नीतीश सरकार में मंत्री रहीं मंजू वर्मा के लिए अच्छी खबर। आर्म्स एक्ट में जेल में बंद पूर्व समाज व कल्‍याण मंत्री मंजू वर्मा को पटना हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। मंगलवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने मंजू वर्मा को 50 गोली के जब्ती मामले में जमानत दी। वे पिछले साल 20 नवंबर से जेल में बंद थीं।

गौरतलब है कि बालिका गृह यौन उत्पीडऩ के मामले में सीबीआई ने मंजू वर्मा के चेरिया बरियारपुर के पैतृक आवास में छापामारी की थी। जिस क्रम में पूर्व मंत्री के शयन कक्ष में मौजूद एक बक्से से 50 गोली बरामद की गई थी। इस सिलसिले में सीबीआई के डीएसपी ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अभियुक्त की ओर से वरीय अधिवक्ता जितेन्द्र सिंह एवं अधिवक्ता रणजीत कुमार अपनी दलील में कहा कि जहां से कारतूस की जब्ती हुई है, वहां केवल मंजू वर्मा नहीं रहती थी, बल्कि 50 सदस्यों का संयुक्त परिवार है। कारतूस किसने रखा, यह कहना कठिन है।

पटना हाईकोर्ट का भी मानना था कि अभियुक्त महिला हैं। वे अन्य किसी केस की अभियुक्त नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि उन पर यदि अन्य कोई केस नहीं हुआ, तो वे एक-दो दिनों के अंदर जेल से बाहर आ जाएंगी। बताते चलें कि इसी मामले में मंजू वर्मा के अलावा उनके पति चंदेश्वर वर्मा को भी अभियुक्त बनाया गया था। प्राथमिकी में नाम आने के बाद ही उन्‍हें मंत्री पद से इस्‍तीफा देना पड़ा था।

इसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर बना हुआ था, जबकि पुलिस भी ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही थी। बाद में मंजू वर्मा और पति चंदेश्वर वर्मा ने पुलिस दबिश को लेकर कोर्ट में आत्मसर्पण कर दिया था। हालांकि पिछले दिनों कोर्ट के आदेश पर उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही में भी भाग लिया था। वहीं उनकी जमानत याचिका पर पटना हाईकोर्ट में टाइम टू टाइम सुनवाई भी हो रही थी। मंगलवार को इस मामले में मंजू वर्मा को कोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि उनके पति को अभी जमानत नहीं मिली है।

गौरतलब है कि पिछले साल 20 नवंबर से आर्म्स एक्ट मामले में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा बेगूसराय मंडल कारा में बंद हैं। उन्‍होंने 31 जनवरी को बेगूसराय के मंझौल कोर्ट में पेशी के दौरान अपना आपा खो दिया था। उन्होंने महिला जज से एक महिला का दर्द समझने की गुहार लगाते हुए कहा था कि या तो मेरे इलाज की समुचित व्यवस्था कराई जाए, नहीं तो मुझे सल्फास दे दिया जाए।

पेशी के दौरान मंजू वर्मा ने यह भी गुहार लगाई थी कि अब दांत समेत अन्य दर्द सहने की शक्ति जवाब देने लगी है। पहले से हाइपर टेंशन से परेशानी थी और अब लगातार दर्द निवारक दवाओं के इस्तेमाल से किडनी भी खराब हो रही है। मेरा पूरा इलाज कराया जाए अथवा मुझे सल्फास दे दिया जाए।

इस पर जज ने कहा कि हमारे हाथ बंधे हैं, जिस पर पूर्व मंत्री ने बिफरते हुए कहा कि हमें बताया जाए किनके हाथ खुले हैं, हम जहां अपना दर्द बयां करें। जज ने मेडिकल बोर्ड द्वारा बीमारियों से संबंधित प्रतिवेदन और अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में दाखिल अर्जी का अवलोकन किया। इसके बाद वापस जेल भेज दिया। बता दें कि इसी मामले में मंजू वर्मा के पति चंदेश्‍वर वर्मा 29 अक्टूबर से ही जेल में बंद हैं।

Input : Dainik Jagran

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