कहते हैं, स्टेशन किसी शहर का आईना होता है। इस आईने में शहर का अक्स झलकता है। कुछ ऐसी ही सोच के तहत मुजफ्फरपुर जंक्शन पर जिले के उद्भव से लेकर उत्कर्ष तक के इतिहास को शिलापट्ट पर उकेरा जाएगा। संगमरमर के पत्थरों पर उल्लेखित इतिहास से यात्री रूबरू हो सकेंगे। रेल प्रबंधन इस तैयारी में जुट गया है। रेल की स्थापना से अबतक के सफर को भी यात्रियों को बताया जाएगा। रेलवे बोर्ड की ओर से निर्णय लिया गया है कि देश के सभी प्रमुख जंक्शन पर उस शहर के इतिहास और विशेषताओं की जानकारी देते हुए एक शिलापट्ट लगाई जाए।

मुजफ्फरपुर जंक्शन पर लगने वाले शिलापट्ट पर इतिहास के अलावा यहां की प्रमुख पहचान शाही लीची की भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। धार्मिक स्थल से जुड़े बाबा गरीबनाथ की जानकारी भी रहेगी। अधिकारियों के मुताबिक मुजफ्फरपुर से निकट पर्यटन स्थल के रूप में मशहूर अशोक स्तंभ और वैशाली के बारे में भी जानकारी शिलापट्ट दी जा सकती है। शहरों के इतिहास को संजोने का यह बेहतर प्रयास होगा।

ऐतिहासिक तथ्यों का संग्रह शुरू : रेलवे के अनुसार शिलापट्ट पर उल्लेख के लिए तथ्यों का संग्रह शुरू हो गया है। उसकी समेकित रिपोर्ट डीआरएम कार्यालय भेजी जाएगी। स्वीकृति मिलने के बाद इतिहास से जुड़े तथ्यों को शिलापट्ट पर उकेरा जाएगा। स्थानीय अधिकारी के मुताबिक यह प्रयास किया जा रहा है कि इस शिलापट्ट का उद्घाटन जीएम से कराया जाए। 15 मार्च को जीएम का निरीक्षण होना है।

 

जंक्शन पर जिले के इतिहास से संबंधित शिलापट्ट लगाने की योजना है। इस दिशा में कार्य चल रहा है। उम्मीद है कि जल्द लोगों के सामने यह होगा। जिले के इतिहास को बताने में यह पट्ट सहायक होगा। -मनोज कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी

Input : Hindustan

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