आरा मशीन से दोस्त का हाथ कटा तो हिसार के 12वीं के छात्र ने उसके लिए देसी जुगाड़ से कृत्रिम हाथ बना डाला। यही नहीं छात्र ने यह कृत्रिम हाथ बाजार से 99 प्रतिशत कम कीमत यानि महज 1500 रुपए में तैयार किया है। इसे नेशनल इंस्पायर अवॉर्ड के लिए भी सिलेक्ट किया गया है। इसे बनाने के लिए घरेलू सामान का इस्तेमाल किया गया। इस कृत्रिम हाथ की उंगलियां तीन गियर मोटर के जरिए काम करती हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला….

कृत्रिम हाथ को बनाने में घरेलू सामान किया इस्तेमाल

– कृत्रिम हाथ बनाने वाले 18 साल के अंकित चावला डीपीएस में 12वीं क्लास के छात्र हैं। अंकित ने एल्बो से लेकर उंगलियों तक का कृत्रिम हाथ देसी जुगाड़ से तैयार किया है। इसमें सर्जिकल ग्लब्स में तीन गियर मोटर डाली गई हैं। दो मेटल की पाइप ली गई हैं जो करीब एक सेंटीमीटर मोटी हैं।

– एल्बो से लेकर कलाई तक दो पाइप डाली हैं, एक गियर मोटर कलाई के लिए यूज हुई है। बाकी दो मोटर हाथ के लिए। दरवाजों में यूज किए जाने वाले कब्जे, तीन बैटरी व नी कैप से इसे कवर किया गया है। अंगुलियों में रबड़ भी यूज किया है।

– अंगुलियां मेटल की पाइप को वेल्ड करवाकर बनाई हैं। इन्हें गियर मोटर से कनेक्ट किया गया है। कृत्रिम हाथ को यूज करने के लिए हाथ में दो स्विच लगाए हैं, जिन्हें प्रेस करने पर कृत्रिम हाथ काम करता है।

– अंकित ने बताया कि बाजार में मिलने वाले कृत्रिम की कीमत करीब 2 लाख रुपए होती है। मैंने चूंकि कुछ सामान्य घरेलू सामान को लेकर कृत्रिम हाथ बनाया है, जिस पर सिर्फ 1500 रुपए की लागत आई है।

10वीं क्लास में हुई दोस्ती, दो साल में पूरा किया प्रोजेक्ट

– अंकित ने बताया कि जिस दोस्त के लिए उन्होंने ये हाथ बनाया है उसका नाम रवि है। उनकी दोस्ती जिंदल मॉडर्न स्कूल में 10वीं कक्षा में हुई थी। चार साल की उम्र में रवि का बायां हाथ चारा काटने वाली मशीन से कट गया था।

– उन्होंने कहा कि रवि को देख लगा कि उसका हाथ होना चाहिए, बस यहीं से मैंने ठान लिया और कृत्रिम हाथ बना दिया। रवि को कृत्रिम हाथ दिलवाने में पिता असमर्थ थे, हालांकि कुछ अधिकारियों की मदद से रवि के लिए करीब 2 लाख रु. में कृत्रिम हाथ खरीदा गया था।

– 10वीं कक्षा में इंस्पायर स्कीम के तहत कृत्रिम हाथ बनाना शुरू किया था। 12वीं कक्षा में दाखिला लेने के बाद मेरा यह मॉडल सिलेक्ट हुआ। 21 दिसंबर एससीआरटी गुड़गांव में प्रेजेंट किया था, यहां हरियाणा से 6 स्टूडेंट्स सिलेक्ट हुए थे।

Input : Dainik Bhaskar

I just find myself happy with the simple things. Appreciating the blessings God gave me.