बाइक चुराने के बाद उसके रजिस्ट्रेशन नंबर से मोबाइल नंबर निकाल पीडि़त को वीडियो कॉल करते थे। वीडियो कॉल के जरिए चोरी की बाइक भी उन्हें दिखाते थे। बाइक वापस करने के लिए ई-वॉलेट में रुपये मांग रहे थे। इस तरह के हाईटेक वाहन चोर गिरोह के दो शातिर को पत्रकारनगर थाने की पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों की पहचान नीतिश और रोहित कुमार के रूप में हुई, जो मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं। दोनों की गिरफ्तारी अशोक नगर रोड नंबर 15 और रोड  नंबर 14 से की गई। इनकी निशानदेही पर चोरी की तीन बाइक  भी पुलिस ने बरामद किया है।

स्क्रीन शॉट लेकर थानेदार से मिला पीडि़त छात्र

25 जनवरी को पत्रकारनगर के मुन्नाचक से छात्र अभिषेक कुमार की बाइक चोरी हो गई। अभिषेक मुन्नाचक इलाके में रहकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करता है। घटना के कुछ दिनों बाद अभिषेक के मोबाइल पर एक अंजान नंबर से वीडियो कॉल आया। वीडियो कॉल कर बदमाश ने कहा कि तुम्हारी बाइक हम लोगों के पास है। लेना है तो 12 हजार रुपये मेरे पेटीएम में डाल दो। अभिषेक ने वीडियो कॉल का स्क्रीन शॉट लेकर 11 फरवरी को थानेदार मनोरंजन भारती से मिलने पहुंच गया। इसके बाद पुलिस तस्वीर और मोबाइल नंबर की जांच में जुट गई।

बदले देते थे नंबर, गैरेज में बाइक की रिमॉडिलिंग

मंगलवार की रात पुलिस ने आरोपित की पहचान नीतिश कुमार के रूप में की, जिसे अशोकनगर नगर रोड नंबर 15 से गिरफ्तार कर लिया। उसके दूसरे साथी रोहित को भी रोड नंबर 14 से दबोच लिया गया। पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर एक गौशाला से पहले चोरी की दो बाइक को बरामद किया। लेकिन, उसमें अभिषेक नहीं थी। इसी बीच, कोने में खड़ी एक अन्य बाइक पर पुलिस की नजर पड़ी। उसका नंबर गलत था। नंबर बुलेट का लगा हुआ था। बाइक की रिमॉडिलिंग की गई थी। पुलिस ने जब उसके इंजन और चेचिस नंबर की जांच की तो पता चला कि वह अभिषेक की है। पूछताछ में दोनों बताया कि वह चोरी के बाइक बाइक का नंबर बदल देते थे। पुलिस को संदेह न हो इसलिए बाइक की रिमॉडिलिंग करा देते थे।

गर्लफ्रेंड और महंगे शौक ने बना दिया अपराधी

थानेदार मनोरंजन भारती ने बताया कि कई थाना इलाकों में इन दोनों और इसके गिरोह ने बाइक चोरी की है। दोनों बीए के छात्र भी है। एक किसान और दूसरा राजमिस्त्री का बेटा है। दोनों गर्लफ्रेंड, रेस्टोरेंट में महंगे खाने और अन्य शौक को पूरा करने के लिए पिछले चार माह से यह बाइक चोरी कर रहे थे। बाइक को पांच से छह हजार में बेच देते थे।

Input: Dainik Jagran

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