बिहार में कोरोना के खतरे को देखते हुए राज्यभर में पाबंदियां लागू है. इसका असर इस बार सरस्वती पूजा के आयोजन पर भी देखने को मिल रहा है. इस साल सरस्वती पूजा 5 फरवरी को है. लेकिन हर साल की तरह इसकी तैयारी को लेकर चहलकदमी नहीं देखी जा रही है. जनवरी से ही मूर्तियों के ऑर्डर और पंडाल को लेकर तैयारियां शुरू हो जाती थी लेकिन अब सरकार के तरफ से जारी गाइडलाइन व कोरोना की तीसरी लहर में फैले संक्रमण के खतरे को देख लोग कम दिलचस्पी लेते दिख रहे हैं.

nps-builders

बिहार में सरस्वती पूजा का आयोजन हर साल बेहद खास रहा है. लोग घरों से लेकर स्कूल व कोचिंग सेंटर व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भव्य मूर्ति स्थापना और पंडाल की तैयारी करते दिखते हैं. लेकिन कोरोना ने पिछले साल की तरह इस बार भी इन तमाम तैयारियों पर ग्रहण लगा दिया है. एकबार फिर लोगों को केवल औपचारिक तौर पर ही पूजा-पाठ देखने को मिल सकता है. इस बार मूर्तियों के ऑर्डर में भी बदलाव दिख रहा है. लोग छोटे आकार की मूर्तियों में दिलचस्पी ले रहे हैं.

वर्षों से मूर्ति व्यवसाय से जुड़े कलाकारों की मानें तो इनके व इनके परिवारों का भरण-पोषण विभिन्न धार्मिक आयोजनों पर मूर्ति के कारोबार होने से होता रहा है. लेकिन, बीते वर्ष 2021 से लगातार यह परिवार कोरोना संक्रमण की मार झेलते आ रहा है. पूजा समिति से जुड़े लोग आयोजन से एक महीना पहले से ही मूर्ति कलाकारों के पास मूर्ति बनाने का ऑर्डर देते रहे हैं.

वहीं, अधिकतर मूर्ति कलाकार धार्मिक आयोजनों को लेकर बिना ऑर्डर के ही आयोजन शुरू होने से करीब दो महीना पहले से ही मूर्तियों को बनाने का काम प्रत्येक वर्ष शुरू कर देते हैं. सरस्वती पूजा को लेकर इस बार भी इन मूर्ति कलाकारों द्वारा दिसंबर 2021 से ही मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. लेकिन अब इनके लिए कोरोना ने मायूसी ही सामने रखी है. लोग छोटे साइज की मूर्तियां ही आर्डर अधिक कर रहे हैं. यानी इसबार घरों में ही पूजा करने की तैयारी देखी जा रही है.

umanag-utsav-banquet-hall-in-muzaffarpur-bihar

मूर्ति कलाकारों को इस बात की चिंता सता रही है कि सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है उसके अनुसार 6 फरवरी तक सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. आयोजनों में भी 50 लोगों के एंट्री की अनुमति है वो भी डीएम से परमिशन लेकर ही आयोजन कर सकते हैं. वहीं लोग भी अभी डरे हुए हैं और घरों में सुरक्षित रहना पसंद करते हैं. ऐसे में इस बार उनकी पूंजी भी डूबने का खतरा है. वहीं लोगों को फिर मायूसी है कि सरस्वती पूजा की रौनक गायब रहेगी.

Source : Prabhat Khabar

clat

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *