कृषि विभाग ने राज्य के किसान समन्वयक और किसान सलाहकारों को खाद की कालाबाजारी राकने की जिम्मेदारी दी है। राज्य के सभी खाद विक्रेता इनसे टैग किये जाएंगे।
इसी के साथ खुद से जुड़े खाद विक्रेता पर नजर रखने की जिम्मेदारी इन कर्मियों की होगी। इससे निचले स्तर पर खाद बिक्री की मॉनिटरिंग की जा सकेगी। उन्हें अपनी पंचायत के किसानों से बात कर यह जानकारी भी लेनी होगी कि कोई डीलर खाद की अधिक कीमत तो नहीं ले रहा है। कृषि निदेशक राजीव रोशन नें खाद संबंधी किसी भी शिकायत को लेकर बनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को सख्त कर दिया है। इसमें एक बार फिर से कृषि अधिकारियों के साथ खाद कंपनियों की भी जिम्मेवारी तय की गई है। अधिकारी तो निगरानी रखेंगे और एक रुपया भी अधिक लेने की शिकायत पर 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
निदेशक द्वारा जारी पत्र में रेलवे रैक प्वाइंट के भाड़ा के नाम पर कोई किसानों से अधिक कीमत ले तो इसके लिए कंपनी के अधिकारी पर भी कार्रवाई होगी। विभाग ने कहा है कि अनियमितता मिलने पर 24 घंटे में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।
पॉश मशीन और स्टॉक में अंतर हो तो तुरंत कर्रवाई करें
रबी की खेती शुरू होने के साथ ही किसानों के बीच खाद की मांग बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में सरकार ने केंद्र द्वारा आवंटित खाद को प्राप्त कर उसे सही ढंग से निर्धारित मूल्य पर बेचने के लिए बनी नीति पर काम करना शुरू कर दिया है। कृषि सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार ने भी सभी डीएम को स्टॉक वेरिफिकेशन का आदेश पहले ही दे दिया है। निर्देश दिया था कि पॉश मशीन व स्टॉक में अंतर हो तो तुरंत कर्रवाई होनी चाहिए।
Source : Hindustan
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