कोरोना की जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर की कालाबाजारी के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार को ईओयू की विशेष टीम ने राजधानी पटना के एसपी वर्मा रोड में छापेमारी कर एक निजी अस्पताल के निदेशक और उसके साले को रेमडेसिविर दवा के 2 डोज के साथ गिरफ्तार कर लिया। अस्पताल और वहां मौजूद दवा दुकान की आड़ में दोनों रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे थे।

ईओयू की सूचना मिली कि एसपी वर्मा रोड स्थित रेनबो अस्पताल के जरिए रेमडेसिविर की कालाबाजारी हो रही है। ईओयू डीएसपी भास्कर रंजन के नेतृत्व में एक टीम को इस काम में लगाया गया। अस्पताल के निदेशक डॉ. अशफाक अहमद अपने साले अल्ताफ अहमद के साथ मिलकर कालाबाजारी करते थे। अस्पताल में ही एक दवा दुकान है। उसी की आड़ में रेमडेसिविर मंगाई जाती थी। पर जो दवा दुकान को मिली उसका कोई हिसाब नहीं होता था।

बताया जाता है कि दवा दुकान के नाम पर ली गई रेमडेसिविर को ये ब्लैक में बेचते थे। ईओयू की टीम ने पहले अल्ताफ को गिरफ्तार किया और उसी के जरिए रेनबो अस्पताल के निदेशक तक पहुंचने में कामयाब हुई। पूछताछ में पता चला कि रेमडेसिविर के 2 डोज के लिए एक लाख रुपए तक वसूला जाता था। निदेशक और उसके साले ने पुलिस को बताया कि वे रोजाना रेमडेसिविर की 2 डोज ही बेचते थे। दोनों को गांधी मैदान पुलिस के हवाले कर दिया गया है। वहीं इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

Input: Live Hindustan

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