बिहार के लोकसभा सांसदों ने अपने फंड का पूरा उपयोग पांच साल में नहीं किया। राज्य के 40 लोकसभा सांसदों को जितना फंड मिला, उसकी दस फीसदी राशि अब भी बची हुई है। कुछेक सांसदों के तो पांच करोड़ से अधिक राशि बची हुई हैं जो उनके हिस्से का 20 फीसदी है।

चुनाव आचार संहिता आज-कल में लगने वाली है। इसके बाद सांसद अपने फंड से कार्य कराने की अनुंशसा नहीं कर सकेंगे। ऐसे में जिन सांसदों के कोटे की राशि बच गई, चुनाव जीतकर आने वाले सांसद उसे खर्च करेंगे। सांसदों के फंड की निगरानी बिहार में योजना एवं विकास विभाग करता है। लोकसभा की वेबसाइट पर हर महीने इसका ब्योरा जारी होता है। हरेक सांसद को हर साल पांच-पांच करोड़ सांसद निधि में मिलते हैं। बिहार के 40 सांसदों को पांच साल में एक हजार करोड़ मिले। बैंकों में रहने और 15वीं लोकसभा की कुछ राशि बचने के कारण सांसदों को 1012 करोड़ मिले।

मार्गदर्शिका की अनदेखी करते हैं सांसद

सांसदों को अपने फंड का उपयोग करने के लिए पूरी जानकारी दी जाती है। लेकिन अधिकतर सांसद मार्गदर्शिका की अनदेखी करते हैं या इसमें सुस्ती बरतते हैं। नियम के खिलाफ और आनन-फानन में सांसदों ने 1266 करोड़ की अनुशंसा कर दी। लेकिन नियमानुसार केंद्र सरकार ने 985 करोड़ ही मंजूर करते हुए 953 करोड़ जारी किए। छह मार्च तक 822 करोड़ खर्च हुए और 131 करोड़ बचे हैं। सबसे अधिक राशि राजीव प्रताप रूडी का 15 करोड़ तो सबसे कम राशि सुशील सिंह की 25 लाख बचे हैं।

किस सांसद के कोष में कितनी राशि बची

1- राजीव प्रताप रूडी-15.60 करोड़

2- तारिक अनवर-5.01 करोड़

3- सतीश चंद्र दूबे- 5.42 करोड़

4- भोला सिंह (दिवंगत) -3.27 करोड़

5- महबूब अली कैसर- 2.97 करोड़

6- हरि मांझी-3.58 करोड़

7- कौशलेन्द्र कुमार-3.95 करोड़

8- चिराग पासवान-2.50 करोड़

9- रामकुमार शर्मा-4.84 करोड़

10- राधामोहन सिंह- 4.03 करोड़

11- अजय निषाद-2.59 करोड़

12- डॉ. अरुण कुमार- 5.70 करोड़

13- रमा देवी- 4.27 करोड़

14- संतोष कुमार- 5.21 करोड़

15- जयप्रकाश नारायण यादव-4.86 करोड़

16- बुलो मंडल- 3.67 करोड़

17- पप्पू यादव-3.80 करोड़

17- रामकृपाल यादव-2.50 करोड़

18- रामविलास पासवान-2.67 करोड़

19- शत्रुघ्न सिन्हा-2.34 करोड़

Input : Hindustan

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