पटना/मुजफ्फरपुर : बा’लिका गृ’ह कां’ड के मु’ख्य आ’रोपित ब्रजेश ठाकुर को खुदीराम बोस केंद्रीय का’रा में रहने के दौरान सं’रक्षण देने व नि’यमों का उ’ल्लंघन कर जे’ल अस्प’ताल में रखने के मा’मले में त’त्कालीन जे’ल अ’धीक्षक राजीव कुमार झा पर सरकार की गा’ज गि’री है। गृ’ह (का’रा) वि’भाग ने राजीव कुमार के खि’लाफ आ’रोप सही पाए जाने के बाद वि’भा’गीय का’र्यवा’ही चलाने का फै’सला लिया है।

जानकारी के अनुसार, वर्तमान में सहायक कारा महानिरीक्षक के पद पर तैनात राजीव कुमार झा पर आरोप है कि मुजफ्फरपुर के खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की उन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए मदद की। 11 अगस्त 2018 को जेल में छापेमारी की गई थी। इस दौरान प्रशासन को 12 मोबाइल, चार मोबाइल चार्जर, तीन सिम कार्ड और भारी मात्र में नशीली एवं प्रतिबंधित दवाएं मिलीं। इतना ही नहीं छोटे-छोटे कारणों से यहां बंद कैदियों को लंबे समय तक बार-बार जेल अस्पताल में नियम विरुद्ध रखे जाने और ब्रजेश ठाकुर को अनुचित तरीके से जेल अस्पताल वार्ड में रखने की जानकारी भी प्राप्त हुई। सरकार ने जेल अधीक्षक के इस व्यवहार को सरकारी नियमावली के विरुद्ध माना और उनके खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिए हैं। विभाग ने तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त को जांच पदाधिकारी नियुक्त किया है।

  • केंद्रीय कारा के तत्कालीन जेल अधीक्षक राजीव कुमार पर चलेगी विभागीय कार्यवाही
  • गृह विभाग ने तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त को नियुक्त किया है जांच पदाधिकारी

20 पर चल रहा मुकदमा

बालिका गृह का संचालन ब्रजेश ठाकुर द्वारा किया जा रहा था। पिछले साल जुलाई में कई बच्चियों से दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। मामले के तूल पकड़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 20 लोगों पर पॉक्सो समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा चल रहा है। अभियुक्तों में बालिका गृह के कर्मचारी और समाज कल्याण विभाग बिहार के अधिकारी भी शामिल हैं।

Input : Dainik Jagran

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