चुनाव की घोषणा ने छह महीने से सुस्त पड़े होटल व्यवसाय में नई जान फूंक दी है। राजधानी के बंद पड़े होटलों का ताला खुलना शुरू हो चुका है। साफ-सफाई और सेनेटाइजेशन का काम पूरे जोश के साथ चल रहा है।
सस्ते से लेकर महंगे होटलों में लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। बड़े होटलों की बुकिंग 70 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है, जबकि छोटे होटलों के रूम भी पचास प्रतिशत तक बुक हो चुके हैं। लगातार मिलती बुकिंग से होटल व्यवसायी उत्साहित हैं। होटल मौर्या के फ्रंट ऑफिस मैनेजर गिरीश सिन्हा कहते हैं कि कोरोना काल में होटल व्यवसाय को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। विधानसभा चुनाव की घोषणा ने बंद पड़े होटल व्यवसाय को गतिमान कर दिया है। होटल मौर्या में 70 रूम में से 50 से 55 रूम बुक हो गए हैं। फ्रंट ऑफिस मैनेजर कहते हैं कि होटल में नेताजी के अलावा चुनाव संपन्न कराने वाले अधिकारी के लिए भी रूम की बुकिंग हुई है।
नवंबर तक हो रही बुकिंग
होटलों की बुकिंग में तेजी नवंबर तक है। कंकड़बाग मेन रोड पर स्थित होटल आलकजर्स के कुमार संजीव कहते हैं कि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की बुकिंग हो रही है। बुकिंग कराने वालों में नेताजी की संख्या ज्यादा है। होटल में रुके ज्यादातर नेताजी अभी टिकट की तलाश में पहुंचे हैं। अक्टूबर दूसरे सप्ताह के बाद कई बुकिंग चुनाव कराने वाले अधिकारियों आदि की है।
पहले जैसी नहीं है भीड़
होटल गली में भी बुकिंग कराने वाले नेता जी को देखा जा रहा है। हालांकि पुराने होटल संचालक खुश नहीं हैं। होटल विनायक के विनय कुमार पप्पू कहते हैं कि पहले जैसी भीड़ इस बार नहीं उमड़ी। पहले एक नेताजी के साथ कम से कम उनके बीस समर्थक पटना टिकट के लिए आते थे। इस बार नेताजी के साथ दो-तीन समर्थक ही पहुंचे हैं। कोरोना इफेक्ट चुनाव में टिकट मांगने वालों पर भी पड़ा है।
कुछ होटलों पर संकट बरकरार
पार्टी कार्यालयों से दूर खुले होटलों को चुनावी लाभ नहीं मिल पा रहा है। राजाबाजार स्थित होटल एमल्फी के आरके सिंह कहते हैं कि उनके होटल में चुनाव की घोषणा के बाद भी बुकिंग पर विशेष असर नहीं पड़ा है। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में उनके होटल में एक राजनीतिक पार्टी के आईटी सेल के सदस्यों को ठहराया गया था। लेकिन इस बार कोई सुगबुगाहट नहीं है।
Input: Live Hindustan