बिहार के रेलयात्रियों के साथ रेलवे भेदभाव कर रहा है। यानी कि यूपी के स्टेशनों से चलनेवाली ट्रेनों का विस्तार बिहार के लिए नहीं किया जा रहा है लेकिन बिहार के ट्रेनों का ठहराव यूपी के स्टेशनों पर किया जा रहा है। इससे बिहार से चलनेवाली ट्रेनों में यूपी के यात्री पहले से ज्यादा सवार हो रहे हैं और ट्रेनों में भीड़ बढ़ रही है। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही इस तरह का कारनामा हो रहा है। ऐसा भी कार्य किया जा रहा है जो, ट्रेन के परिचालन शुरू करने के दौरान नियमावली में ही नहीं है। नियमावली को भी ताक पर रख कर ऐसा किया जा रहा है। इस जिले के कई यात्रियों का आरोप है कि बिहार के यात्रियों के साथ भेदभाव बरता जा रहा है। सीवान स्टेशन होकर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। ताकि ट्रेनों में भीड़ कम हो। लेकिन, ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की बजाय इस स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों का ठहराव यूपी के वैसे स्टेशनों पर किया जा रहा है, जहां पहले से ठहराव नहीं होता था।

तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट ट्रेन चलाई गई। इसी तरह की ट्रेन दिल्ली समेत अन्य राज्यों के लिए भी चली, जिसका उद्देश्य था कि वह ट्रेन सुपरफास्ट होगी और जिस राज्य के नाम पर ट्रेन होगी, उस राज्य के प्रमुख स्टेशनों पर ठहराव होगा। दूसरे राज्यों से उस ट्रेन के गुजरने पर दूसरे राज्यों के बहुत बड़े स्टेशनों पर ही ठहराव होगा।

रेलयात्रियों को हो रही दिक्कत पर न तो अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि कुछ बोलते हैं

बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट के साथ भी भेदभाव

बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस का परिचालन दरभंगा से नई दिल्ली स्टेशन तक होती है। इस ट्रेन का ठहराव यूपी के गोरखपुर, लखनऊ व कानपुर स्टेशन पर होता था। लेकिन, एक पखवारे से इस ट्रेन का ठहराव यूपी के देवरिया व बादशाह नगर स्टेशन पर किया जा रहा है। इस ट्रेन पर रोज भीड़ रहती है। जेनरल बोगी में पैर रखने के लिए भी जगह नहीं होती। स्लीपर बोगी में तो बैठने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती है। इस हालत में यूपी के दो और स्टेशनों पर ठहराव करने से वहां पर भी यात्री सवार हो रहे हैं और इस पर यात्रियों की संख्या बढ़ने से भीड़ भी बढ़ रही है। हालत यह होता है कि जब यह ट्रेन बिहार पहुंचती है, तो यहां के स्टेशनों पर खड़े यात्रियों के लिए ट्रेन पर जगह नहीं होती।

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लखनऊ तक ट्रेनें नहीं जाने से ऐशपार स्टेशन पर ही उतरने को मजबूर हैं यात्री

अप 12565 बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस रोज दरभंगा से खुलती है। इसे सीवान होकर देवरिया व बादशाह नगर में स्टॉपेज कर दिया गया है। हालांकि, यह ट्रेन अब लखनऊ नहीं जा रही है। लखनऊ से पहले ऐशपार स्टेशन से ही उसे डायवर्ट कर कानपुर निकाला जा रहा है। इससे लखनऊ तक की यात्रा करनेवाले यात्रियों को ऐशपार स्टेशन पर ही उतरना पड़ रहा है। इसी तरह डाउन साइड में 12566 बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस देवरिया में अहले सुबह 3:40 बजे आ रही है। वहां पर इसका स्टॉपेज दो मिनट का रखा गया है। यह ट्रेन सीवान में सुबह 4:30 बजे आती है। इस ट्रेन से सफर करनेवालों की संख्या भी अच्छी-खासी है। यूपी के स्टेशनों पर अितरिक्त स्टॉपेज के चलते इस ट्रेन पर यात्रियों की संख्या और बढ़ गई है। बावजूद यहां के अधिकारी और जनप्रतिनिधि इसपर ध्यान नहीं देते हैं।

होली पर्व पर सीवान के रास्ते नहीं मिली स्पेशल ट्रेनें

होली पर्व के मौके पर भी सीवान के रास्ते कोई भी विशेष ट्रेनें नहीं मिली। जबकि विभिन्न राज्यों में रहनेवाले सीवान के लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग होली के मौके पर अपने घर आते हैं और होली के अगले दिन से ही वे परदेश लौटने लगते हैं। इस हालत में उन्हें काफी परेशानी होती है। उन्हें आने व जाने के लिए कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाता है। फिर भी इस रास्ते से एक भी विशेष ट्रेन नहीं चलाई गई है। हालांकि कुछ ट्रेनें दिल्ली से गोरखपुर तक व दिल्ली से बलिया होकर छपरा तक चलाई जा रही है। कारण कि उधर रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का क्षेत्र है। लेकिन, सीवान को पर्व के मौके पर भी उपेक्षित रखा गया है।

सुपरफास्ट वैशाली एक्सप्रेस भी नहीं जा रही लखनऊ

छपरा- गोरखपुर रेलखंड पर सीवान स्टेशन होकर जाने वाली 12553 सुपरफास्ट वैशाली एक्सप्रेस भी अब लखनऊ स्टेशन नहीं जा रही है। इसे भी ऐश्पार स्टेशन से डायवर्ट कर कानपुर निकाला जा रहा है। इससे सीवान से लखनऊ जानेवाले यात्रियों को काफी कठिनाई हो रही है। इस ट्रेन का परिचालन बरौनी स्टेशन से होता था। लेकिन, गुरुवार से इसका परिचालन सहरसा से कर दिया गया। यह ट्रेन इस रूट की सबसे वीआईवी ट्रेन है। यह समय से परिचालन के लिए जानी जाती है। इसमें भी पहले से ही यात्रियों की काफी भीड़ है। जेनरल बोगी में 72 की जगह 150 से ज्यादा यात्री सवार रहते हैं। जबकि स्लीपर बोगी में भी 72 की जगह लगभग 100 यात्री सवार होते हैं। फिर भी इस ट्रेन का परिचालन सहरसा से कर दिया गया। इससे अब इस ट्रेन में यात्रियों की संख्या और बढ़ गई। गुरुवार को पहले ही दिन अपने निर्धारित समय से ढाई घंटे लेट से सीवान आई थी। शुक्रवार को भी यह ट्रेन लेट थी।

Input : Dainik Bhaskar

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