बिहार में 19 जनवरी को सीएम नीतीश कुमार के आह्वान पर मानव श्रृंखला बनाई जानी है. जल जीवन हरियाली को लेकर बनाई जाने वाली इस मानव श्रृंखला की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. खुद सीएम नीतीश भी राज्य के विभिन्न जिलों में जाकर लोगों को जागरुक कर चुके हैं. प्रशासन भी इसको लेकर पूरी तरह से तैयार और मुस्तैद है.

इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा 19 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका को पटना हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए इसे हरी झंडी दे दी है. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.

AISF ने दायर की थी जनहित याचिका

दरअसल ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन की ओर से पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है और मानव श्रृंखला को हरी झंडी दे दी है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इसमें शामिल होना अनिवार्य नहीं है. इसलिए कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्कता नहीं हैं.

 

साथ ही कोर्ट ने कहा कि इसके माध्यम से सरकार सामाजिक और आर्थिक मुद्दों के मामले में लोगों को जागरूक करना चाहती है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि लोगों को अपने अधिकार के साथ अपने कर्तव्यों के लिए भी जागरुक होने की जरूरत है.

बता दें 19 जनवरी को पूरे बिहार में 16 हजार किलोमीटर से अधिक की लंबाई में मानव श्रृंखला बनाई जाएगी. इसमें 4 करोड़ से अधिक लोग शामिल होंगे और जल जीवन हरियाली अभियान के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा. इसको लेकर तैयारी जोरों पर है और इसे सफल बनाने के लिए सरकारी विभाग लगातार बैठक कर रहे हैं.

Input : Live Cities

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