो मरीज के स्वजन के होश उडऩे लगे। मरता क्या नहीं करता। तत्काल 50 हजार एडवांस जमा कर इलाज शुरू कराया। पैसा लेन-देन को लेकर जमकर हंगामा भी हुआ। स्वजन परेशान। कोरोना मरीज को इलाज के नाम पर हर जगह लूट है। मनमाना फीस वसूला जा रहा है। सरकार की ओर से तय इलाज का दर कहीं पर डिस्प्ले नहीं होने से गरीब व जरूरत मंद लूट रहे है।

इस तरह से चला घटनाक्रम

गोबरसही इलाके के एक मरीज का तीन दिन से तबीयत खराब था। कोरोना संक्रमण साबित होने के बाद उनकी हालत बिगडी। स्वजन पहले प्रसाद होस्पीटल पहुंचे वहां पर बेड खाली नहीं मिला। उसके बाद पहुंचे अशोका अ्रस्पताल वहां पर भी नो बेड की जानकारी मिली। इस बीच स्वजन की परेशाानी को देखते हुए माडीपुर के एक अस्पताल की ओर भेज दिया। स्वजन जब पहुंचे तो अस्पताल का बोर्ड तो लटका मिला लेकिन वहां पर कोई चिकित्सक नहीं। स्वजन मुन्ना ने बताया कि पहले अस्पताल वाले ने 70 हजार की राशि जमा कराने को कहा। इस पर बकझक व हंगामा करने पर 50 हजार जमा करने पर बात बनी। उसके बाद मरीज को ऑक्सीजन लगाकर बेड पर लिटा दिया। वहां उसको देखने एक चिकित्सक आया तो वह वैसा लग नहीं रहा था।

लेकिन मरता क्या नहीं करता। मुन्ना ने कहा कि वह सोमवार को मरीज को डिस्चार्ज करा लेंगे। अगर चार दिन रह गए तो जमीन व जेवर बेंचकर इलाज कराना होगा। इसकी शिकायत वह सिविल सर्जन व एसएसपी व डीएम से करेंगे। सिविल सर्जन डॉ.एसके चौधरी ने कहा कि मरीज की ओर से अगर शिकायत आएगी तो उसकी जांच कर सख्त एक्शन होगा। बीमारी के नाम पर किसी को भी लूट की छूट नहीं है। मरीज लिखित शिकायत करे उसकी जानकारी कंट्रोल रूम को दे नर्सिंग होम निबंधित है या नहीं इसकी भी जांच कराई जाएगी।

इस तरह लगाया चार्ज

– बेड चार्ज दस हजार रूपए प्रतिदिन

– एक बार चिकित्सक विजिट चार्ज तीन हजार, दो बार रविवार को चिकित्सक आए तो चार्ज जोडा छह हजार

– ऑक्सीजन एक सौ रुपए प्रति घंटे के हिसाब से

– पहले दिन नर्सिंग होम ने अपने परिचित दुकान से दस हजार की मंगा ली दवा

– रविवार तीन बजे शाम से चल रहा इलाज

Input: Dainik Jagran

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