जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के असली सिपाही और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह की पहली पुण्यतिथि के मौके पर आज मुजफ्फरपुर में कई दिग्गज जुट रहे हैं। रघुवंश बाबू को श्रद्धांजलि देने के लिए मुजफ्फरपुर के बैरिया में सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई है जिसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह और भाजपा के नेता तथा केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे शामिल होने वाले हैं। सर्वदलीय सभा में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के पहुंचने का भी कार्यक्रम भी तय है। यह रघुवंश बाबू की शख्सियत की ताकत है कि उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए धुर राजनीतिक विरोधी एक साथ बैठने को तैयार हैं। संभव है श्रद्धांजलि सभा में इशारो इशारो में राजनैतिक तीर तलवार भी चलेंगे। लेकिन हर नेता अपनी बात रघुवंश बाबू के हवाले से ही कहेगा। पिछले साल 13 सितंबर को रघुवंश बाबू का निधन हो गया था।
रघुवंश बाबू का राजनैतिक सफर
रघुवंश प्रसाद सिंह 1973 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के सचिव बनाए गए। 1977 से 1990 तक वे बिहार विधानसभा के सदस्य रहे।1977 से 1979 तक राज्य के ऊर्जा मंत्री रहे। 1985 से 1990 तक लोक लेखा समिति के अध्यक्ष रहे। 1990 में बिहार विधानसभा के सहायक स्पीकर बनाए गए। 1996 में लोकसभा पहुंचे और लगातार पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। 2004 से 2009 तक वे केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री रहे। देश के गरीबों के घर में चूल्हा जलने की गारंटी देने वाला रोजगार गारंटी कानून मनरेगा स्वर्गीय रघुवंश बाबू की देन है। केंद्रीय मंत्री रहने के बावजूद वे फक्कड़ की तरह जीते रहे। कैबिनेट मंत्री की सुविधाओं के बीच उन्होंने अपने जीवन को न्यूनतम आवश्यकताओं के साथ बिताया। रघुवंश बाबू आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।
Source : Hindustan
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