जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र की ओर से जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध को ‘प्रतिशोध’ की कार्रवाई बताते हुए शनिवार को कहा कि इसके ‘खतरनाक नतीजे’ होंगे.

मुफ्ती ने पीडीपी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘ जमात-ए-इस्लामी के युवकों और नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद राज्य में, खासतौर पर, घाटी में प्रतिशोध का माहौल है. जमात-ए-इस्लामी एक सामाजिक और राजनीतिक संगठन है. इसकी एक विचारधारा है और मैं नहीं समझती हूं कि संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके एक विचारधारा को कैद किया जा सकता है. हम इसकी पूरी तरह से निंदा करते हैं.’’

पीडीपी की अध्यक्ष ने कहा कि देश में लोगों की पीट-पीट कर हत्या करने की घटनाओं के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि कश्मीर में ‘गरीबों की मदद करने वाले एक सामाजिक संगठन’ को प्रतिबंधित किया जाता है.

उन्होंने कहा, ‘देश में आपके पास शिवसेना, जन संघ, आरएसएस हैं जिन्होंने एक तरह के मांस खाने के आधार पर लोगों की पीट-पीट कर हत्या की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बहरहाल, एक संगठन जो गरीबों की मदद करता है और स्कूल चलाता है, उसे प्रतिबंधित कर दिया गया और उसके कार्यकर्ताओं को जेल में रखा गया है. हम ऐसा नहीं होने देंगे. इसके गंभीर नतीजे होंगे.’ मुफ्ती ने केंद्र से जम्मू कश्मीर को जेल में तब्दील नहीं करने को कहा.

उन्होंने कहा, ‘आप एक विचारधारा को कैद नहीं कर सकते हैं. हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं और एक प्रजातंत्र में विचारों की लड़ाई होती है. अगर आपके पास एक बेहतर विचार है इस पर लड़ाई हो, लेकिन जम्मू कश्मीर को जेल में मत बदलिए.’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने (भाजपा-पीडीपी की गठबंधन सरकार में) भाजपा को वो नहीं करने दिया जो वो अब कर रही है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें (अब) कोई रोकने वाला नहीं है. जब एक कश्मीरी को पीटा जाता है तो लोग ताली बजाते हैं और खुश होते हैं.’

संगठन की ओर से चलाए जा रहे स्कूलों समेत जमात नेताओं की संपत्ति को सील करने के बारे में पूछने पर मुफ्ती ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसा नहीं होना चाहिए था.

उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण, क्योंकि ये स्कूल गरीबों को शिक्षा मुहैया करा रहे थे. उनके छात्र गुणी हैं. इन स्कूलों पर प्रतिबंध लगाने के बाद ये सब छात्र कहां जाएंगे. वे हमारे भविष्य के साथ खेल रहे हैं जो बहुत गलत है. उन्हें इसके बजाए (आरएसएस) शाखाओं पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जहां तलवारें दिखाई जाती हैं. कोई भी जमाती तलवार नहीं रखता है.’

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक की संपत्तियों पर हाल में एनआईए की छापेमारी पर मुफ्ती ने कहा कि केंद्र चाहता है कि हर कश्मीरी ‘उस सोच की कीमत चुकाए जो उसके दिमाग में है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं मीरवाइज के यहां एनआईए की छापेमारी की निंदा करती हूं. आखिरकार वह जम्मू कश्मीर के धार्मिक प्रमुख हैं और उनकी लोगों में इज्जत है. ये भी प्रतिशोध की कार्रवाइयां हैं.’

बाद, में पार्टी नेताओं ने जमात-ए-इस्लामी पर रोक के खिलाफ एक विरोध मार्च निकाला. पार्टी के विभिन्न नेता और कार्यकर्ता पीडीपी मुख्यालय पर जमा हुए और लाल चौक सिटी सेंटर तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन शेर-ए-कश्मीर पार्क के पास बड़ी संख्या में तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक लिया.

Input : Zee News

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