पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के मध्‍य बढ़ते तनाव के बीच चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चेतावनी दी है कि यदि सीमा पर तनाव जारी रहता है तो भारत को चीन, पाकिस्तान और नेपाल से सैन्य दबाव का सामना करना पड़ सकता है। उसके इस भड़काऊ बयान से नई दिल्‍ली और बीजिंग के बीच द्विपक्षीय तनाव बढ़ने की प्रबल आशंका है। शंघाई अकेदमी ऑफ सोशल साइंसेज के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के शोध सहयोगी हू झिओंग का हवाला देते हुए समाचार पत्र में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया है कि भारत एक ही समय में चीन, पाकिस्‍तान और नेपाल के साथ सीमा विवाद में लगा हुआ है।

Coronavirus update: President Xi Jinping orders military to help ...

तीन मोर्चों पर मिल सकती है भारत को चुनौती

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र में कहा गया है कि पाकिस्‍तान चीन का एक विश्‍वसनीय रणनीतिक‍ि साझेदार है। इसके साथ ही नेपाल से भी चीन के साथ घनिष्‍ठ संबंध हैं। पाकिस्‍तान और चीन दोनों ही चीन प्रस्‍तावित बेल्‍ट एडं रो इनिशिएटिव के तहत महत्‍वपूर्ण साझेदार हैं। मुखपत्र में कहा गया है कि अगर भारत सीमा पर तनाव बढ़ाता है तो वह दो या दो से अधिक मोर्चों पर सैन्‍य दबाव का सामना कर सकता है। उन्‍होंने कहा कि तीन मोर्चों पर सामना करना भारत की सैन्‍य क्षमता के परे की बात है। इससे भारत की विनाशकारी हार हो सकती है।

The Chinese army just informed everyone that the internet means ...

खूनी संघर्ष के लिए भारतीय सैनिक जिम्‍मेदार

ग्‍लोबल टाइम्‍स के हवाले से कहा गया है कि चीन का सीमा रेखा में बदलाव का कोई इरादा नहीं है। इसमें आगे कहा गया है कि वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों सेनाओं के बीच जो खूनी संघर्ष हुआ उसके लिए भारतीय सैनिक जिम्‍मेदार हैं। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को उकसाया है। इसलिए सीमा पर 20 भारतीय सैनिकों की मौत के लिए वे खुद जिम्‍मेदार है। चीन ने अपनी करतूत को छिपाने के लिए राज्‍य मीडिया के हवाले से 15 जून की घटना की जांच की मांग की है। चीन ने कहा है कि भारत को इस घटना की पूरी जांच करनी चाहिए, जिसमें कर्नल रैंक के अधिकारी समेत 20 भारतीय सेना के जवानों की मौत हो गई।

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