पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर एक हाईलेवल कमेटी बनाई है. इस कमेटी में दो पूर्व न्यायाधीश हैं जिन्हें 3 दिनों में सरकार को अपनी रिपोर्ट देनी होगी. यह जानकारी सरकार के प्रवक्ता ने दी. प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब सरकार ने पीएम मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान हुई चूक की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल, प्रमुख सचिव (गृह मामलों) और न्यायमूर्ति अनुराग वर्मा शामिल होंगे और 3 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. उधर सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोके मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में CJI एनवी रमण के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए जांच की मांग की. कोर्ट ने सिंह से आज केंद्र और पंजाब सरकार को याचिका देने को कहा.
बता दें चुनावी राज्य पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त ‘गंभीर चूक’ की घटना हुई, जब फिरोजपुर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को बाधित कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था. इस वजह से पीएम एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे. घटना के बाद पीएम दिल्ली लौट गए. वह ना तो किसी कार्यक्रम में शामिल हुए और ना ही दो साल के बाद राज्य में अपनी पहली रैली को ही संबोधित कर सके.
गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
इस घटना पर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से इस चूक के लिए एक रिपोर्ट मांगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को कहा जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे में सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी.
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हुए इस घटनाक्रम को लेकर देश की राजनीति में एक नया ही विवाद हो गया जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘अभूतपूर्व’ कहते हुए एक ‘साजिश’ करार दिया और दावा किया कि कांग्रेस के ‘खूनी इरादे’ नाकाम रहे. कुछ अन्य दलों ने कानून व व्यवस्था का सवाल उठाते हुए राज्य सरकार पर हमले भी किए.
चन्नी क्या बोले?
हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भाजपा को आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई और इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी सरकार किसी भी जांच को तैयार है. मुख्यमंत्री ने भी दावा किया कि चूंकि रैली स्थल पर भीड़ नहीं थी इसलिए इस प्रकार की राजनीति हो रही है.
दरअसल मोदी दिल्ली से सीधे हवाई मार्ग से बठिंडा पहुंचे. मौसम अनुकूल ना होने की वजह से सड़क मार्ग से वह हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए रवाना हो गए. उनका काफिला जब फिरोजपुर-मोगा सड़क मार्ग पर स्थित पियारियाना गांव के निकट पहुंचा कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस रास्ते को अवरूद्ध कर दिया जहां से प्रधानमंत्री को गुजरना था और इस वजह से उन्हें 15 से 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर इंतजार करना पड़ा.
फिरोजपुर के उपमहानिरीक्षक इंदरबीर सिंह ने बताया कि करीब 100 की संख्या में किसान अचानक उस मार्ग पर पहुंच गए और सड़क को अवरुद्ध कर दिया. इसके मद्देनजर निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री के काफिले को बठिंडा हवाईअड्डे की ओर वापस ले जाया जाए क्योंकि फलाईओवर की दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी जमा होन लगे और इसकी वजह से प्रधानमंत्री की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता था.
चन्नी ने प्रधानमंत्री के राज्य के दौरे से बीच में ही दिल्ली लौटने पर खेद जताया लेकिन साथ ही दावा किया कहा कि उनकी सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई. उन्होंने चंडीगढ़ में कहा, ‘प्रधानमंत्री को उद्घाटन के लिए जाना था और एक राजनीतिक रैली को संबोधित करना था. हमें खेद है कि रास्ता अवरुद्ध किए जाने के कारण उन्हें वापस जाना पड़ा.’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आखिरकार, वह देश के प्रधानमंत्री हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. एक लोकतांत्रिक व्यवस्था और संघीय व्यवस्था है.’ (भाषा इनपुट के साथ)