केंद्रीय बजट 2021-22 में स्वास्थ्य क्षेत्र में पूर्व की तुलना में 135 प्रतिशत अधिक राशि व्यय करने की घोषणा से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक सुधार की उम्मीद जगी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ इस बार बजट को स्वास्थ्य विशेष बजट की संज्ञा दे रहे हैं।

कोरोना काल में एक ओर वैक्सीनेशन पर पूरा जोर दिया गया है। इसके लिए 35 हजार करोड़ रुपये जारी करने की बात कही गई है। दूसरी ओर देशभर में 17 पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट, 15 हेल्थ इमरजेंसी सेंटर और चार नए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी सेंटर खोलने की बात भी वित्त मंत्री द्वारा कही गई है।

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए यह एक सराहनीय और उत्साह बढ़ानेवाला बजट है। देश के 17 पीएचआई और 15 हेल्थ इमरजेंसी सेंटर में से एक भी अगर बिहार अथवा पटना को मिला तो राज्य के लोगों को काफी सुविधा बढ़ेगी। इमरजेंसी हेल्थ सेंटर एक तरह का आपातकालीन सेवा केंद्र होगा जहां जीवनरक्षक प्रणाली से सुसज्जित भवन व प्रशिक्षित डॉक्टर रहेंगे। यह एक तरह से इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर की तरह काम कर सकता है।

आईएमए बिहार के अध्यक्ष अमरकांत झा अमर ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन में 35 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा से गरीब व मध्यम वर्ग को नि:शुल्क कोरोना का टीका मिलने की राह प्रशस्त हो सकती है। इससे देश को कोरोना से मुक्ति मिल सकती है। उन्होंने कहा कि 112 जिले में पोषण स्तर को बढ़ाने की बात भी बजट में कही गई है। इसमें राज्य के कुछ जिले में भी लोगों को लाभ होगा।

मरीजों को मिलेंगी सुविधाएं : भासा

बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने भी बजट को सराहनीय बताया है। भासा के महासचिव डॉ. अमिताभ ने बताया कि सरकार ने सर्वाधिक वृद्धि 135 प्रतिशत हेल्थ बजट में ही की है। स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए भी कई घोषणाएं की गई हैं। इसमें बिहार को भी जरूर कुछ मिलेगा। 112 जिले में पोषण स्तर सुधार से ग्रामीण इलाके के लोगों को फायदा होगा। पीएचआई, इमरजेंसी हेल्थ सेंटर आदि खोलने से भी लोगों को राहत मिलेगी। स्वास्थ्य सेवा में खर्च बढ़ने से मरीजों के इलाज में बेहतरी आएगी।

Source : Hindustan

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD